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कश्मीर से अपने डाक्टर-नर्सें मांग रहा लद्दाख, कश्मीर के 3 जिलों में तैनात हैं लद्दाख के 85 स्वास्थ्य कर्मी

केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद विकास की राह पर आगे बढ़ रहा लद्दाख कोरोना से उपजे हालात में कश्मीर में तैनात अपने डाक्टर नर्सें व पैरामेडिकल स्टाफ वापस मांग रहा है। लद्दाख के लेह व कारगिल जिलों में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने की मुहिम जारी है।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Thu, 17 Jun 2021 07:11 PM (IST)Updated: Thu, 17 Jun 2021 07:11 PM (IST)
कश्मीर से अपने डाक्टर-नर्सें मांग रहा लद्दाख, कश्मीर के 3 जिलों में तैनात हैं लद्दाख के 85 स्वास्थ्य कर्मी
इस समय कश्मीर संभाग में लद्दाख के 85 स्वास्थ्य कर्मी तैनात है।

जम्मू, राज्य ब्यूरो । केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद विकास की राह पर आगे बढ़ रहा लद्दाख कोरोना से उपजे हालात में कश्मीर में तैनात अपने डाक्टर, नर्सें व पैरामेडिकल स्टाफ वापस मांग रहा है।इस समय लद्दाख के लेह व कारगिल जिलों में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने की मुहिम जारी है।

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ऐसे में अस्पतालों में प्राइमरी हेल्थ सेंटर में स्वास्थ्य कर्मियों की कमी पूरी करने के लिए कश्मीर में तैनात लद्दाख के स्वास्थ्य कर्मियों की वापसी पर जोर दिया जा रहा है।इस समय कश्मीर संभाग में लद्दाख के 85 स्वास्थ्य कर्मी तैनात है। इनमें से 22 मेडिकल कालेज श्रीनगर, 9 स्किम्स बेमीना, 5 स्किम्स सौरा, 13 मेडिकल कालेज अनंतनाग, 13 मेडिकल कालेज बारामूला व 1 स्वास्थ्य विभाग अनंतनाग में तैनात है। इनके साथ कुछ और लद्दाख के कर्मी भी हैं जिनके घर वापसी के लिए कश्मीर प्रशासन की ओर से कार्रवाई नही की जा रही है।

स्थानीय डाक्टरों को वापस लाने के मुद्दे पर लद्दाख के कई प्रतिनिधिमंडलों ने भाजपा से भेंट कर यह मुद्दा जोरशोर से उपराज्यपाल प्रशासन से उठाने की मांग की है। ऐसे में भाजपा की कारगिल जिला इकाई के मीडिया सचिव मोहम्मद हसन पाशा ने यह मुद्दा स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव डा पवन कोतवाल से उठाया है।

पाशा इस मुद्दे को लेकर जल्द उपराज्यपाल आरके माथुर से भेंट करने की भी तैयारी कर रहे हैं।मोहम्मद हसन पाशा का कहना है कि कश्मीर में तैनात लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेशा बनने पर कश्मीर में तैनात क्षेत्र के स्वास्थ्य कर्मियों ने वर्ष 2019 में लिखित में आवेदन किया था कि उन्हें घर भेजा जाए। गत वर्ष यह मुद्दा कश्मीर प्रशासन, जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल व मुख्यसचिव से भी उठाया था। इसके बाद भी जम्मू कश्मीर प्रशासन की ओर से अब तक कोई कार्रवाई न किए जाने से लद्दाखी कर्मी निराश हैं।

जम्मू कश्मीर में कोरोना से उपजे हालात में बेहतरी का हवाला देते हुए पाशा ने कहा कि अब लद्दाख डाक्टरों, मेडिकल स्टाफ को वापस भेजने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि लोगों के सब्र को न आजमाते हुए दोनों केंद्र शासित प्रदेशों का प्रशासन आपसी समन्वय से इस मसले का समाधान करे।  


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