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जम्मू के सरकारी अस्पताल में बिस्तरों की कमी, ऑक्सीजन के साथ मरीज पार्क में

कोविड मरीजों की लगातार बढ़ रही संख्या के चलते वीरवार को जम्मू के प्रमुख अस्पताल कम पड़ गए हैं। मरीजों को अस्पताल पहुंचने पर ऑक्सीजन तो मुहैया करवा दी गई लेकिन बिस्तर के लिए वार्ड के स्थान पर अस्पताल के पार्क ही मिले।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Thu, 06 May 2021 07:14 PM (IST)Updated: Thu, 06 May 2021 07:14 PM (IST)
जम्मू के सरकारी अस्पताल में बिस्तरों की कमी, ऑक्सीजन के साथ मरीज पार्क में
बिस्तर के लिए वार्ड के स्थान पर अस्पताल के पार्क ही मिले।

जम्मू, राज्य ब्यूरो । कोविड मरीजों की लगातार बढ़ रही संख्या के चलते वीरवार को जम्मू के प्रमुख अस्पताल कम पड़ गए हैं। मरीजों को अस्पताल पहुंचने पर ऑक्सीजन तो मुहैया करवा दी गई लेकिन बिस्तर के लिए वार्ड के स्थान पर अस्पताल के पार्क ही मिले। सरकार और जीएमसी प्रशासन के सभी दावे खोखले नजर आए। घंटों इंतजार करने के बाद मरीजों को बिस्तर मिले। इससे मरीजों के तीमारदारों में रोष देखने को मिला।

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हालांकि बिस्तरों की समस्या अभी भी पहले की तरह ही बनी हुई है। इसी बीच प्रशासन अब बिस्तरों की कमी को पूरा करने के लिए अन्य अस्पतालों को भी कोविड अस्पतालों में बदल रहा है। जीएमसी प्रशासन अस्पतालों में बिस्तर खाली होने के दावे लगातार कर रहा था। लेकिन वीरवार को जब अचानक कई मरीज एम्बुलेंस से जम्मू के सीडी अस्पताल में जांच के लिए पहुंचे तो वहां पर एक भी बिस्तर खाली नहीं था। यह वह अस्पताल है जहां पर कोविड के मरीजों की प्रारभिक जांच करने के बाद उन्हें अन्य कोविड अस्पतालों में मरीज की हालत देखकर भर्ती किया जाता है। लेकिन न तो बिस्तर जीएमसी में था और न ही सीडी और सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में। यह मरीज वे थे जिन्हें हाई फ्लो ऑक्सीजन की जरूरत थी।

हालांकि अस्पताल प्रशासन ने एक समझदारी जरूर की कि अस्पताल पहुंचने पर सभी मरीजों को ऑक्सीजन सिलेंडर दे दिए और उन्हें बिस्तर के लिए इंतजार करने को कहा। इसके बाद मरीज व उनके तीमारदार असहाय नजर आए। कोई अपने मरीज को ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर अस्पताल के प्रागंण में बने पार्क में ले गया तो किसी ने वार्ड के बाहर ही लिटा दिया। वे लगातार सरकार से बिस्तर मुहैया करवाने की मांग करते रहे।

सीडी अस्पताल में बिश्नाह क्षेत्र से अपने बेटे का इलाज करवाने पहुंचे बिशन दास ने बताया कि उसके बेटे को पिछले चार दिन से बुखार था और उसमें संक्रमण की पुष्टि हुई। आज थोड़ी हालत खराब थी तो वे पहले उप जिला अस्पताल बिश्नाह में बेटे को दिखाने के लिए आया। लेकिन उन्होंने जम्मू में दिखाने को कहा। इसके बाद जब यहां पहुंचा उसे डाक्टरों ने साफ बोल दिया कि अभी कोई भी बिस्तर नहीं है। अाप घर पर मरीज को ले जाओ। इसके बाद ऑक्सीजन सिलेंडर देकर इंतजार करने को कहा गया। कुछ अन्य मरीजों ने भी इसी तरह की बात कही। लेकिन सभी ने यह माना कि अस्पताल की ओर से उन्हें ऑक्सीजन सिलेंडर दिए गए थे।

सीडी अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा. राजेश्वर शर्मा का कहना है कि वीरवार को सुबह 10 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक 125 मरीजों को भर्ती किया गया। जो भी मरीज यह कह रहे हैं कि उन्हें बिस्तर नहीं दिए गए, वे गलत हैं। यहां पर आने वाले सभी मरीजों के पहले टेस्ट करवाए जाते हैं और उनकी हालत के अनुसार उन्हें अस्पतालों में भर्ती किया जाता है। यह देखना जरूरी है कि उन्हें किस स्तर के इलाज की जरूरत है। उन्होंने कहा कि एक महिला को डायलिसेस की जरूरत थी। उसका डायलिसेस भी करवाया गया। सभी मरीजों को उनके टेस्ट करवा कर भर्ती किया गया। सीडी अस्पताल में 95 मरीज भर्ती हैं। कुछ बिस्तर अभी भी खाली हैं।

वहीं जीएमसी की प्रिंसिपल डा. शशि सूदन ने स्वीकार किया कि अस्पतालों में अब मरीजों की संख्या बढ़ी है। उन्होंने कहा कि जीएमसी में वीरवार को सभी 410 बिस्तर भरे हुए थे। दोपहर को 22 मरीजों को छुट्टी दे दी गई। इसके बाद जो मरीज इलाज के लिए इंतजार कर रहे थे, उन्हें जीएमसी, सुपर स्पेशलिटी ओर सीडी अस्पताल में भर्ती किया गया। यह सीडी अस्पताल में टेस्ट करने के बाद ही फैसला किया जाता है कि मरीज को किस स्तर के अस्पताल में भर्ती करना है।

यह है भर्ती करने का नियम

जम्मू संभाग में प्रशासन ने कोविड के मरीजों को भर्ती करने के लिए त्रिस्तरीय व्यवस्था बनाई है। इसमें सुविधाओं के लिहाज से अस्पतालों को तीन स्तर पर बांटा गया है। इसमें किसी भी कोरोना मरीज को सबसे पहले सीडी अस्पताल में जांच करवानी पड़ती है। वहीं पर डाक्टर यह तय करते हैं कि मरीज को किस स्तर के अस्पताल में भर्ती करना है। 


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