जंग की आहट से प्रवासी श्रमिकों ने किया घरों का रुख
भारत व पाकिस्तान के दौरान बिगड़े हालातों को लेकर श्रमिक वर्ग भी काफी चिंतित है। उन्हें भी अपने परिवारों की चिंता सता रही है।
मीरां साहिब। भारत और पाकिस्तान के मध्य बढ़ रहे तनाव व जंग की आहट से क्षेत्र में रह रहे प्रवासी श्रमिक भी सहम गए हैं। उन्होंने अपने घरों का रुख कर लिया है। लोगों को अपने घरों में मकान के निर्माण के लिए प्रवासी श्रमिक नहीं मिल पा रहे। कस्बे के मुख्य चौक में अकसर सुबह सैंकड़ो की संख्या में प्रवासी श्रमिक खड़े रहते थे, जहां पर अब केवल गिने चुने ही श्रमिक मिल रहे हैं।
भारत व पाकिस्तान के दौरान बिगड़े हालातों को लेकर श्रमिक वर्ग भी काफी चिंतित है। उन्हें भी अपने परिवारों की चिंता सता रही है। वे भी जल्द से जल्द अपने परिवार के पास जाना चाहते हैं। इस संबंध में प्रवासी श्रमिक गणेश चतुर्वेदी, रामा प्रसाद, ओम प्रकाश आदि ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से भारत व पाकिस्तान के हालात कुछ ज्यादा ही नाजुक हो गए हैं जिसके चलते उनके अभी तक अधिकतर श्रमिक दोस्त अपने घरों की और चले गए हैं।
अब कुछ गिने चुने ही लोग क्षेत्र में रह रहे हैं। उन्हें भी डर सता रहा है कि अगर कहीं भारत पाकिस्तान के मध्य जंग छिड़ गई तो वह कैसे अपने घरों को जा पाएंगे। उनका कहना है कि अब भारत को पीछे नहीं हटना चाहिए पाकिस्तान को सबक सिखा कर ही दम लेना चाहिए। भारत-पाकिस्तान के दौरान हालात नाजुक होने के कारण ही वह अपने घरों की ओर जा रहे हैं। कस्बे मुख्य चौक में प्रवासी श्रमिक को अपने घर में निर्माण कार्य कराने के लिए ढूंढने आए चमन लाल, सरदारी लाल, कुंदन लाल आदि का कहना है कि उन्हें निर्माण कार्य के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं। जो मिल रहे हैं वह भी ज्यादा दिहाड़ी की मांग कर रहे हैं।
लोगों का कहना है कि बेशक उन्हें अपने मकान बनाने के लिए श्रमिक नहीं मिल रहे वह कुछ इंतजार कर लेंगे मगर अब भारत को बिल्कुल भी इंतजार नहीं करना चाहिए पाकिस्तान के साथ आर पार हो ही जाना चाहिए।