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क्षीर भवानी मेले में शामिल होकर सकुशल घाटी वापसी की प्रार्थना करेंगे कश्मीरी हिंदू, गांदरबल के तुलमुला में मेला 8 को

मेले में शामिल होने व मां राघेन्या के दरबार में माथा टेकने के लिए प्रशासन और कश्मीरी हिंदुओं की संस्था सोन कश्मीर की ओर से बसों की व्यवस्था की गई है। जम्मू से बसों में सवार होकर तीन जत्थे रवाना होंगे।पहला जत्था चार जून को रवाना होगा।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Published: Tue, 31 May 2022 09:43 AM (IST)Updated: Tue, 31 May 2022 09:43 AM (IST)
क्षीर भवानी मेले में शामिल होकर सकुशल घाटी वापसी की प्रार्थना करेंगे कश्मीरी हिंदू, गांदरबल के तुलमुला में मेला 8 को
देश के विभिन्न हिस्सों से भी बड़ी संख्या में कश्मीरी हिंदुओं के मेले में पहुंचने की पूरी संभावना है।

जम्मू, जागरण संवाददाता : कश्मीर के गांदरबल जिले के तुलमुला में आठ जून को ज्येष्ठ अष्टमी पर लगने वाले क्षीर भवानी मेले को लेकर कश्मीरी हिंदुओं में खासा उत्साह है। कोरोना महामारी के कारण दो साल क्षीर भवानी मेला नहीं हो पाया था। इस बार श्रद्धालुओं के साथ-साथ प्रशासन ने भी तैयारियां तेज कर दी हैं। इस मेले में शामिल होने व मां राघेन्या के दरबार में माथा टेकने के लिए प्रशासन और कश्मीरी हिंदुओं की संस्था सोन कश्मीर की ओर से बसों की व्यवस्था की गई है। जम्मू से बसों में सवार होकर कुल तीन जत्थे रवाना होंगे।

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पहला जत्था चार जून को और छह जून दो जत्थे तुलमुला के लिए रवाना होंगे। इसके अलावा अपने निजी वाहनों से भी श्रद्धालु तुलमुला जाएंगे। देश के विभिन्न हिस्सों से भी बड़ी संख्या में कश्मीरी हिंदुओं के मेले में पहुंचने की पूरी संभावना है। वहीं, कश्मीर में पिछले दिनों कश्मीरी हिंदुओं पर आतंकी हमले की घटनाओं से कुछ श्रद्धालु चिंतित जरूर हैं, लेकिन उनको पूर्ण विश्वास है कि मां राघेन्या सब ठीक करेंगी और उनकी सकुशल कश्मीर वापसी की राह खुलेगी। आतंकवाद के चलते अधिकतम कश्मीरी ङ्क्षहदू पिछले 32 साल से अपने घरों से दूर हैं।

क्षीर भवानी मेले में जाने के लिए सोन कश्मीर की ओर से निजी बसें चार जून को जम्मू के जगटी से रवाना होंगी। पहले जाने वाले श्रद्धालुओं को दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में स्थित मंझगाम मंदिर, कुलगाम में खनवरन मंदिर, श्रीनगर के लकटीपुर में स्थित मंदिर के भी दर्शन कराए जाएंगे। सोन कश्मीर के प्रधान शादी लाल पंडिता ने कहा कि इसको लेकर श्रद्धालुओं की बुकिंग जारी है। वहीं दूसरा जत्था छह जून को रवाना होगा, जो सीधा तुलमुला जाएगा। इसी दिन प्रशासन की ओर से भी करीब 60 बसे जम्मू के विभन्न हिस्सों से रवाना होंगी।

जम्मू के भवानी नगर में भी लगेगा मेला : जम्मू के भवानी नगर में भी आठ जून को क्षीर भवानी मेला लगेगा। इसके लिए भी तैयारियां शुरू हो गई हैं। कश्मीरी हिंदू संजय गंजू ने बताया कि काफी लोग इस बार कश्मीर में क्षीर भवानी मेले में शामिल होने के लिए जा रहे हैं, लेेकिन जो नहीं जा पाएंगे वे जम्मू में लगने वाले क्षीर भवानी मेले में आकर माथा टकेंगे। हर कश्मीरी हिंदू मां राघेन्या से यही कामना करता है कि उनकी सकुशल घाटी वापसी हो।

वह दिन जरूर आएगा जब हमारी कश्मीर वापसी होगी : कश्मीरी हिंदू राजू पंडिता ने कहा कि वह इस बार तुलमुला जरूर जाएंगे। अगर कश्मीरी हिंदू घाटी में ही रह रहे होते तो हर साल वे वहां लगने वाले क्षीर भवानी मेले में शामिल होते, लेकिन कश्मीर में बने हालात ने कश्मीरी हिंदू को अपनी ही मिट्टी से दूर कर दिया। उन्होंने कहा कि कश्मीर के मौजूदा हालात से कुछ श्रद्धालु चिंतित जरूर हैं, लेकिन मां का आशीर्वाद रहा तो वह दिन भी जरूर आएगा जब हमारी कश्मीर में सकुशल वापसी होगी।

सरोवर में खीर व दूध किया जाता है अर्पण : गांदरबल के तुलमुला में माता क्षीर भवानी के मंदिर में स्थित सरोवर में कश्मीरी हिंदू दूध, फूल, खीर, चावल अर्पण करते हैं और सुख-शांति की कामना करते हैं। इस सरोवर में हमेशा सफेद रंग का तरल पदार्थ निकलता रहता है, श्रद्धालुओं का मानना है कि यह दूध (क्षीर) है। इसलिए इस मंदिर व मेले का नाम क्षीर भवानी पड़ा।


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