तलवारबाजी में नाम रोशन कर रही कृतार्थी
जागरण संवाददाता, जम्मू : जिंदगी में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो कोई भी लक्ष्य मुश्किल नहीं होता।
जागरण संवाददाता, जम्मू : जिंदगी में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो कोई भी लक्ष्य मुश्किल नहीं होता। दसवीं की छात्रा कृतार्थि कोतवाल भी इसी जज्बे के साथ आगे बढ़ रही है। उसका सपना ओलंपिक में पदक जीत कर देश का नाम रोशन करना है। दुनिया को दिखा देना चाहती है कि झांसी की रानी से प्रेरित बेटियां जब तलवार उठा लें तो किसी भी प्रतियोगिता में पदक जीतना मुश्किल नहीं। कृतार्थि अपने लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रही है। सिर्फ चार वर्ष के फेंसिंग के सफर में ही उसने राष्ट्रीय स्तर पर विशेष पहचान बना ली है। इस वर्ष ओडिशा में आयोजित नेशनल फें¨सग चैंपियनशिप में टीम में जम्मू-कश्मीर को स्वर्ण पदक, एकल वर्ग में कांस्य पदक जीत कर राज्य का गौरव बढ़ाया।
इसी प्रदर्शन के आधार पर उसे खेलो इंडिया के लिए रायपुर छत्तीसगढ़ में आयोजित चयन शिविर में भाग लेने का मौका मिला। कैंप में अपने प्रदर्शन से सभी को कायल करने वाली कृतार्थि के ओलंपिक में पदक जीतने के सपनों को पंख लगते दिख रहे हैं। कृतार्थि फें¨सग सेबर में राज्य ही नहीं, देश की प्रतिभाशाली खिलाड़ियों में से है।
उसने छठी कक्षा में पढ़ते हुए फें¨सग खेलनी शुरू की। राज्य में शानदार प्रदर्शन करते हुए अपने आयुवर्ग में नांदेड़, महाराष्ट्र में आयोजित फें¨सग प्रतियोगिता में सब जूनियर टीम वर्ग में कांस्य पदक जीता। इस पदक से हौंसले बुलंद हुए। अगले ही वर्ष ग्वालियर में आयोजित राष्ट्रीय फें¨सग प्रतियोगिता में टीम में स्वर्ण, एकल में रजत पदक जीता। पिछले वर्ष तेलंगाना में आयोजित स्कूल नेशनल गेम्स में स्वर्ण पदक जीता। कृतार्थि के पिता सुरेंद्र ¨सह कोतवाल स्वयं युवा सेवा एवं खेल विभाग में लेक्चरर हैं। उन्हीं के विभाग के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी उज्ज्वल गुप्ता ने कृतार्थि को फें¨सग खेलने के लिए प्रेरित किया। इस पर उन्होंने उज्ज्वल को प्रशिक्षण देने का आग्रह किया। प्रतिभा को तराशने में माहिर उज्ज्वल ने एक वर्ष में ही कृतार्थि को इस काबिल बना दिया कि आज राज्य को उस पर गर्व है। कृतार्थि के प्रदर्शन से प्रभावित होकर उसके बडे़ भाई रुद्र प्रताप ¨सह ने भी फें¨सग खेलना शुरू किया और आज वह भी भारतीय टीम के दरवाजे खटखटा रहा है।
कृतार्थि के कोच उज्ज्वल और छोटू लाल को विश्वास है कि जिस लगन से वह मेहनत कर रही है, जरूर देश का नाम रोशन करेगी। वहीं राज्य की इस बेटी का मानना है कि घर परिवार और कोच उज्ज्वल गुप्ता एवं राज्य के फें¨सग के दूसरे सीनियर खिलाड़ी जिस लगन से फें¨सग के लिए जी-जान से जुटे हुए हैं, उनसे हर दिन नई ऊर्जा मिलती है।
कृतार्थि मानती है कि खेल और पढ़ाई को साथ चला पाना मुश्किल है। लेकिन जिस तरह से केंद्रीय खेल मंत्री खेलों के बढ़ावे के लिए काम कर रहे हैं, इससे जरूर खिलाड़ियों से न्याय होगा। उसका विश्वास है कि हिम्मत करने वालों के लिए कुछ मुश्किल नहीं होता। सुन कर विश्वास होता है कि एक दिन जम्मू की यह बेटी जरूर फें¨सग में देश का नाम रोशन करेगी।