कचरे के खिलाफ करडोमा में बैठक, प्रदर्शन - फोटो सहित
-नगर निगम शहर के कचरे को गांवों में फेंकना बंद करे जागरण संवाददाता, जम्मू : कचरा निस्
-नगर निगम शहर के कचरे को गांवों में फेंकना बंद करे जागरण संवाददाता, जम्मू : कचरा निस्तारण को लेकर शहर के बाहरी क्षेत्र कोट भलवाल के लोगों में रोष कम नहीं हो रहा। भलवाल पंचायत के करडोमा इलाके में लोगों ने बैठक कर शहर के कचरे को गांवों में फेंकने का विरोध किया। लोगों ने सरकार विरोधी नारेबाजी की। उनका कहना था कि सरकार जनहित को भूल चुकी है। कुर्सियां बचाने के लिए कोई भी फैसला लिया जा रहा है। सारे शहर की गंदगी ग्रामीणों के सिर पर फेंकना शुरू कर दी है। इसके परिणाम सरकार को भुगतने ही पड़ेंगे।
वीरवार को करडोमा गांव में रायपुर-दोमाना संघर्ष समिति के बैनर तले इस बैठक का आयोजन किया गया। समिति के सदस्यों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर सरकार के फैसले के खिलाफ रोष व्यक्त किया। ग्रामीणों ने कहा कि वे समिति के साथ हैं। इस मसले को राजनीति से नहीं जोड़ने दिया जाएगा। नगर निगम शहर की गंदगी को ग्रामीण इलाके के बजाय कहीं जंगलों अथवा किसी और स्थान पर फेंक कर ठिकाने लगाने की व्यवस्था करे। रोजाना सैकड़ों टन गंदगी यहां लाकर फेंकी जा रही है। समिति के चेयरमैन राजदेव ¨सह, प्रधान नरेश सलगोत्रा ने ग्रामीणों के साथ बैठक में संबोधित करते हुए कहा कि नगर निगम ने अदालत में कोट भलवाल में अपनी जमीन होने का हवाला देकर कचरा फेंकने की व्यवस्था बना डाली। यह नहीं सोचा गया कि शहर भर की गंदगी जब गांव में पड़ेगी तो इलाके में रहने वालों को जीना मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि मामले को अदालत में भी चुनौती दी गई थी। इस पर कार्रवाई शुरू हो चुकी है। अधिकारियों को तलब करने के साथ बहस जारी है। उम्मीद कर सकते हैं कि अदालत जनहित के खिलाफ नहीं जाएगी। उन्होंने कहा कि नगर निगम ने मास्टर प्लान 2032 का भी पालन नहीं किया है। रोजाना जम्मू शहर से निकलने वाली 400 मीट्रिक टन गंदगी को नगर निगम यहां ठिकाने लगा रहा है।
पिछले डेढ़ महीने से भी ज्यादा समय हो चुका है। गंदगी के ढेर लगने से इलाके में बदबू फैल गई है। पहले तो पास के गांव में खाना-पीना मुश्किल हो रहा था। अब तो दूसरे गांवों में भी इसका असर दिखने लगा है। कोट भलवाल के आसपास के सभी गांव इस मसले को लेकर एकजुट हो गए हैं। पार्टीबाजी, राजनीति से ऊपर उठकर समिति जन कल्याण के लिए काम कर रही है। हम किसी भी सूरत में पीछे नहीं हटेंगे। शहर की गंदगी को यहां ठिकाने लगाने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014, 2016 में भी नगर निगम यह प्रयास कर चुका है। पहले भी लोग इसका विरोध कर रहे थे। आज भी इसके खिलाफ हैं। नगर निगम सरकार से कहीं ओर इसके इंतजाम करवाए। बैठक में मुंशी राम, बोध राज, बाला रामा, चुनी लाल, रूप लाल आदि मौजूद थे।
----अंचल ¨सह--------