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जानिए महबूबा मुफ्ती क्यों बोली- अब भाजपा से आजादी का वक्त आ गया है

महबूबा मुफ्ती ने कहा कि यह लोग हमें गुजरात और दिल्ली दंगों की याद दिलाते हैं। हमें 84 के दंगे याद दिलाते हैं ताकि हम डर जाएं। लेकिन आपको डरना नहीं है अगर आप डर गए तो समझो मर गए। इनका मुकाबला करना है लेकिन पत्थर से नहीं।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Mon, 17 Jan 2022 05:33 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jan 2022 05:55 PM (IST)
जानिए महबूबा मुफ्ती क्यों बोली- अब भाजपा से आजादी का वक्त आ गया है
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती

जम्मू, जागरण ब्यूरो। जाे डर गया, समझो मर गया। इसलिए डरना नहीं,घबराना नहीं है। हमें मुकाबला करना है-पत्थर से नहीं बल्कि कलम और किताब से। इतिहास कभी-कभी मौका देता है और आज हिंदुस्तान में 70 साल बाद नौजवानों को मौका मिला है। इस देश को भाजपा से आजाद कराने के लिए। इसलिए हिंदु-मुस्लिम-सिख ईसाई का भेदभाव मिटाकर एकजुट होकर आगे बढ़ना है।

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पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को जनजातीय युवा पीडीपी सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा। अपने भाषण में महबूबा मुफ्ती ने जनजातीय कल्याण की कम, भाजपा की निंदा ही ज्यादा की। उन्होंने भाजपा पर देश में सांप्रदायिकता बढ़ाने का आरोप लगाते हुए सम्मेलन में मौजूद युवाओं को यह संदेश देने का प्रयास किया कि मुस्लिमों को मुस्लिम होने के कारण तथाकथित तौर पर प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्हाेंने सरकारी जमीनों से अतिक्रमण हटाने के अभियान को भी मजहबी रंग देने की कोशिश की। जम्मू प्रांत के विभिन्न जिलों से पीडीपी के बैनर तले जमा हुए गुज्जर-बक्करवार समुदाय के युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज पूरे मुल्क में डर का माहौल है। जम्मू कश्मीर में तो और भी बुरा हाल है। यहां पकड़-धकड़ का माहौल है। जो भी भाजपा या केंद्र के खिलाफ बोलता है, उसे देशद्रोही बता दिया जाता है।

उन्होंने कहा कि यहां मुस्लिमों को कहा जाता है कि आप बाबर और औरंगजेब की औलाद हो। अगर वह मुस्लिमों का बाप है तो उसे फिर यह लोग क्यों याद कर रहे हैं। इन्हें इसलिए यह याद है क्योंकि उत्तर प्रदेश में चुनाव हैं और वहां लोगों केा बताने के लिए कुछ नहीं है। वहां कोई अस्पताल नहीं बनाया, वहां कोई तरक्की नहीं हुई। वहां लोगों को कोरोना में गंगा में लाशें बहती देखी हैं।

महबूबा मुफ्ती ने कहा कि यह लोग हमें गुजरात और दिल्ली दंगों की याद दिलाते हैं। हमें 84 के दंगे याद दिलाते हैं ताकि हम डर जाएं। लेकिन आपको डरना नहीं है, अगर आप डर गए तो समझो मर गए। इनका मुकाबला करना है, लेकिन पत्थर से नहीं। हमें कलम और किताब से इनका मुकाबला करना है। यह चाहते हैं कि हम लोग हिंसा करें ताकि यह हमें हिंसक साबित कर सकें, यूएपीए के तहत गिरफ्तार कर सकें। इसलिए मेरी आप सभी नौजवानों से अपील है कि आप पढ़ो और मजबूती के साथ आगे बढ़ो। इतिहास में कभी-कभी ही युवाओं के योगदान का मौका आता है और आज 70 साल बाद हमें इस देश को भाजपा से आजाद कराने का मौका मिला है।

भाजपा से इस देश को छुड़ाना है। यह देश को बांटना और तोड़ना चाहती है। पीडीपी अध्यक्षा ने जम्मू काे धार्मिक सद्भाव का प्रतीक बताते हुए कहा कि अब यह लोग जम्मू में भी लोगों को हिंदु-मुस्लिम, गुज्जर-डोगरा के नाम पर लड़ाने पर तुले हैं। चुप रहना कोई विकल्प नहीं है। हमें बोलना होगा, मुकाबला करना होगा, अन्यथा आने वाले समय में लोग पूछेंगे कि जब मौका था उस समय का नौजवान कहां था। यह सवाल रुपनगर में गुज्जर भाइ्रयों के घरों को तोड़ने का नहीं है, यह सवाल हम सभी का है। इसलिए जाग जाओ।

उन्होंने हरिद्वार में हुई धर्मसंसद में कुछ लोगों के आपत्तिजनक बयानों का हवाला देते हुए कहा किसी भाजपा नेता ने उनकी निंदा नहीं की। जम्मू कश्मीर के लोगों ने गांधी के हिंदुस्तान के साथ हाथ मिलाया था, लेकिन यह तो गोडसे का हिंदुस्तान बना रहे हैं। यह हिंदु नहीं हो सकते, हिंदुओं का ठेकेदार बने यह लोग हिंदु़ का मतलब नहीं जानते। मैं जम्मू मे एक हिंदु परिवार में ही पली हूं और मुझे पता है कि एक हिंदु क्या सोचता है। हिंदु हो या मुसलमान हम सभी की रगों में एक ही रंग का खून बहता है। हमें चारों तरफ दोस्ती फैलानी है। अगर हम घर में बैठ गए तो हमारा वजूद मिट जाएगा। 


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