जम्मू-कश्मीरः जानिए, आतंकी संगठनों में क्यों मची है खलबली
Terrorist. इस साल पहली जनवरी से 22 मई की दोपहर तक सुरक्षाबलों ने विभिन्न आतंकी संगठनों के 88 आतंकयों को मार गिराया है।
जम्मू, नवीन नवाज। कश्मीर घाटी में सुरक्षाबलों द्वारा आतंकियों के खिलाफ चलाए गए अभियान का असर नजर आने लगा है। मरने वाले आतंकियों की संख्या के लगातार बढ़ने के साथ साथ स्थानीय युवकों की आतंकी संगठनों में भर्ती भी धीमी हो चुकी है। बीते 142 दिनों के दिनों के दौरान वादी में हर 35वें घंटे के बाद एक आतंकी मारा जा रहा है, लेकिन नया आतंकी 85वें घंटे बाद ही पैदा हो रहा है। इससे आतंकी संगठनों में खलबली मची हुई है।
इस साल पहली जनवरी से 22 मई की दोपहर तक सुरक्षाबलों ने विभिन्न आतंकी संगठनों के 88 आतंकयों को मार गिराया है। इस दौरान सुरक्षाबलों के 86 जवान शहीद व 30 नागरिक मारे गए हैं। अधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 40 स्थानीय युवक आतंकी बने हैं।
उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी माह में दो नागरिक, 17 आतंकी और आठ सुरक्षाकर्मी मारे गए हैं, जबकि फरवरी माह में पांच नागरिक और 60 सुरक्षाकर्मियों के अलावा 22 आतंकी मारे गए। मार्च माह में 14 नागरिक, 19 आतंकी और 15 सुरक्षाकर्मी मारे गए हैं। अप्रैल माह में 11 आतंकी, तीन नागरिक और एक सुरक्षाकर्मी मारा गया है और मई माह के दौरान अब तक 19 आतंकी मारे जा चुके हैं, जबकि दो सुरक्षाकर्मी शहीद हुए हैं और तीन नागरिक आतंकी हिंसा की भेंट चढ़े हैं। अप्रैल माह में आतंकियों को मार गिराने के अभियान में एक जवान शहीद हुआ है।
सेना की उत्तरी कमान के जीओसी-इन-सी लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह के मुताबिक, वर्ष 2019 में 20 मई तक 86 आतंकी मारे गए थे, जबकि दो आतंकी आज मारे गए हैं। उत्तरी कमान के प्रमुख के अनुसार, इस साल अब तक सिर्फ 40 युवक ही आतंकी बने हैं। उन्होंने बताया कि इस साल अब तक बीते साल की तुलना में लगभग दुगने आतंकी मारे गए हैं। यह सब पुलिस, सेना व अन्य सुरक्षा एजेंसियों के बीच व्यापक समन्वय और ऑन ग्राऊंड खुफिया नेटवर्क की मजबूती से ही हो रहा है।
आतंकरोधी अभियानों में हिस्सा ले रहे राज्य पुलिस में एसएसपी रैंक के एक अधिकारी ने कहा कि बेशक यहां दावा किया जाए कि आतंकी हिंसा ज्यादा है। आतंकी हमले कर रहे हैं। लेकिन सच तो यह है कि आतंकी इस समय जबरदस्त दबाव में हैं। आंकड़ों के मुताबिक, अगर बात की जाए तो सुरक्षाबलों ने इस साल अब 142 दिनों में कुल 3408 घंटों के आधार पर हर 39वें घंटे में एक आतंकी को मार गिराया है। इसके विपरीत आतंकी संगठनों को अपने लिए नया आतंकी तलाशने में या फिर नया आतंकी पैदा करने में 85 घंटे लग रहे हैं। नागरिक हत्याओं की जिक्र करे तो इस साल अब तक 26 नागरिक आतंकी हिंसा की भेंट चढ़े हैं। मतलब 126वें घंटे में एक नागरिक की मौत।
उन्होंने कहा कि आतंकियों के लगातार मारे जाने से आतंकी सरगना हताश हैं, क्योंकि जिस तेजी से आतंकी मारे जा रहे हैं, उस तेजी से उन्हें अपने लिए नया कैडर नहीं मिल रहा है। सरहद पार से भी घुसपैठ करने में आतंकी कामयाब नहीं हो पा रहे हैं। आतंकी संगठन अपने लिए नया कैडर जुटाने के लिए हर तरीका अपना रहे हैं। वह हाल-फिलहाल आतंकी बने युवकों केा जबरन अपने संगठन में रोक रहे हैं। इसके अलावा कई लड़कों , जो उनके ओवरग्राउंड नेटवर्क के साथ संपर्क में हैं, की आतंकियों द्वारा हथियारों संग तस्वीरें लेकर उन्हें अपने संगठन में सक्रिय होने के लिए मजबूर कर रहे हैं। इस साल अब तक वादी में सुरक्षबालों ने अब तक करीब 200 से ज्यादा कासो चलाए हैं और अधिकांश आतंकी कासो के दौरान हुई मुठभेड़ों में ही मारे गए हैं।
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