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किश्तवाड़ पनबिजली योजनाओं पर पक्ष रखने के निर्देश

जेएनएफ, जम्मू : हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच ने किश्तवाड़ में 11 पनबिजली योजनाओं पर केंद्र सरक

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 08:27 PM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 08:27 PM (IST)
किश्तवाड़ पनबिजली योजनाओं पर पक्ष रखने के निर्देश
किश्तवाड़ पनबिजली योजनाओं पर पक्ष रखने के निर्देश

जेएनएफ, जम्मू : हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच ने किश्तवाड़ में 11 पनबिजली योजनाओं पर केंद्र सरकार व अन्य को नोटिस जारी करते हुए चार सप्ताह के भीतर पक्ष रखने के निर्देश जारी किए हैं।

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गुलाम रसूल नामक व्यक्ति ने जनहित याचिका दायर कर इन योजनाओं को क्षेत्रीय पर्यावरण के लिए खतरा करार देते हुए इन्हें रोकने की अपील की है। बेंच ने केंद्र सरकार को चार सप्ताह के भीतर अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा बेंच ने प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, जेएंडके पावर डेवलपमेंट कारपोरेशन, चीफ कंजरवेटर फॉरेस्ट व चिनाब वैली प्रोजेक्ट के मैने¨जग डायरेक्टर को भी अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए हैं।

जनहित याचिका में इन प्रोजेक्ट के कारण पेड़ कटने का मुद्दा उठाते हुए कहा गया है कि इससे क्षेत्र में पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचेगा। किश्तवाड़ क्षेत्र संवेदनशील सेसमिक जोन में है और बेतहाशा पेड़ कटने से भूकंप का खतरा बढ़ेगा। जनहित याचिका में कहा गया है कि बिना सोचे-समझे और पर्यावरण संरक्षण कानून का पालन किए किश्तवाड़ में एक साथ 11 प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई। इन प्रोजेक्ट से वन संपदा को भारी नुकसान होगा। प्रोजेक्ट के लिए हजारों हेक्टेयर जमीन के प्राकृतिक स्त्रोत नष्ट होंगे और हजारों पक्षी-जानवर प्रभावित होंगे, जिनमें कई ऐसी प्रजातियां हैं जो विलुप्त होने की कगार पर हैं। किश्तवाड़ पहले ही संवेदनशील सेसमिक जोन-4 में आता है। अगर व्यापक स्तर पर पेड़ों की कटाई होती है और पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है तो यहां रिक्टर स्केल पर आठ तीव्रता से अधिक का भूकंप आ सकता है। इससे न केवल संपत्ति को नुकसान होगा बल्कि कई लोगों की जान भी जा सकती है। जनहित याचिका में कहा गया है कि सरकार 11 पनबिजली योजनाएं बनाकर पूरे किश्तवाड़ को खतरे में डाल रही है।


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