29 जून से आरंभ हो रही अमरनाथ यात्रा मार्ग में परेशानियों से बचने को ये चीजें साथ अवश्य रखें
अमरनाथ श्राइन बोर्ड की ऑफिशियल वेबसाइट www.shriamarnathjishrine.com पर आप यात्रा से संबंधित जानकारी हासिल कर सकते हैं.शुरू हो रही है।
इस साल पवित्र अमरनाथ यात्रा 29 जून से सात अगस्त तक होगी। इसके लिए श्रद्धालुओं के पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू हो गयी है। जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल एनएन वोहरा की अध्यक्षता में अमरनाथ धर्मार्थ बोर्ड की बैठक में इस बात की घोषणा की है यात्रा का समापन सात अगस्त को रक्षाबंधन के मौके पर होगा। 13 साल से कम और 75 साल से अधिक उम्र के श्रद्धालु यात्रा नहीं कर सकते हैं। इसके अलावा छह महीने से अधिक की गर्भवती महिला भी यात्रा नहीं कर सकती है। अमरनाथ श्राइन बोर्ड की ऑफिशियल वेबसाइट www.shriamarnathjishrine.com पर आप यात्रा से संबंधित जानकारी हासिल कर सकते हैं.शुरू हो रही है।
अमरनाथ यात्रा के दौरान रखें इन बातों का ध्यान, यात्रा में अपने साथ रखें ये चीजें
कई ऐसी बातें हैं जिनका ध्यान आपको यात्रा के वक्त जरूर रखना होगा। यात्रा से कम से कम एक महीना पहले तैयारी के तौर पर करें ये काम। जम्मू-कश्मीर स्थित बाबा अमरनाथ बर्फानी की यात्रा शुरू हो रही है, लगभग दो महीने तक चलने वाली यात्रा में देशभर से हजारों श्रद्धालु प्राकृतिक रूप से बर्फ से बनने वाले विशाल शिवलिंग का दर्शन करेंगे। यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं को बर्फबारी के साथ कई अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। मार्ग में आने वाली परेशानियों से बचने के लिए कुछ चीजें अपने साथ अवश्य रखें।
अमरनाथजी की पवित्र गुफा की यात्रा के दौरान 14000 फुट तक की ऊंचाई तक चढ़ाई करनी पड़ती है। यात्री ऊंचाई के कारण बीमार पड़ सकते हैं। ऐसे में कई ऐसी बातें हैं जिनका ध्यान आपको रखना होगा। श्री अमरनाथजी की पवित्र गुफा की यात्रा के दौरान 14000 फुट तक की ऊंचाई तक चढ़ाई करनी पड़ती है। यात्री ऊंचाई के कारण बीमार पड़ सकते हैं। ऐसे में कई ऐसी बातें हैं जिनका ध्यान आपको यात्रा के वक्त जरूर रखना होगा।
ऊंचाई पर होने वाली परेशानियों के लक्षण निम्नलिखित हैं भूख न लगना, मतली, उल्टी, थकावट, कमजोरी, चक्कर आना और सोने में कठिनाई, देखने में बाधा, मूत्राश्य का ठीक से कार्य न करना, आंतों का ठीक से काम न करना, गतिविधियों में तालमेल न रहना, शरीर के एक हिस्से में लकवा, चेतना का लोप हो जाना और मानसिक स्थिति में बदलाव होना। इसके अलावा सुस्ती, सीने में जकड़न, कंजेशन, तेजी से सांस लेना और हृदय की धड़कन बढ़ना। यदि ऊंचाई के कारण हुई तकलीफ का फौरन इलाज न हो, वह चंद घंटों में जानलेवा साबित हो सकती है।
ये चीजें रखें साथ-
ठंड से बचने के लिए ओढ़ने, बिछाने के कपड़े, स्वेटर, शॉल, मफलर, रेनकोट, ट्रेकिंग जूता, वॉटरप्रूफ बैग, सरसों तेल , मेडिकल किट, दवाइयां, चश्मा, टार्च, पानी बोतल , डायरी, पेन, कैमरा, ड्राईफ्रूट।
अमरनाथ यात्रा के दौरान ऊंचाई के कारण होने वाली बीमारियों से बचाव के लिए क्या करें-
1. यात्रा की तैयारी करने के लिए शारीरिक तौर पर चुस्त-दुरूस्त रहें - यात्रा से कम से कम एक महीना पहले तैयारी के तौर पर 4-5 किलोमीटर सुबह/शाम की सैर शुरू करने की सलाह दी जाती है।
2. शरीर की ऑक्सीजन संबंधी दक्षता को बेहतर बनाने के लिए गहरे सांस लेने का अभ्यास और योग, विशेषकर प्राणायाम शुरू कीजिए।
3. ऊंचाई पर जाने से पहले अपने चिकित्सक से जांच कराएं, कहीं आपको को स्वास्थ्य संबंधी कोई परेशानी तो नहीं।
4. ऊंचाई पर चढ़ते समय धीमे चलें और ढलान आने पर कुछ देर आराम करने के लिए रुकिए।
5. अपनी सामान्य क्षमता से अधिक बल लगाने से बचिए।
6. विविध स्थानों पर आवश्यक तौर पर आराम के लिए रुकिए, टाइम लॉगिंग सुनिश्चित कीजिए और अगले स्थान की ओर बढ़ते समय डिस्प्लै बोडर्स पर अंकित चलने के आदर्श समय जितना ही वक्त लगाइये।
7. कोई भी दवा लेने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श लीजिए।
8. पानी की कमी और सिरदर्द से बचने के लिए खूब पानी पीजिए।एक दिन में लगभग 5 लीटर पानी पीजिए।
9. यात्रा क्षेत्र में भोजन करते समय श्राइन बोर्ड की वेबसाइट Shriamarnathjishrine.com पर उपलब्ध निर्धारित फूड मेन्यू का अनुसरण कीजिए।
10. थकान और लो ब्लड शूगर लेवर से बचने के लिए कार्बोहाइड्रेट काफी मात्रा में लीजिए।
11. अपने साथ पोर्टेबल ऑक्सीजन ले जाइए। सांस लेने में तकलीफ होने पर इससे मदद मिलेगी।
12. ऊंचाई पर होने वाली तकलीफों के लक्षण दिखते ही फौरन निचले स्तर पर उतर आइए।
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