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Jammu Kashmir: बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के प्रति जागरूकता फैलाने को 'जिंगल' लांच

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में प्रशासन बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के प्रति ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक करने के लिए सप्ताह भर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन करने जा रहा है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जागरूकता के लिए तैयार की गई

By Edited By: Published: Sat, 27 Feb 2021 11:19 PM (IST)Updated: Sun, 28 Feb 2021 07:02 AM (IST)
Jammu Kashmir: बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के प्रति जागरूकता फैलाने को 'जिंगल' लांच
बेटियों के कल्याण के लिए भारत सरकार ने कई योजनाएं चलाई हैं

 कठुआ, जागरण संवाददाता : अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में प्रशासन बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के प्रति ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक करने के लिए सप्ताह भर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन करने जा रहा है। इसके लिए प्रशासन ने आईसीडीएस विभाग के सहयोग से 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' पर जागरूकता फैलाने के लिए '¨जगल' लांच किया है, जिसका शीर्षक देश को बचाना है तो बेटी को बचाओ है। '¨जगल' के माध्यम से बेटी की घर से लेकर समाज, देश में महत्वता को उजागर किया गया है। 

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'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' जागरूकता के लिए तैयार की गई, ¨जगल की सीडी शनिवार को डीसी ओपी भगत ने अपने कार्यालय के कांफ्रेंस हाल में आईसीडीएस विभाग की जिला प्रोग्राम आफिसर रीतु महाजन एवं जिला सूचना अधिकारी पुरुषोत्तम दास शर्मा की उपस्थिति में लांच किया। इस मौके पर डीसी ने अभियान को सफल बनाने के लिए मीडिया से विशेष सहयोग मांगते हुए कहा कि मीडिया इस अभियान के प्रति और जागरूकता फैलाने का काम कर सकता है। इससे पहले भी मीडिया ने इस अभियान को सफल बनाने में काफी सहयोग दिया और उम्मीद है कि इस बार और ज्यादा सहयोग देकर अभियान को लक्ष्य तक ले जाएगा। हालांकि, जिला ने पिछले पांच सालों में 'बेटी बचाओ बेटी पढाओ' अभियान को सफल बनाने में अहम योगदान दिया है। इसी के चलते आज जिला में बेटियां की संख्या वर्ष 2015 से ग्रामीण क्षेत्र में एक हजार के प्रति 834 से बढ़कर अब 894 पहुंच गई है, इसी तरह शहरी क्षेत्र में बीते छह वर्षो में 812 से बढ़कर अब 870 पहुंच गई है जो कि एक उपलब्धि है, लेकिन अभी लक्ष्य एक हजार तक ले जाने का है, ताकि लड़कों के मुकाबलें में लड़कियों की संख्या कम न रहे। इसके लिए आईसीडीएस विभाग जागरूकता के साथ-साथ व्यवहारिक रूप से ऐसे कार्यक्रम चला रहा है।

इससे घरों में बेटियों के जन्म होने पर अभिभावक अब गर्व महसूस करने लगे हैं। इस मौके पर आईसीडीएस विभाग की जिला प्रोग्राम आफिसर रीतु महाजन ने हर लड़ाई जीत कर दिखाऊंगी, मैं अग्नि में जल कर भी जी जाऊंगी, चंद लोगों की पुकार सुन ली, मेरी पुकार भी सुनो, मैं बोझ नहीं भविष्य हूं बेटा नहीं, पर बेटी हूं, लिखी बेटी द्वारा पंक्ति को शुरू करते हुए बताया कि ¨जगल में भी बेटी की समाज में महत्वता को उजागर किया गया है।

उन्होंने कहा कि बेटियों के कल्याण के लिए भारत सरकार ने कई योजनाएं चलाई हैं, जिसका मीडिया ने काफी प्रचार किया। अब भी इसका उद्देश्य समाज में कुछ चंद लोगों में बेटियों के प्रति बनी पुरानी धारणा को पूरी तरह से जागरूकता के माध्यम से खत्म करना है, ताकि भारत सरकार का 'बेटी बचाओ बेटी पढाओ' अभियान पूरी तरह से सफल हो सके। इसके लिए उनका विभाग अन्य विभागों के साथ मिलकर समाज में बेटियों की भूमिका से जुड़े उदाहरण को कार्यक्रम में उजागर करके जागरूक करेगा, जिसका मुख्य मकसद बेटियों को पूर्ण रूप से साक्षर बनाना है। इसके लिए सप्ताह भर के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।


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