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कठुआ दुष्कर्म मामले में अब सीबीआइ जांच से ही सामने आएगी सच्चाई

दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष स्वाति जयहिंद ने पिछले नौ दिन से जारी अनशन को रविवार दोपहर बाद खत्म किया।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 23 Apr 2018 10:36 AM (IST)Updated: Mon, 23 Apr 2018 05:33 PM (IST)
कठुआ दुष्कर्म मामले में अब सीबीआइ जांच से ही सामने आएगी सच्चाई
कठुआ दुष्कर्म मामले में अब सीबीआइ जांच से ही सामने आएगी सच्चाई

जम्‍मू, जेएनएन। रसाना मामले की सीबीआइ जांच की मांग को लेकर 22वें दिन भी कूटा में आमरण अनशन और धरना प्रदर्शन जारी रहा। आमरण अनशन पर बैठे ग्रामीण अशोक कुमार की तबीयत बिगड़ने पर प्रशासन ने देर शाम उन्हें उपजिला अस्पताल में भर्ती करवा दिया। अब अशोक के स्थान पर रसाना गांव के ही महेंद्र पाल पुत्र गौरी शंकर ने अनशन शुरू किया है, जबकि ग्रामीण त्रिशला देवी सातवें दिन भी आमरण अनशन पर डटी रहीं।

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उधर, हिंदू एकता मंच के सदस्य कांत कुमार, राज खजूरिया, भारत भूषण, जगदीश डोगरा, मास्टर देव राज, अशोक कुमार, सांझी राम की बेटी मधु व सोम राज ने भी धरना-प्रदर्शन कर नारेबाजी की। जम्मू के प्रो. हरि ओम व कुलवीर सिंह ने भी रविवार को कूटा का दौरा किया। पूर्व सरपंच कांत कुमार ने कहा कि क्षेत्र के लोग सीबीआइ जांच कराने की मांग को लेकर दो माह से संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन सरकार इस पर अपना रुख स्पष्ट नहीं कर रही है। अब तो हीरानगर ही नहीं पूरे देश में सीबीआइ जांच की मांग उठने लगी है, लेकिन सभी राजनीतिक पार्टियों ने चुप्पी साधी हुई है।

उन्होंने कहा कि एक ही सप्ताह में मामले की जांच के लिए तीन जांच दल गठित किए गए। इससे क्राइम ब्रांच की रिपोर्ट से लोगों का विश्वास उठ गया है। क्राइम ब्रांच ने जो चार्जशीट दायर की है, उससे साफ दिख रहा है कि सोची समझी साजिश के तहत कुछ लोगों को बदनाम किया गया है। हमें पूरी उम्मीद है कि मामले की सीबीआइ जांच से इस केस की सच्चाई देश के सामने आएगी।

 DCW चीफ स्वाति ने तोड़ा अनशन

दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष स्वाति जयहिंद ने पिछले नौ दिन से जारी अनशन को रविवार दोपहर बाद खत्म किया। स्वाति ने यह निर्णय शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में पॉक्सो कानून में संशोधन संबंधी फैसले के प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद लिया। इसके लिए स्वाति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार भी प्रकट किया है। अनशन खत्म करने के बाद स्वाति ने कहा कि मैं अकेले ही लड़ रही थी, लेकिन मुझे पूरे भारत के लोगों का समर्थन हासिल था। मैं मानती हूं कि यह आजाद भारत की एेतिहासिक जीत है। ऐसे में मैं इस जीत पर हर भारतीय को बधाई देना चाहती हूं।

बता दें कि समता स्थल पर स्वाति बच्चियों से दुष्कर्म करने वालों को फांसी की सजा देने सहित अन्य मांगों को लेकर नौ दिन से अनशन पर बैठी हुई थीं। स्वाति ने कहा कि उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में पॉक्सो कानून में बदलाव संबंधी जो प्रस्ताव पास हुआ है, उसकी प्रति मिली है। सरकार ने हमारी सभी मांगें मान ली हैं।

इस प्रस्ताव में साफ-साफ लिखा है कि छह महीने के अंदर बच्चियों से दुष्कर्म करने वालों को फांसी दी जाएगी। बच्चों और महिलाओं के दुष्कर्म के मामलों की छह माह के अंदर प्रतिबद्ध तरीके से सुनवाई होगी। देशभर में फास्ट ट्रैक कोर्ट बनेंगे। ऐसे मामलों को पुलिस की स्पेशल टीम देखेगी, उसके लिए जितने संसाधनों की आवश्यकता होगी, वो दिए जाएंगे।

राज्य सरकार कहे तो केंद्र सीबीआइ जांच करवा सकती है

प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि अगर प्रदेश सरकार कहे तो केंद्र रसाना कांड की सीबीआइ जांच करवा सकती है। डॉ. जितेंद्र ने कहा कि विपक्ष को न तो न्यायपालिका पर विश्वास है, न ही लोकतंत्र पर और न ही देश के लोगों पर, जो दुभाग्यपूर्ण है।

रसाना पर लोगों को गुमराह कर विपक्ष

रसाना मामले पर विपक्ष पर राजनीतिक रोटियां सेंकने का आरोप लगाते हुए भाजपा ने कहा कि कांग्रेस व पैंथर्स पार्टी की कोशिश है कि राज्य के हालात बिगाड़े जाएं। भाजपा प्रवक्ता ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) अनिल गुप्ता ने कहा कि इस मामले को लेकर प्रदर्शन कर रहे युवाओं को शांत करने के लिए विपक्षी राजनीतिक पार्टियां कुछ नहीं कर रही हैं। यह साबित करता है कि विपक्षी पार्टियां रसाना मामले को लेकर दोगली नीति अपना रही हैं।

भाजपा नेता ने स्पष्ट किया कि सिर्फ उच्च न्यायालय या उच्चतम न्यायालय ही किसी मामले को सीबीआइ को सौंपने का अधिकार रखते हैं। कानून के बारे में जानकारी होने के बाद भी विपक्ष के कई नेता अपनी राजनीति चमकाने के लिए यह मांग बुलंद कर रहे हैं।

भाजपा नेता ने जारी बयान में कहा है कि जब मामला न्यायालय में है, आरोपित जेल में हों तो प्रदर्शनों का कोई तुक नहीं बनता। 


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