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श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड की अनुमति के बावजूद प्रशासन ने लंगर वाहन लखनपुर में रोके Jammu News

लंगर कमेटियों ने तो जहां तक आरोप लगाया है कि उन्हें जानबूझकर तंग किया जा रहा है। डीसी कठुआ का कहना है कि उन्होंने लंगर सामग्री के ट्रक को रोकने का आदेश नहीं दिया है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 17 Jun 2019 01:21 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jun 2019 01:21 PM (IST)
श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड की अनुमति के बावजूद प्रशासन ने लंगर वाहन लखनपुर में रोके Jammu News
श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड की अनुमति के बावजूद प्रशासन ने लंगर वाहन लखनपुर में रोके Jammu News

कठुआ, जेएनएन। श्री अमरनाथ यात्रा श्राइन बोर्ड के अनुमति के आदेश के बावजूद जिला प्रशासन और पुलिस राज्य के प्रवेश द्वार लखनपुर से लंगर कमेटियों के राशन ट्रकों को जम्मू में दाखिल नहीं होने दे रहा है। जिससे विवाद पैदा हो गया है। श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड और लंगर कमेटियों के बीच समझौता हुआ था कि कमेटियां अपने लंगर राशन ट्रक जम्मू में 18 जून से पहले प्रवेश कर सकेंगी और 18 के बाद कश्मीर जाने के लिए जवाहर टनल क्रास करने की इजाजत होगी। लेकिन हालात ठीक इसके विपरीत बने हुए हैं। ऐसा लगता है कि श्राइन बोर्ड और जिला प्रशासन के बीच कोई तालमेल नहीं है। गत रविवार से से नौ लंगर कमेटयों के राशन से भरे ट्रक प्रवेश द्वार लखनपुर में रोके हुए हैं। हद तो यह है कि कमेटियों के सदस्य बोर्ड से हुए समझौते व लंगर से संबंधित सभी दस्तावेज लेकर कभी डीसी कार्यालय तो कभी पुलिस अधिकारियों के कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं।

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लंगर कमेटियों ने तो जहां तक आरोप लगाया है कि उन्हें जानबूझकर तंग किया जा रहा है। डीसी कठुआ का कहना है कि उन्होंने लंगर सामग्री के ट्रक को रोकने का आदेश नहीं दिया है। जबकि पुलिस अधिकारी यह कहकर पल्ला झाड़ रहे हैं कि उन्हें 21 जून से पहले ट्रकों को लखनपुर में प्रवेश करने संबंधी आदेश की न तो जानकारी है और न ही कोई लिखित आदेश। इस मामले पर डीसी कठुआ और लंगर कमेटियों के सदस्यों के बीच अभी बैठक भी चल रही है। बैठक के बाद ही आगे की स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। प्रवेश द्वार पर ट्रकों के साथ खड़े लंगर सेवक तेज धूप में अपने वाहनों के साथ खड़े हुए हैं। इन लंगर संचालकों का कहना है कि सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बावजूद उन्हें बेवजह रोका गया है।

दिल्ली से 21वीं बार यात्रा मार्ग पर बालटाल में भंडारा लगाने जा रहे ओम शिवशक्ति सेवा मंडल के प्रमुख अनिल ने बताया कि उनके साथ ऐसा पहली बार हुआ है। लंगर कमेटी के सदस्यों ने प्रवेश द्वार पर ही डेरा डाल दिया है। ट्रकों के साथ आए लंगर सेवक सड़क किनारे डेरा डालने को मजबूर हैं। यहीं नहीं उन्होंने अपने खाने की व्यवस्था भी वहीं कर रखी है। रात उन्होंने सड़क किनारे बिस्तर लगाकर गुजारी। सुबह होते ही एक बार फिर उन्होंने डीसी कार्यालय व पुलिस विभाग के चक्कर लगाना शुरू कर दिए। उसके बाद भी लखनपुर में कोई अधिकारी टोल पोस्ट से उन्हें राज्य में इंट्री नहीं करने दे रहा है।

अनिल ने बताया कि लखनपुर पुलिस भी उन्हें 21 जून से पहले आगे नहीं बढ़ने की बात कर रही है। अगर ऐसा होता है तो वे कैसे और कब जाकर बालटाल व पहलगाम यात्रा मार्ग पर अपने लंगर स्थापित करेंगे। बड़ा लंगर लगाने के लिए उन्हें कम से कम से 20 दिन चाहिए, लेकिन अब तो 15 दिन से भी कम समय रह गया है। नौ लंगर कमेटियों के साथ उनके साथ 28 से अधिक ट्रक और पांच सौ से अधिक मजदूर हैं, जो वहां जाकर लंगर में काम करने के अलावा सेवा करेंगे। अभी अन्य लंगर कमेटियां भी आज प्रवेश द्वार पहुंच जाएंगी।

लंगर कमेटी के सदस्यों ने बताया कि डीसी कठुआ ने सदस्यों को बातचीत के लिए अपने कार्यालय में बुलाया है। बातचीत चल रही है। बैठक के बाद ही प्रशासन के निर्णय का पता चल पाएगा। यदि उन्हें तंग किया गया तो वे इसके खिलाफ आवाज उठाएंगे।

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