Move to Jagran APP

कश्मीरियों की अपील सोशल साइट पर न फैलाएं अफवाहें

कश्मीर में बीते 12 दिनों में लगभग 10 टवीटर हैंडल और कुछ फेसबुक पेज भी बंद कराए गए हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 17 Aug 2019 04:08 PM (IST)Updated: Sat, 17 Aug 2019 04:08 PM (IST)
कश्मीरियों की अपील सोशल साइट पर न फैलाएं अफवाहें
कश्मीरियों की अपील सोशल साइट पर न फैलाएं अफवाहें

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। वादी में धीरे धीरे सामान्य हो रही जिंदगी को नुक्सान पहुंचाने और कानून व्यवस्था को भंग करने के लिए सोशल मीडिया पर राष्ट्रविरोधी तत्व भी पूरी तरह सक्रिय हो गए हैं। पाकिस्तान में बैठे तत्व भी कश्मीर के हालात को लेकर दुष्प्रचार कर रहे हैं। सोशल मीडिया की विभिन्न साईटें और कुछ तथाकथित इंटरनेट न्यूज साईटें जो पड़ोसी मुल्क या विदेश में कहीं से अपलोड होती हैं, पर कश्मीर में बड़े पैमाने पर हिंसक प्रदर्शनों, गोलियों से जख्मी लोगों की तस्वीरें प्रसारित कर रही हैं। स्थानीय लोग इन अफवाहों से पूरी तरह बेखबर हैं,लेकिन बाहर बसे लोग इनसे प्रभावित हो कश्मीर अपने परिजनों के पास पहुंच रहे हैं। लेकिन यहां जमीनी हालात जुदा देख लोगों से सोशल मीडिया पर जारी कश्मीर संबंधी झूठी खबरों पर ध्यान न देने की अपील कर रहे हैं।

loksabha election banner

बीते 12 दिनों में लगभग 10 टवीटर हैंडल और कुछ फेसबुक पेज बंद कराए 

पुलिस ने भी सोशल मीडिया पर सक्रिय शरारती तत्वों की निशानदेही कर उनके खिलाफ कार्रवाई शुरु कर दी है। बीते 12 दिनों में लगभग 10 टवीटर हैंडल और कुछ फेसबुक पेज भी बंद कराए गए हैं। यह सभी कश्मीर से बाहर बैठे तत्वों द्वारा संचालित थे।

गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर विशेषाधिकार समाप्त करने और इसे दो केंद्र शासित राज्याें में विभाजित किए जाने से कश्मीर में उपजी स्थिति के मददेनजर प्रशासन ने वादी में निषेधाज्ञा लागू कर रखी है। सभी प्रकार की टेलीफोन और इंटरनेट सेवाएं भी चार अगस्त की रात को बंद कर दी गई थी। एहतियात के तौर पर सभी शिक्षण संस्थान भी बंद रखे गए हैं। कई इलाकों में आने जाने के रास्ते भी पूरी तरह सील किए गए। शुरु में कुछेक जगहों पर पथराव की छिट पुट घटनाएं भी हुई हैं। लेकिन स्थिती कमोबेश सामान्य और शांत है।

वादी में शांति से हताश तत्वों द्वारा सोशल मीडिया का दुरुपयोग कर कभी खबर फैलाई जा रही है कि वादी में जरुरी वस्तुओं का संकट पैदा हो गया है, कभी कहा जाता है कि लाेगों को दवाएं नहीं मिल रही हैं। हिंसा और मारपीट की भी खूब खबरें चल रही हैं। इन अफवाहों से प्रभावित होकर चंडीगढ़ से अपने मां-बाप के पास पहुंचे मेहराजदीन ने कहा कि मैने टवीटर पर कुछ तस्वीरें देखी। कुछ मैसेज भी थे जिनमें कहा गया था कि यहां लाेगों को घरों से निकालकर पीटा जा रहा है। किसी को घर से बाहर दूध भी नहीं लेने दिया जा रहा है। इससे घबराकर मैं यहां चला आया। मै चंडीगढ़ में एक निजी बैंक में कार्यरत हूं। बड़ी मुश्किल से 10 दिन की छुटटी मिली है। यहां आकर देखा तो मैं हैरान रह गया। हां, सड़कों पर कुछ पाबंदियां हैं, लेकिन आम आवाजाही पर काेई रोक टोक नहीं है।

मेहराजदीन ने कहा कि अब आप बताएं कि मेरे वरिष्ठजनों को जब यह पता चलेगा कि यहां सब कुछ ठीक है तो वह यही सोचेंगे कि मैंने झूठ बोला है। इसलिए मेरी सभी से यही गुजारिश है कि कश्मीर के हालात को लेकर अफवाह न फैलाएं। यहां शांति है। लोग आ जा रहे हैं। कई जगह दुकानें खुली हैं। अब तो लैंडलाइन फोन भी चालू हो गए हैं। मैं सोमवार को वापस चंडीगढ़ चला जाऊंगा।

गोगजीबाग स्थित एक सैलून में बाल कटवाने आए निसार अहमद ने कहा कि मैं जयपुर में कश्मीरी हैंडीक्राफटस की दुकान चलाता हूं। इस बार तो यहा कुछ नहीं हुआ है। वर्ष 2016 में तो यहां हालात बहुत खराब थे। वाटसएप पर मेरे कुछ दोस्तों ने जो कश्मीरी ही हैं और इस समय चेन्नई, दुबई और अमरीका में रहते हैं, ने कुछ तस्वीरें भेजी, खबरों का हवाला दिया। मुझे लगा कि यहां जंग हो रही है। मेरे बीबी बच्चे यहीं पर थे, मैं बहुत घबरा गया और यहां चला आया। खुदा का शुक्र है कि यहां हर जगह शांति है। किसी को कुछ भी नहीं हुआ है। यहां सभी के पास खाने—पीने का जरूरी सामान है और कहीं कोई कमी नहीं है। अब तो लैंडलाइन फोन भी चालू हो गया है। जल्द ही घाटी में फिर से बहुत कुछ अच्छा हो जाएगा।

वहीं पास बैठे मेहरान रशीद कहते हैं कि हमारी गुजारिश है कि इस कठिन समय में जो कश्मीरी देश के अलग—अलग कोने में हैं उनकी सभी सहायता करें। किसी के पास पैसे खत्म हो गए और किसी के पास कुछ कमी है तो मदद करें। जो सोशल साइट पर चल रहा है। उस पर कतई ध्यान न दें। इस समय यहां बहुत से लोग अफवाहें फैलाने में लगे हैं। मेरी कश्मीर से बैठे अपने सभी दोस्तों और रिश्तेदारों से अपील है कि वह जब भी कश्मीर को लेकर कोई बुरी बात सुनें तो उस पर यकीन करने के बजाय पहले वह यहां किसी पुलिस अधिकारी या प्रशासनिक अधिकारी से जरुर संपर्क करें। उनके फोन बहाल हैं। अगर किसी के पास नंबर नहीं है तो वह इंटरनेट या किसी अन्य माध्यम से नंबर प्राप्त कर सकता है। खैर, आज लैंडलाईन बहाल होने से भी अफवाहें किसी हद तक काबू में आ जाएंगी। अगर इंटरनेट चालू हो जाए तो हम यहां की स्थिति को बता सकते और आपको दिखा सकते। ऐसे में सरकार से भी अपील है कि इंटरनेट चालू हो जिससे प्रोपगंडा का जवाब दिया जा सके।

पाकिस्तान से भी सोशल मीडिया के जरिए दुष्प्रचार हाे रहा है

एडीजीपी सिक्योरिटी मुनीर अहमद खान ने कहा कि इस समय माहौल बिगाड़ने के लिए शरारती तत्व सोशल मीडिया का सहारा ले रहे हैं। कश्मीर में बेशक इंटरनेट बंद हैं, लेकिन अन्य जगहों पर बहाल है। पाकिस्तान से भी सोशल मीडिया के जरिए दुष्प्रचार हाे रहा है। कई लोग पुरानी तस्वीरों को अपलोड कर,उन्हें कश्मीर की मौजूदा स्थिति के साथ जोड़कर अपलोड कर रहे हैं ताकि किसी तरह से हिंसा भड़के। हम इन तत्वों की निशानेदही कर रहे है। करीब 10 टवीटर हैंडल बंद कराए गए हैं। कुछ फेसबुक पेज भी बंद हुए हैं। हम दुष्प्रचार करने और अफवाहें फैलाने वालों की निशानदेही कर उनके खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई भी कर रहे हैं। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.