Jammu Kashmir : कश्मीरी पंडितों ने घाटी में मंदिरों के संरक्षण के लिए बोर्ड के गठन की मांग उठाई
डित प्रेमनाथ भट्ट मेमोरियल ट्रस्ट के चेयरमैन रोशन लाल पंडिता ने कहा कि सरकार पर दवाब बनाया है कि कश्मीर के मंदिरों को सुरक्षित करने के लिए मंदिर बिल लाया जाए। कश्मीरी पंडितों के पलायन कर जाने के बाद यहां पर आज मंदिरों की भूमि पर अतिक्रमण जारी है।
जम्मू, जागरण संवाददाता : कश्मीरी पंडितों ने मांग की है कि घाटी में मंदिरों व हिंदुओं के दूसरे धार्मिक स्थलों के संरक्षण के लिए सरकार मंदिर बोर्ड का गठन करे। रविवार को पंडित प्रेमनाथ भट्ट मेमोरियल ट्रस्ट की ओर से आयोजित कार्यक्रम में इन कश्मीरी पंडितों ने यह मुद्दा जोर शोर से उठाया। यहां कार्यक्रम पंडित प्रेमनाथ भट्ट की याद में रखा गया था जो कि आज ही के दिन 1989 में घाटी में शहीद हो गए थे। उनकी याद में हर साल चेतना दिवस के तौर पर मनाया जाता है। समुदाय के लोगों ने पंडित भट्ट को श्रद्धांजलि दी और कहा कि अब घाटी के मंदिरों को बचाने का समय है।
पंडित प्रेमनाथ भट्ट मेमोरियल ट्रस्ट के चेयरमैन रोशन लाल पंडिता ने कहा कि हमने सरकार पर दवाब बनाया है कि कश्मीर के मंदिरों को सुरक्षित करने के लिए मंदिर बिल लाया जाए। घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन कर जाने के बाद यहां पर आज मंदिरों की भूमि पर अतिक्रमण जारी है। वहीं मंदिर भवन की भी टूट-फूट हो चुकी है। इसलिए मंदिरों के संरक्षण के लिए अगल से बोर्ड बनाया जाना बेहद जरूरी है। मौके पर आरएल भट्ट ने कहा कि जिस तरह से देश में गुरुद्वारा प्रबंधक बोर्ड है, उसी तरह से घाटी के मंदिरों की देखरेख के लिए बोर्ड बनाया जाना बेहद जरूरी है।
स्वामी कुमार ने शहीद पंडित प्रेमनाथ भट्ट को श्रद्धांजलि दी और वहीं दूसरी ओर कहा कि भट्ट हम सब के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं, जिन्होंने कश्मीरी पंडित समाज के लिए काम किया। कश्मीरी में हमारी धरोहर को बचाया जाना चाहिए। मंदिर बोर्ड बनने से ही बात होगी। पनुन कश्मीर के प्रधान विरेंद्र रैना ने कहा कि अब घाटी वापसी के लिए सरकार योजना बनाए। कश्मीरी पंडित घाटी वापस जाना चाहते हैं, उनके अनुरूप योजना बननी चाहिए। वहीं हिंदुओं की जो विरासत, धरोहर घाटी में है, उसका संरक्षण हर हाल में होना चाहिए।