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Kashmiri Pandit: कश्मीरी पंडितों ने राहत राशि बढ़ाने के लिए किया प्रदर्शन, आंदोलन तेज करने की दी चेतावनी

वहीं राज कुमार टिक्कू ने कहा कि घाटी से पलायन कर विभिन्न विस्थापित शिविरों में रह रहे कश्मीरी पंडितों की आर्थिक दिशा ठीक नहीं है। इसलिए प्रशासन को चाहिए कि हर विस्थापित परिवार में एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए। इससे विस्थापित कश्मीरी पंडित परिवार को सहारा मिल सकेगा।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 06:15 PM (IST)Updated: Fri, 23 Oct 2020 06:15 PM (IST)
Kashmiri Pandit: कश्मीरी पंडितों ने राहत राशि बढ़ाने के लिए किया प्रदर्शन, आंदोलन तेज करने की दी चेतावनी
कश्मीरी पंडितों ने कहा कि न ही केंद्र सरकार और न ही जम्मू-कश्मीर प्रशासन को उनकी परवाह है।

जम्मू, जागरण संवाददाता: मासिक राहत में बढ़ोतरी की मांग कर रहे विस्थापित कश्मीरी पंडितों ने शुक्रवार को जम्मू के निकट जगटी, नगरोटा में प्रशासन के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। केंद्र सरकार व जम्मू-कश्मीर प्रशासन के खिलाफ नारे लगा रहे कश्मीरी पंडितों ने उनकी परेशानियों को जल्द हल न करने पर आंदोलन को तेज करने की चेतावनी दी।

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प्रदर्शन कर रहे कश्मीरी पंडितों ने कहा कि न ही केंद्र सरकार और न ही जम्मू-कश्मीर प्रशासन को उनकी परवाह है। उनकी दिक्कतों को महसूस करने का भी प्रयास नहीं किया जा रहा। कार्यकर्ताओं ने कहा कि अगर प्रशासन का यही रवैया रहा तो उन्हें मजबूरन रोजाना सड़कों पर उतरने को मजबूर होना पड़ेगा। इस दौरान कश्मीरी पंडतों ने प्रशासन को नींद से जगाने के लिए 27 अक्टूबर को राष्ट्रीय राजमार्ग पर प्रदर्शन करने का एलान भी किया।

प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे शादी लाल पंडिता ने कहा कि इस समय चार सदस्यीय विस्थापित कश्मीरी पंडित परिवार को हर माह 13 हजार रुपए की मासिक राहत सरकार की ओर मिलती है। लेकिन बरसों से इसमें कोई बढ़ोतरी नहीं की गई। महंगाई के इस दौर में इस छोटी सी रकम में गुजारा कर पाना मुश्किल है। बार-बार प्रशासन से गुजारिश की गई कि राहत राशि को बढ़ाकर 25 हजार रुपए किया जाए, लेकिन उसके बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई। शादी लाल पंडिता ने कहा कि अब हमारे पास प्रदर्शन के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचता।

वहीं राज कुमार टिक्कू ने कहा कि घाटी से पलायन कर विभिन्न विस्थापित शिविरों में रह रहे कश्मीरी पंडितों की आर्थिक दिशा ठीक नहीं है। इसलिए प्रशासन को चाहिए कि हर विस्थापित परिवार में एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए। इससे विस्थापित कश्मीरी पंडित परिवार को सहारा मिल सकेगा। वहीं दूसरी ओर कहा कि कश्मीरी पंडितों की घाटी वापसी के लिए सरकार ने अभी तक कोई ठोस कदम नही उठाए हैं। यह कश्मीरी पंडित अपनी मातृ भूमि से जुड़ना चाहते हैं। सरकार को इस दिशा में काम करना चाहिए। प्रदर्शन में काशी नाथ भट्ट, सुनील भान, सुनील कौल, जीत सिंह, गुरमीत सिंह, संजय भट्ट, राज कुमार टिक्कू आदि उपस्थित थे। 


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