Jammu Kashmir: दहशत के आगे कश्मीरी पंडितों के हौसले बुलंद, सुरक्षा के मद्देनजर घाटी में 3 सैटेलाइट टाउनशिप बनाने की मांग
कश्मीर वापसी का सपना आज भी उनकी आंखों में है। भारती की हत्या के बाद भी कश्मीर वापसी के लिए पंडित बेताब कश्मीरी पंडितों के संगठन परस्पर तालमेल बना रणनीति बनाने में जुटे।
जम्मू, जागरण संवाददाता। कश्मीर में हाल ही में कश्मीरी पंडित सरपंच अजय भारती की हत्या के बाद भी पंडितों के हौसले डगमगाए नहीं हैं। कश्मीर वापसी का सपना आज भी उनकी आंखों में है। इसके लिए पंडितों के संगठन इन दिनों आपस में तालमेल बैठाकर रणनीति बनाने में जुटे हैं। ताकि सरकार पर दबाव बनाया जा सके।गत आठ जून को अनंतनाग में कश्मीरी पंडित अजय भारती की हत्या के बाद केंद्र से लेकर जम्मू कश्मीर प्रशासन सकते में है। हालांकि दावे किए जा रहे हैं कि सरकार वापसी के प्रयास में जुटी है। पंडित उन्हें बसाने के लिए कश्मीर में तीन सैटेलाइट टाउनशिप बनाने की मांग कर रहे हैं।
आतंकवाद के चलते कश्मीर में वर्ष 1990 में लाखों की संख्या मे पंडित पलायन कर जम्मू व देश के अन्य हिस्सों में बस गए थे। इस समय 7.5 लाख कश्मीरी पंडित पैतृक घरों से दूर है। इनका कहना है कि कश्मीर उनकी संस्कृति है, जननी है, जिसे वे छोड़ नहीं सकते। सरकार कश्मीर में सुरक्षित स्थलों पर इनके लिए कॉलोनियां बनाएं।
आल इंडिया कश्मीरी यूथ समाज सदस्य अजय सफाया- घाटी में हालात फिर खराब हो गए हैं। ऐसे हालात में वह पैतृक गांवों में नहीं जा सकते। कश्मीर में उनकी रहने ही व्यवस्था करना सरकार का काम है। वह पहले ही सरकार को सलाह दे चुके हैं कि उत्तरी कश्मीर, दक्षिणी कश्मीर व केंद्रीय कश्मीर में सरकार सैटेलाइट टाउनशिप उनके लिए बनाए। घाटी वापस जाने के लिए कश्मीरी पंडित तैयार हैं।
कश्मीरी पंडित युवा, संजय गंजू- वर्ष 1990 में जो कुछ गुजरा, बहुत खौफनाक मंजर था। इसके बाद सरकार ने वापसी के लिए काम नहीं किया। मोदी सरकार से उन्हें काफी उम्मीदें हैं, लेकिन अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया है। कश्मीरी पंडित घाटी में ही खुश रह सकते हैं। केंद्र सरकार को उनकी सुरक्षित वापसी करानी चाहिए।
जगटी टाउनशिप माइग्रांट कमेटी प्रधान,शादीलाल पंडिता- कश्मीर में आतंकवादी घटनाएं बढ़ गई हैं जिससे वहां काम कर रहे पंडित कर्मचारी असुरक्षित माहौल में हैं। ऐसे में सरकार कैसे वापसी कराएगी। ऐसे में घाटी में कश्मीरी पंडितों के लिए अलग टाउनशिप बनानी होगी। सुरक्षा सुनिश्चित करने पर पंडित फिर घाटी चले जाएंगे। वापसी के लिए केंद्र सरकार को जल्द ब्लू प्रिंट पेश करना चाहिए।
ललिता पंडिता -कश्मीरी पंडितों की घाटी वापसी के लिए केंद्र सरकार को अपनी पहल शुरू करनी चाहिए। कश्मीरी पंडित दिल से घाटी जाना चाहता है लेकिन अभी तक कोई पहल नही हो पाने का उनको मलाल है।