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Jammu Kashmir: कश्मीरी पंडित युवाओं ने फ्री कश्मीर के झूठे पोस्टर का पोस्टर से दिया जवाब

वहीं वेस्ट पाक रिफ्यूजी एक्शन कमेटी के प्रधान लब्बा राम गांधी ने विदेशी राजनयिकों से कहा पश्चिमी पाकिस्तानी रिफ्यूजियों को पांच अगस्त को ही सही आजादी मिली।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 11 Jan 2020 11:22 AM (IST)Updated: Sat, 11 Jan 2020 11:26 AM (IST)
Jammu Kashmir: कश्मीरी पंडित युवाओं ने फ्री कश्मीर के झूठे पोस्टर का पोस्टर से दिया जवाब
Jammu Kashmir: कश्मीरी पंडित युवाओं ने फ्री कश्मीर के झूठे पोस्टर का पोस्टर से दिया जवाब

जम्मू, राज्य ब्यूरो। राजनयिक कड़ी सुरक्षा के बीच करीब तीन बजे कड़ी जगटी पहुंचे, लेकिन सुबह सवेरे ही बड़ी संख्या में कश्मीरी पंडित जगटी स्कूल के पास बने एक सामुदायिक भवन में जमा होने लगे थे। इस बीच, दो आदमी हाथों में पोस्टर लिए सामुदायिक भवन के बाहर पहुंच गए। उन्हें अधिकारियों ने भीतर जाने को कहा, लेकिन उन्होंने कहा कि वह बाहर अपने पोस्टरों संग खड़े रहेंगे और बताएंगे कि जेएनयू या मुंबई में फ्री कश्मीर का पोस्टर झूठा है, असली पोस्टर हमारा है। पोस्टर लिए ये दोनों व्यक्ति बाप-बेटा थे।

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रविन्द्र कौल ने कहा कि हम उसी त्रल के रहने वाले हैं, जिसे आतंकियों की नर्सरी कहते हैं। मेरे साथ मेरा बेटा प्रणव है। कश्मीर मसले और कश्मीरी पंडितों के विस्थापन का कारण सिर्फ इस्लामिक आतंकवाद है। जब तक यह खत्म नहीं होगा, कश्मीरी पंडित कश्मीर में बेखौफ नहीं बस सकते। प्रणव ने कहा कि जो लोग जेएनयू और मुंबई में फ्री कश्मीर के पोस्टर लहरा रहे हैं, अगर वह सही मायनों में कश्मीरियों के हमदर्द हैं तो उनके पोस्टर पर लिखा होना चाहिए था फ्री कश्मीर फ्राम इस्लामिक टेरेरिज्म। हमें कश्मीर से निकालने वाले तत्व अल्लाह हो अकबर और निजाम ए मुस्तफा के नारे लगाते थे।

रिफ्यूजी बोले- 370 हटते ही मिली असल आजादी

पश्चिमी पाकिस्तान रिफ्यूजी लोगों ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने का स्वागत किया है। शुक्रवार को पश्चिमी पाकिस्तानी रिफ्यूजियों की संस्था वेस्ट पाक रिफ्यूजी एक्शन कमेटी के प्रधान लब्बाराम गांधी की अध्यक्षता में शिष्टमंडल विदेशी राजनयिकों से मिला। गांधी ने कहा कि पश्चिमी पाकिस्तान रिफ्यूजियों को दरअसल पांच अगस्त को ही सही आजादी मिली है। इससे पहले यह लोग अनदेखी के ही शिकार रहे हैं क्योंकि जम्मू कश्मीर में उनको वोट डालने का अधिकार नही था और न ही नौकरियां का अधिकार था। न ही यह लोग जमीनें खरीद सकते थे। 72 साल से पश्चिमी पाकिस्तान रिफ्यूजी लोग एक संकट के दौर से गुजरते आ रहे थे। लब्बाराम गांधी ने कहा कि जम्मू कश्मीर में रही विभिन्न पार्टियों की सरकारों को हमने अपना दर्द सुनाया मगर किसी ने कोई परवाह नही की थी। हालांकि आज दूसरे देशों में जन्म लेने वाला व्यक्ति वहां का शहरी हो जाता है मगर पश्चिमी पाकिस्तान के रिफ्यूजी सात दशक बाद भी जम्मू कश्मीर के नागरिक नही बन पाए थे, लेकिन अनुच्छेद 370 हटते ही इन लोगों के लिए सारे रास्ते खुल गए। केंद्र सरकार के इन कदमों का रिफ्यूजी लोग तह दिल से आभार व्यक्त करते हैं।


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