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घाटी वापसी के लिए कश्मीरी पंडित बेताब

जागरण संवाददाता जम्मू कश्मीर घाटी में आतंकवाद और हाल ही में कश्मीरी पंडित सरपंच की हत्या के बाद कश्मीरी पंडित समुदाय खफा जरूर है लेकिन उसके हौंसले डगमगाए नहीं हैं। घाटी वापिस जाने का सपना आज भी उनकी आंखों में है। जिसे साकार करने के लिए उन्होंने प्रयास तेज कर दिए हैं। कश्मीरी पंडितों के संगठन इन दिनों आपस में तालमेल बैठाकर रणनीति बनाने में जुटे हैं। जिससे केंद्र सरकार पर दवाब बनाया जा सके। कश्मीरी पंडित घाटी में तीन सैटेलाइट टाउनशिप बनाए जाने की मांग कर रहे हैं। सरकार की ओर से अभी तक पहल नहीं किए जाने से उनमें आक्रोश भी है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Jun 2020 07:37 PM (IST)Updated: Sat, 13 Jun 2020 07:37 PM (IST)
घाटी वापसी के लिए कश्मीरी पंडित बेताब
घाटी वापसी के लिए कश्मीरी पंडित बेताब

जागरण संवाददाता, जम्मू : कश्मीर घाटी में आतंकवाद और हाल ही में कश्मीरी पंडित सरपंच की हत्या के बाद कश्मीरी पंडित समुदाय खफा जरूर है लेकिन उसके हौंसले डगमगाए नहीं हैं। घाटी वापिस जाने का सपना आज भी उनकी आंखों में है। जिसे साकार करने के लिए उन्होंने प्रयास तेज कर दिए हैं। कश्मीरी पंडितों के संगठन इन दिनों आपस में तालमेल बैठाकर रणनीति बनाने में जुटे हैं। जिससे केंद्र सरकार पर दवाब बनाया जा सके। कश्मीरी पंडित घाटी में तीन सैटेलाइट टाउनशिप बनाए जाने की मांग कर रहे हैं। सरकार की ओर से अभी तक पहल नहीं किए जाने से उनमें आक्रोश भी है।

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आतंकवाद के चलते घाटी में बने हालात के कारण 1990 में बड़ी संख्या में कश्मीरी पंडित पलायन कर जम्मू व देश के अन्य हिस्सों में आ गए थे। इस समय 7.5 लाख कश्मीरी पंडित पैतृक घरों से दूर है। इनका कहना है कि कश्मीर उनकी संस्कृति है, जननी है, जिसे वह छोड़ नहीं सकते। सरकार घाटी में सुरक्षित स्थलों पर इनके लिए कालोनियां बनाए।

----------- घाटी में हालात फिर खराब हो गए हैं। ऐसे हालात में वह पैतृक गांवों में नहीं जा सकते। कश्मीर में उनकी रहने ही व्यवस्था करना सरकार का काम है। वह पहले ही सरकार को सलाह दे चुके हैं कि उत्तरी कश्मीर, दक्षिणी कश्मीर व केंद्रीय कश्मीर में सरकार सैटेलाइट टाउनशिप उनके लिए बनाए। घाटी वापस जाने के लिए कश्मीरी पंडित तैयार हैं।

-अजय सफाया, सदस्य, आल इंडिया कश्मीरी यूथ समाज

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वर्ष 1990 में जो कुछ गुजरा, बहुत खौफनाक मंजर था। इसके बाद सरकार ने वापसी के लिए काम नहीं किया। मोदी सरकार से उन्हें काफी उम्मीदें हैं, लेकिन अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया है। कश्मीरी पंडित घाटी में ही खुश रह सकते हैं। केंद्र सरकार को उनकी सुरक्षित वापसी करानी चाहिए।

- संजय, गंजू, कश्मीरी पंडित युवा

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कश्मीर में आतंकवादी घटनाएं बढ़ गई हैं जिससे वहां काम कर रहे पंडित कर्मचारी असुरक्षित माहौल में हैं। ऐसे में सरकार कैसे वापसी कराएगी। ऐसे में घाटी में कश्मीरी पंडितों के लिए अलग टाउनशिप बनानी होगी। सुरक्षा सुनिश्चित करने पर पंडित फिर घाटी चले जाएंगे। वापसी के लिए केंद्र सरकार को जल्द ब्लू प्रिट पेश करना चाहिए।

-शादीलाल पंडिता, प्रधान, जगटी टाउनशिप माइग्रांट कमेटी

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कश्मीरी पंडितों की घाटी वापसी के लिए केंद्र सरकार को अपनी पहल शुरू करनी चाहिए। कश्मीरी पंडित दिल से घाटी जाना चाहता है लेकिन अभी तक कोई पहल नही हो पाने का उनको मलाल है।

ललिता पंडिता

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