Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Kashmir : टारगेट किलिंग की घटनाओं को दरकिनार कर मां राघेन्या के दरबार पहुंचे कश्मीरी हिंदू, मुस्लिम भाइयों ने किया फूलों से स्वागत

    By Rahul SharmaEdited By:
    Updated: Wed, 08 Jun 2022 02:24 PM (IST)

    Kheer Bhawani Mela Kashmir 2022 दुर्भाग्य से कट्टरवाद-आतंकवाद ने समुदायों के बीच एक कील सा पैदा कर दिया है लेकिन मैं इन्हें बता देना चाहता हूं कि हम एक दूसरे के बिना अधूरे हैं। हमें केवल कश्मीर में शांति बनाए रखने के लिए प्रशासन पर भरोसा नहीं करना चाहिए।

    Hero Image
    मां राघेन्या के दरबार में हाजरी देने के लिए पहुंचे कश्मीरी हिंदुओं का फूलों से स्वागत किया।

    श्रीनगर, जेएनएन : आतंकी संगठन, कट्टरपंथी लाख प्रयास कर लें परंतु उनकी तमाज साजिशें कश्मीरी मुस्लमानों व कश्मीरी हिंदुओं के बीच के संबंधों में कड़वाहट नहीं भर सकती। टारगेट किलिंग के जरिए आतंकी संगठन लोगों में दहशत तो पैदा कर सकते हैं परंतु वादी के तमाम धर्मों के बीच भाइचारे को समाप्त नहीं कर सकते। इसी संदेश के साथ मुस्लिम भाइयों ने आज जिला गांदरबल के तुलमुला गांव में मां राघेन्या के दरबार में आयोजित क्षीर भवानी मेले में दिया। जम्मू सहित देश के दूसरे राज्यों से मां राघेन्या के दरबार में हाजरी देने के लिए पहुंचे कश्मीरी हिंदुओं का फूलों से स्वागत किया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मंदिर के मुख्य द्वार में स्वागत के लिए पहुंचे वायस फार पीस एंड जस्टिस के अध्यक्ष फारूक गांदरबली ने कश्मीरी हिंदुओं का स्वागत करते हुए कहा कि कश्मीरी पंडित हमारे जीवन का हिस्सा हैं, दुर्भाग्य से, कट्टरवाद-आतंकवाद ने समुदायों के बीच एक कील सा पैदा कर दिया है लेकिन मैं इन्हें बता देना चाहता हूं कि हम एक दूसरे के बिना अधूरे हैं। हमें केवल कश्मीर में शांति बनाए रखने के लिए प्रशासन पर भरोसा नहीं करना चाहिए। हमें कश्मीर में हालात बेहतर के साथ आपसी भाइचारा मजबूत मजबत करने के लिए खुद से भी योगदान देना होगा। 

    जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड की चेयरपर्सन दरक्षां अंद्राबी ने भी मां के दरबार में हाजिरी : जम्मू कश्मीर वक्फ बोर्ड की चेयरपर्सन दरख्शां अंद्राबी भी जिला गांदरबल के तुलमुला गांव में विराजमान मां क्षीर भवानी के दरबार में हाजिरी देने पहुंची। मां क्षीर भवानी के दर्शन करने के बाद एक बातचीत में अंद्राबी ने कहा कि यह मेला कश्मीर की मिलीझुली संस्कृति का प्रतीक है। कश्मीरी हिंदू कोई अलग नहीं हैं, बल्कि हमारा ही हिस्सा हैं। वह हमारे अपने हैं। यहां हरेक कश्मीरी मुस्लिम उनका स्वागत करता है। देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए वक्फ बोर्ड ने भी अपनी तरफ से यहां लंगर और पेयजल की व्यवस्था की है।

    आपको बता दें कि करीब दो वर्ष बाद तुलमुला में मां क्षीर भवानी मेला आयोजित हुआ है। हालांकि मेले पर टारगेट किलिंग का असर देखने को मिला, फिर भी काफी संख्या में कश्मीरी हिंदू मेले में शामिल होने के लिए जम्मू सहित दूसरे राज्यों से यहां पहुंचे हुए हैं। वर्ष 2020 और 2021 में कोविड-19 की पाबंदियों के चलते मेला आयोजित नहीं हुआ था। मां क्षीर भवानी जिन्हें मां राघेन्या भी पुकारा जाता है, कश्मीरी हिंदुओं की आराध्य देवी है। खीर भवानी का मेला कश्मीरी हिंदुओं का मुख्य पर्व माना जाता है। वादी में हाल ही में आतंकी गतिविधियों में बढ़ोतरी से पैदा हालात के चलते मेले के आयोजन पर आशंका पैदा हो चुकी थी, लेकिन मेले में भाग लेने के लिए मंगलवार की शाम को ही तुलमुला में श्रद्धालुओं का आगमन शुरु हो गया था, जो इस बात का संकेत है कि आतंक पर आस्था भारी है। श्रद्धालुओं में कहीं भी आतंकियों का डर नहीं है।

    कश्मीरी हिंदुओं भाइयों का स्वागत करने के लिए यहां पहुंचे मुस्लिम संगठनों में जम्मू-कश्मीर युवा विकास मंच के अध्यक्ष शहरयार डार, उत्थान मिशन ट्रस्ट के अध्यक्ष जीशान फारूक डार, महासचिव वायस फार पीस एंड जस्टिस शेख मिन्हाज, शेरपथरी बीडीसी अध्यक्ष अली मोहम्मद गनी सहित अन्य शामिल थे। इन्होंने यहां कश्मीरी हिंदू भाइयों के लिए छब्बील व लंगर का आयोजन किया हुआ है।