Kashmir: अखरोट उत्पादाकों को भी नहीं मिल रहे खरीदार, कहा- नेफेड खरीदे उनकी फसल
अखरोट के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य के आधार पर खरीद की मांग की है। इस संबंध में बागवानी निदेशक से भी भेंट की है। नेफेड को अखरोट उत्पादकों की मदद करनी चाहिए।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। कश्मीर के अखरोट उत्पादक भी चाहते हैं कि उनकी फसल की खरीदारी सेब की तरह न्यूनतम समर्थन मूल्य पर हो। कश्मीर के हालात और बंद ने अखरोट उत्पादकों की कमर तोड़ दी है। इसलिए वह चाहते हैं कि सेब की तरह सरकार नेफेड के माध्यम से इसकी भी खरीदारी करे।
निशात इलाके में डल झील किनारे फुटपाथ पर धूप में अखरोट सुखा रहा नजीर वानी अपनी फसल को देखकर खुश कम, परेशान ज्यादा नजर आ रहा है। कारण जबरन बंद के कारण न उसे स्थानीय स्तर पर खरीदार मिल रहे हैं और न वह बाहर निर्यात करने में समर्थ है। रही सही कसर कम उत्पादन ने पूरी कर दी है। उसने कहा कि इस बार सिर्फ 12 से 15 क्विंटल अखरोट ही है। इसमें से भी तीन से चार क्विंटल खराब है। उन्होंने कहा कि सरकार सेब की तरह अखरोट भी खरीदना चाहिए।
नजीर वानी अकेला नहीं है जो इस बार अखरोट की पैदावार और कश्मीर के हालात से नाखुश हो। उस जैसे दक्षिण कश्मीर में जवाहर सुरंग से लेकर उत्तरी कश्मीर में एलओसी के साथ सटे टंगधार तक सैकड़ों किसान ऐसे हैं जो अखरोट की पैदावार व कारोबार के जरिए ही अपनी रोजी रोटी कमाते हैं। इस बार यह सभी परेशान हैं, क्योंकि इस बार पैदा कम हुई है।
अखरोट उत्पादकों के एक दल ने गत दिनों राज्यपाल के सलाहकार फारुक अहमद खान से भी मुलाकात की है। अब्दुल मजीद ने कहा कि इस बार अखरोट में बीमारी लग गई थी। इससे हमारी फसल उतरने से पहले ही तबाह हो गई थी। अप्रैल-मई में हुई बारिश और उसके साथ एकदम तेज धूप इसके लिए जिम्मेदार है। ए-ग्रेड का अखरोट भी कम निकल रहा है। उन्होंने अखरोट के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य के आधार पर खरीद की मांग की है। इस संबंध में बागवानी निदेशक से भी भेंट की है। नेफेड को अखरोट उत्पादकों की मदद करनी चाहिए।
कोकरबाजार स्थित बादाम शॉप के मालिक ने कहा कि यहां बीते दो माह से दुकानें बंद हैं। हम सुबह-शाम ही दुकान खोल रहे हैं। शादियों का सीजन खत्म हो चुका है। पर्यटक हैं नहीं। कौन यहां बादाम अखरोट खरीदेगा। हमें नुकसान झेलना पड़ रहा है।
भारत का कुल 98 प्रतिशत अखरोट पैदा होता है कश्मीर
पूरे भारत में अखरोट की कुल पैदावार का 98 प्रतिशत कश्मीर में ही है। जम्मू कश्मीर में 52 हजार हेक्टेयर में करीब 26 मीट्रिक टन अखरोट पैदा होता है।
120 करोड़ की विदेशी मुद्रा कमाता है कश्मीरी अखरोट
कश्मीर में पैदा होने वाला अखरोट 23 से ज्यादा मुल्कों में निर्यात होता है। एक अनुमान के मुताबिक यह सालाना 120 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा अर्जित करता है।