Kashmir Situation: सुरक्षाबलों से हथियार लूटकर भागे तो पकड़े जाएंगे आतंकीे
जम्मू कश्मीर पुलिस वेपन सेफ्टी एंड ट्रैकिंग सिस्टम प्रणाली के चलते आतंकी अब सुरक्षाबलों से लूटे गए किसी हथियार का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। आतंकी अब सुरक्षाबलों से लूटे गए किसी हथियार का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। अगर वह हथियार लूटकर भाग गए तो पकड़े जाएंगे, क्योंकि जम्मू कश्मीर पुलिस वेपन सेफ्टी एंड ट्रैकिंग सिस्टम प्रणाली (डब्ल्यूएसटीएस) को जल्द ही व्यवहार में लाएगी। फिलहाल, इसकी खरीद की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
जम्मू कश्मीर में सक्रिय आतंकी संगठन अक्सर पुलिस कर्मियों व सुरक्षाबलों से उनके हथियारों को लूटने की घटनाओं को अंजाम देते हैं। वर्ष 2016 से 31 दिसंबर 2019 तक 200 से ज्यादा एसाल्ट राइफलों, एसएलआर राइफलों और कार्बाइनों को आतंकियों ने विभिन्न सुरक्षा चौकियों व पुलिस कर्मियों से लूटा है। कई मामलों में भगोड़े पुलिसकर्मी ही सरकारी हथियार लेकर आतंकियों से जा मिले हैं।
डब्ल्यूएसटीएस की तकनीक को अपनाने का फैसला करीब तीन साल पहले लिया गया था, लेकिन यह योजना सिरे नहीं चढ़ सकी थी।अब पुलिस मुख्यालय ने डब्ल्यूएसटीएस की खरीद के लिए निर्माताओं और उनके प्राधिकृत डीलरों से निविदाएं आमंत्रित की है। एआइजी प्रोविजन एंड ट्रांसपोर्ट मुबस्सिर लतीफी के मुताबिक डब्ल्यूएसटीएस तकनीक से लैस हथियार का ट्रिगर भी कोई अनाधिकृत व्यक्ति नहीं दबा सकता। अगर इसे कोई चुराकर या लूट कर ले जाए तो तुरंत इसकी स्थिति का पता चल जाएगा।
ऐसे में अगर आतंकी इसे लेकर भागेंगे तो हथियार संग पकड़े जाएंगे या मारे जाएंगे। यह जीपीएस से लैस होगा। हथियार पर पॉमप्रिंट स्कैनर भी होगा। लतीफी ने बताया कि डब्ल्यूएसटीएस को किसी हथियार से सिर्फ अधिकृत व्यक्ति ही बायोमैट्रिक्स के आधार पर अलग कर सकेगा। अगर कोई जबरन अलग करने का प्रयास करेगा तो उसका ट्रिगर सिस्टम क्षतिग्रस्त हो जाएगा।
इस सिस्टम के तहत ट्रिगर लॉक भी हथियार को इस्तेमाल करने वाले की अंगुलियों और हथेली के निशान के आधार पर ही काम करेगा। इसके लिए हथियार पर पॉमप्रिंट स्कैनर भी होगा। आतंकग्रस्त इलाकों में तैनात जवानों को उपलब्ध कराया जाएगा यह प्रणाली राज्य पुलिस के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि शुरू में डब्ल्यूएसटीएस प्रणाली को आतंकग्रस्त इलाकों में बीट ड्यूटी और सुरक्षा चौकियों पर तैनात सुरक्षा कर्मियों को उपलब्ध कराया जाएगा। इसके बाद अन्य जवानों व अधिकारों को प्रदान किया जाएगा।