Move to Jagran APP

Jammu Kashmir: गुलाम नबी आजाद ने कहा जम्मू-कश्मीर की बर्बादी का जश्न मनाने आ रहे 36 मंत्री

डीएसपी देविंदर सिंह के मामले पर उन्होंने कहा कि इस पूरी साजिश का खुलासा होना चाहिए। यह तभी होगा जब एक निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से जांच होगी।

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 17 Jan 2020 11:26 AM (IST)Updated: Fri, 17 Jan 2020 12:01 PM (IST)
Jammu Kashmir: गुलाम नबी आजाद ने कहा जम्मू-कश्मीर की बर्बादी का जश्न मनाने आ रहे 36 मंत्री
Jammu Kashmir: गुलाम नबी आजाद ने कहा जम्मू-कश्मीर की बर्बादी का जश्न मनाने आ रहे 36 मंत्री

जम्मू, राज्य ब्यूरो। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने वीरवार को केंद्र सरकार की जम्मू कश्मीर नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने जम्मू कश्मीर को बरबाद कर दिया है। उन्होंने 36 केंद्रीय मंत्रियों के प्रस्तावित जम्मू कश्मीर दौरे की आलोचना करते हुए कहा कि यह लोग अपनी बरबादी का जश्न मनाने अा रहे हैं।

loksabha election banner

गुलाम नबी आजाद आज सुबह ही दिल्ली से जम्मू कश्मीर मामलों की प्रभारी अंबिका सोनी संग जम्मू पहुंचे हैं। प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी की आज एक बैठक भी है। जम्मू में पत्रकारों के साथ एक बातचीत में उन्होंने कहा कि जिन 36 मंत्रियों के दौरे की बात हो रही है,वह यहां विकास देखने के लिए नहीं आ रहे हैं। वर्ष 2015 के बाद से विशेषकर गत अस्त माह के दौरान जिस तरह से एक नया कानून बनाकर केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित राज्यों में बांट कर बरबाद किया है,यहां हजारों करोड़ रुपये का पर्यटन बरबाद हुआ है, अर्थव्यवस्था चौपट हो गई है,यहां बेकारी बड़ी है, उद्योग धंधे खत्म होने की कगार पर पहुंच गए हैं। पिछले 72 साल में जो नुक्सान नहीं हुआ, भाजपा ने उसे पहले एक ही झटके में राज्यपाल शासन लागू कर किया और रही सही कसर अगस्त महीने में एक नया कानून बनाकर पूरी कर दी। यहां देखने के लिए इन लोगों ने रखा ही क्या है,यह अपनी बरबादी का जश्न मनाने आ रहे हैं।

विदेशी राजदूतों के दौरे संबधी सवाल पर उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने दो दफा देश-दुनिया की आंखों में धूल झोंकने का काम किया है। केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर के हालात पर स्थानीय मीडिया, टेलीविजन को सेंसर कर लिया,लेकिन अमरीका-इंग्लैंड व यूरोपीय मुल्कों के मीडिया ने जब यहां के हालात को लेकर लिखा तो अपनी छवि बचाने के लिए ही यह दौरे आयोजित किए जा रहे हैं। पहले केंद्र सरकार ने यूरोपीय संघ के उन मुल्कों के प्रतिनिधियों को यहां लाया जो केंद्र सरकार की विचारधारा के समान विचार रखते हैं। इसके बाद अब 15 देशों के राजदूतों को लाया गया है। इन लोगों को जम्मू कश्मीर में सिर्फ उन्हीं नेताओं, बुद्धिजीवियों से मिलाया गया,जिन्हें बीते छह माह से दिल्ली के पंचतारा होटलों में ठहराकर केंद्र सरकार समझा रही है कि उन्हें जम्मू कश्मीर मुद्दे पर किस तरह का रवैया अपनाना है।

गुलाम नबी आजाद ने कहा कि इस पूरे प्रकरण में केंद्र सरकार की नीयत को रुस के रवैये से भी समझा जा सकता है। रुस जो हमारा पुराना सहयोगी और एक मित्र राष्ट्र है,उसे भी इस दौरे में शामिल नहीं किया गया। रुस को एकबयान जारी करना पड़ा। केंद्र सरकार ने वही देश बुलाए जो उसकी कहानी को ही आगे बढ़ाएं।

उन्होंने कहा बेरोजगारी, महंगाई, विकास समेत हर जगह राष्ट्रीय स्तर पर यह सरकार पूरी तरह नाकाम साबित हुई है। इसने जम्मू कश्मीर को भी बरबाद किया है। जम्मू कश्मीर के दो हिस्से कर दिए और आज तक भारत सरकार को यह नहीं पता कि यहां किस तरह से सरकार चलानी है। अब हम लोगों को मूर्ख बनाने और एक नया झूठ बोलने के लिए उसके 36 मंत्री आ रहे हैं। यह अपनी छवि बचाने और जम्मू कश्मीर के हालात को सामान्य बताने का केंद्र सरकार का तीसरा प्रयास है जो नाकाम रहेगा।

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने लोकतंत्र को एक बड़ा अाघात पहुंचाया है। जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित राज्य बनाकर, सभी विपक्षी दलों के नेताओं को जेलों में बंद कर, उनकी सियासी गतिविधियों पर रोक लगाकर, सिर्फ भाजपा को ही सियासी गतिविधियों की अनुमति देकर लोकतंत्र को ही नुक्सान पहुंचाया गया है। यहां अगर किसी पर अंकुश है तो सिर्फ विपक्ष पर। तीसरे फ्रंट के गठन संबधी सवाल पर उनहोंने कहा कि तीसरा फ्रंट बने या चौथा फ्रंट। केंद्र सरकार और उसकी एजेंसियां यहां कुछ लोगों को तैयार करती हैं, इनसे कोई कुछ भी बुलवा ले। यह लोग केंद्र की मर्जी के अनुरुप ही बात करेंगे, यह कुछ भी करें, आम लोग इन्हीं कभी स्वीकार नहीं करेंगे।

डीएसपी देविंदर सिंह के मामले पर उन्होंने कहा कि इस पूरी साजिश का खुलासा होना चाहिए। यह तभी होगा जब एक निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से जांच होगी। देविंदरसिंह अकेला नहं हो सकता, उसके पीछे कौन लोग हैं,उनका पता लगाना जरुरी है। खैर यह सरकार पारदर्शी नहीं है। वास्तविकता कुछ होती है और यह दिखाती कुछ और है। जनरल विपिन रावत द्वारा जम्मू कशमीर और पाकिस्तान के संदर्भ में दिए गए बयान पर उन्होंने कहा कि रावत साहब का काम वही जानें, हमें उसमें दखल नहीं देना है। हमारी लड़ाई किसी जनरल के साथ नहीं है। हम देश के साथ खड़े हैं। जम्मू कश्मीर के प्रति सरकार की नीतयां गलत हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.