Kashmir Situation: दरबार मूव के कारण 31 को श्रीनगर में उपस्थित रहेंगे सभी प्रशासनिक सचिव
दरबार मूव के बाद भी सात विभागों को श्रीनगर मे काम जारी रखने के निर्देश-एडवांस पार्टियां 18 से जम्मू का रुख करेगी चार नवंबर से काम करने लगेगा दरबार
राज्य ब्यूरो, जम्मू : जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेशों में तब्दील करने के लिए 31 अक्टूबर को सभी प्रशासनिक सचिव श्रीनगर सचिवालय में उपलब्ध रहेंगे। राज्य सचिवालय के सात विभागों को श्रीनगर में दरबार बंद होने के बाद भी एक नवंबर तक काम करने के निर्देश दिए गए हैं।राज्य प्रशासन ने शुक्रवार को आदेश जारी किया कि प्रशासनिक सचिव दरबार मूव के दिनों में राज्य से बाहर न जाकर 31 अक्टूबर को श्रीनगर सचिवालय में ही मौजूद रहें। केंद्र सरकार के पांच अगस्त के फैसले के अनुसार, जम्मू कश्मीर 31 अक्टूबर से दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर व लद्दाख में परिवर्तित हो जाएगा। इस समय श्रीनगर से सरकार के दरबार को जम्मू लाने की तैयारी चल रही है। विभागों की एडवांस पार्टियां 18 अक्टूबर से जम्मू का रुख करेगी। जम्मू कश्मीर राज्य का अंतिम दरबार मूव 25 अक्टूबर को शुरू होगा। इसके बाद चार नवंबर को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर की शीतकालीन राजधानी जम्मू से काम करने लगेगा। श्रीनगर में सचिवालय के बंद होने और खुलने की प्रक्रिया के बीच नौकरशाहों को करीब सात दिन की छुट्टी होती है। ऐसे में कई नौकरशाह अवकाश पर चले जाते हैं।तीन उच्च स्तरीय कमेटियां बनाई गई राज्य सचिवालय के कामकाज पर इस समय केंद्र शासित प्रदेशों के काम करने संबंधी औपचारिकताएं पूरा करना हावी है। इसके लिए सरकार ने तीन उच्च स्तरीय कमेटियां बनाई हैं। ये कमेटियां जम्मू कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में तब्दील करने की प्रक्रिया को सुचारु बनाने के लिए कार्य कर रही हैं। उनका कामकाज 25 अक्टूबर को श्रीनगर में दरबार बंद होने के बाद भी सामान्य रूप से चले, इसके लिए सात विभाग श्रीनगर में एक नवंबर तक काम करते रहेंगे। इन विभागों में गृह, जीएडी, हॉस्पिटैलिटी एंड प्रोटोकाल, इस्टेट, इन्फारमेशन, इन्फारमेशन एंड टेक्नोलॉजी व नेशनल इन्फारमेटिक सेंटर शामिल हैं। राज्यपाल के सलाहकार केके शर्मा की अध्यक्षता वाली 12 सदस्यीय कमेटी केंद्र शासित प्रदेशों में कामकाज संबंधी मामलों पर कार्रवाई कर रही है। ये कमेटियां केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर व लद्दाख में स्टाफ की तैनाती, वित्तीय मामलों व फंड जुटाने के साथ इनके कामकाज के तरीकों को अंतिम रूप दे रही हैं।