कश्मीर पंडित यूनाइटेड फ्रंट ने प्रदर्शन कर की मांग कश्मीरी हिंदु कर्मचारियों को घाटी से बाहर भेजे सरकार
प्रदर्शनकारियों ने कहा यह कर्मचारी मुश्किल हालात मं काम करने को मजबूर हैं। उन्हें ऐसे स्थानों पर तैनात किया गया है जहां बड़ी चुनौतियां हैं और किसी प्रकार की कोई सुरक्षा नहीं है। उन्हें सिर्फ आधा वेतन मिल रहा है। न पदोन्नति है और न ही कोई रहने की व्यवस्था।
जम्मू, जागरण संवाददाता : कश्मीर पंडित यूनाइटेड फ्रंट ने बुधवार को कश्मीर में काम कर रहे कश्मीरी हिंदु कर्मचारियों के समर्थन में प्रदर्शन किया। उन्होंने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और केंद्र सरकार से अपील की कि प्रधानमंत्री पैकेज के तहत लगे कर्मचारियों को घाटी से बाहर लगाया जाए क्योंकि वे वहां सुरक्षित नहीं हैं।
तवी पुल के नजदीक प्रदर्शन करते हुए फ्रंट के सदस्यों ने कहा कि प्रधानमंत्री पैकेज के तहत नौकरी देकर विस्थापित समुदाय के आर्थिक मसलों को हल करने की दिशा में कदम बढ़ाए गए थे। इसका पुनर्वास योजना से कोई लेना-देना नहीं था। उन्होंने कहा कि सरकार ने अल्पसंख्यक समुदाय के इन कर्मचारियों के माध्यम से शांति का संदेश देने का प्रयास किया गया था। अब कश्मीर में इन कर्मचारियों को निशाना बनाया जा रहा है। वे वहां सुरक्षित नहीं रह गए हैं।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यह कर्मचारी मुश्किल हालात में काम करने को मजबूर हैं। उन्हें ऐसे स्थानों पर तैनात किया गया है जहां बड़ी चुनौतियां हैं और किसी प्रकार की कोई सुरक्षा नहीं है। उन्हें सिर्फ आधा वेतन मिल रहा है। न पदोन्नति है और न ही कोई रहने की व्यवस्था। कोई भत्ता भी नहीं मिल रहा। वे फिर भी वहां नौकरियां कर रहे हैं। पिछले तीन वर्षों में सरकार उनकी रक्षा नहीं कर पा रही। न उनसे न्याय ही हो रहा है। उल्टा कितनों को ही अपनी जान गवानी पड़ी है क्योंकि यह भारत सरकार का समर्थन करते हैं।
आतंकवादी इन्हें सीधे तौर पर निशाना बना रहे हैं। तहसीलदार कार्यालय तक में वे सुरक्षित नहीं हैं। राहुल भट्ट की हत्या इसका सबूत है। इस संबंध में फ्रंट ने जम्मू-कश्मीर में विभिन्न स्थानों पर प्रदर्शन भी किए। फ्रंट के कनवीनर सतीश किस्सू ने कहा कि सरकार बिना देरी कश्मीरी हिंदु कर्मचारियों को घाटी से बाहर सुरक्षित स्थानों पर भेजे और घाटी में वापसी के लिए विस्तृत योजना बनाए। किसी की जान पर नहीं बननी चाहिए।