Jammu Kashmir : कोरोना से अनाथ बच्चों की जोड़ी के मांग रहा था डेढ़ लाख, ट्रस्ट के दो लोग गिरफ्तार
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि ग्लोबल वेलफेयर चैरिटेबल ट्रस्ट के कार्यालय को सील कर दिया है। ट्रस्ट कार्यालय से कुछ दस्तावेज भी जब्त किए हैं। इस बीच स्थानीय लोगों ने बताया कि ट्रस्ट से संबंधित दो लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : कोविड-19 महामारी से बेसहारा हुए बच्चों को तथाकथित रूप से बेचने और अवैध रूप से उन्हें गोद दिलाने के अवैध धंधे में लिप्त गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) पर घेरा कस गया है। एक मीडियाकर्मी के स्टिंग में फंसे पुलवामा जिले के पंपोर स्थित एनजीओ के कार्यालय को वीरवार को पुलिस ने सील कर दिया। इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार भी किया है।
वहीं इस खुलासे से जम्मू कश्मीर प्रशासन में भी हड़कंप है। मुख्य सचिव ने मामले को गंभीरता से लेते हळ्ए पूरे मामले की जांच के लिए डीएसपी स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में विशेष जांच टीम (एसआइटी) के गठन का आदेश दिया है। इसके अलावा प्रदेश के सभी एनजीओ और बाल कल्याण संस्थाओं की जांच के आदेश दिए गए हैं। इसके लिए उच्चस्तरीय कमेटियों का गठन किया जाएगा। यहां बता दें कि जम्मू कश्मीर में बच्चा गोद लेने के लिए कानून नहीं था और इसका ही फायदा ऐसे संगठन उठाते रहे हैं।
दिल्ली में एक मीडियाकर्मी ने बीते दिनों अनाथ और बेसहारा बच्चों के कल्याण के लिए काम करने का दावा करने वाले कुछ स्वयंसेवी संगठनों के संचालकों का स्टिंग किया था। इनमें दक्षिण कश्मीर में पंपोर के संबूरा क्षेत्र में चल रहा ग्लोबल वेलफेयर चैरिटेबल ट्रस्ट शामिल था। इस ट्रस्ट को चलाने वाला असरार अमीन वीडियो में दावा कर रहा था कि अगर बच्चे को गोद लेना है तो 75 हजार अदा करने होंगे। असरार ने कहा अगर कोई कोविड के दौरान हुए बेसहारा बच्चा चाहता है तो कोई दिक्कत नहीं है। कश्मीरी बच्चे बहुत खूबसूरत होते हैं, माशाअल्लाह। अमीन ने अनाथ बच्चों की जोड़ी के लिए डेढ़ लाख रुपये मांगे और कहा कि मैं यह पैसा अपने लिए नहीं बल्कि अपनी संस्था के लिए मांग रहा हूं। उसने इन बच्चों को गोद लेने की प्रक्रिया की कागजी कार्रवाई की जरूरत नहीं बताई और कहा कि अगर कोई समस्या पैदा होगी तो वह उसे खुद हल कर लेगा।
ट्रस्ट कार्यालय से दस्तावेज जब्त : पुलिस अधिकारियों ने बताया कि ग्लोबल वेलफेयर चैरिटेबल ट्रस्ट के कार्यालय को सील कर दिया है। ट्रस्ट कार्यालय से कुछ दस्तावेज भी जब्त किए हैं। इस बीच, स्थानीय लोगों ने बताया कि ट्रस्ट से संबंधित दो लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इसमें मोहम्मद अमीन और उसका सहयोगी इजाज शामिल है। कश्मीर में अन्य एनजीओ की भी पळ्लिस ने पड़ताल आरंभ कर दी है। संबंधित पुलिस थानों को अपने क्षेत्र के सामाजिक संगठनों के कार्यों का पूरा ब्योरा देने का आदेश दिया है।
यहां बता दें कि केंद्र सरकार कोरोना से अनाथ बच्चों की मदद के लिए कई योजनाएं घाोषित कर चळ्की है। इसी की तर्ज पर कोरोना में मारे गए लोगों के स्वजन को 50 हजार की एकमुश्त राशि भी दी जा रही है।
दूसरा एनजीओ कर रहा था अस्पताल से नवजात बच्चों को उठाने का दावा : असरार की तरह एक अन्य एनजीओ संचालक एजाज अहमद डार ने तो अस्पतालों से नवजात बच्चों को तथाकथित तौर पर उठाने और उन्हें गोद दिलाने का भी दावा किया। उसने ऐसे बच्चे के लिए 10 लाख की राशि की मांग की। बच्चों के कल्याण और उनकी देखभाल की आड़ में हो रहे घिनौने कृत्य की रिपोर्ट के इंटरनेट पर वायरल होने के बाद एकीकृत शिशु संरक्षण योजना की मिशन निदेशक ने कथित दोषियों के खिलाफ पुलिस स्टेशन पंपोर में बुधवार शाम एफआइआर दर्ज करा दी थी। उसके बाद वीरवार को पळ्लिस ने इन संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करते हळ्ए छापे मारे। कळ्छ अन्य संस्थाओं के खिलाफ भी पळ्लिस कार्रवाई की आशंका जताई जा रही है।
2020 में बना था यह एनजीओ : अधिकारियों के अनळ्सार अमीन का संगठन ग्लोबल वेलफेयर चैरिटेबल ट्रस्ट पिछले वर्ष 2020 में ही बना था। तब इस संगठन ने बच्चों के कल्याण के लिए काम करने का दावा किया था। यह संगठन बच्चों की खरीद-फरोख्त के आरोपों से घिर गया है। कश्मीर में सक्रिय सैकड़ों अन्य संगठन सवालों के घेरे में आ गए हैं।
आइजी को लिखी विभाग की निदेशक ने चिट्ठी : समाज कल्याण विभाग की निदेशिका शीतल नंदा ने मामले को कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक (आइजीपी) विजय कुमार के संज्ञान में लाते हुए दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई का आग्रह किया है। मिशन निदेशक एकीकृत शिशु संरक्षण योजना (आइसीपीसी) शबनम ने शिशु कल्याण समिति को प्रदेश में सभी कोविड अनाथ बच्चों से मुलाकात कर मौजूदा स्थिति से निदेशालय आइसीपीसी को रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है।