लद्दाख को डिवीजन बनाने पर शुरू हुआ विवाद, कारगिल ने अनदेखी का लगाया आरोप
लद्दाख को डिवीजन का दर्जा देकर लेह को मुख्यालय बनाया जाना कारगिल के साथ पूरी तरह से भेदभाव है। इस भेदभाव को किसी भी हाल में सहन नहीं किया जाएगा।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। लद्दाख को डिवीजन का दर्जा मिलने के साथ ही विवाद पैदा हो गया है। कारगिल स्वायत्त पहाड़ी विकास काउंसिल ने स्पष्ट रूप से चेतावनी दे दी है कि अगर कारगिल के साथ इंसाफ नहीं किया गया तो बड़े पैमाने पर आंदोलन ही नहीं बल्कि कारगिल में पंचों-सरपंचों से लेकर एमएलसी व अन्य संस्थाओं के सभी प्रतिनिधि अपने पद से त्यागपत्र दे देंगे। कारगिल पहाड़ी विकास स्वायत्त काउंसिल के चीफ एग्जिक्यूटिव काउंसलर फिरोज खान ने राज्य विधान परिषद के चेयरमैन हाजी अनायत अली के साथ जम्मू में पत्रकारवार्ता में कहा कि लद्दाख को डिवीजन का दर्जा देकर लेह को मुख्यालय बनाया जाना कारगिल के साथ पूरी तरह से भेदभाव है। इस भेदभाव को किसी भी हाल में सहन नहीं किया जाएगा।
खान ने कहा कि लद्दाख में यूनिवर्सिटी स्थापित करने की मांग भी हमने उठाई थी लेकिन क्लस्टर यूनिवर्सिटी भी लेह में खोली गई। हम लेह के खिलाफ नहीं हैं लेकिन कारगिल के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए। राज्यपाल को अपने फैसले की समीक्षा करते हुए यह सुनिश्चित करना चाहिए कि छह महीने मुख्यालय कारगिल होगा और छह महीनें लेह में। अगर राज्यपाल ने अपने फैसले की समीक्षा नहीं की तो पूरा कारगिल आंदोलन के लिए तैयार हो जाएगा। कारगिल के सभी लोग अौर पार्टियां दलगत राजनीति से ऊपर उठाकर एकजुट हैं।
कारगिल और लेह में छह-छह महीने बने मुखालय
हाजी अनायत अली ने कहा कि लद्दाख को डिवीजन का दर्जा देकर लेह को मुख्यालय बनाए जाने का फैसला हमें मंजूर नहीं है। उन्होंने राज्यपाल से आग्रह किया कि वह शीघ्र एसआरओ को रद्द कर संशोधित आर्डर जारी करें जिसमें यह व्यवस्था हो कि कारगिल और लेह में छह-छह महीने के लिए डिवीजन का मुख्यालय बनाया जाए। अगर सरकार अपने फैसले की समीक्षा नहीं करती है तो कारगिल के पंच-सरपंच, एमएलसी और अन्य संस्थाओं के सभी चुने हुए प्रतिनिधि अपने पद से त्यागपत्र दे देंगे। इस मुद्दे पर कारगिल और जम्मू में आंदोलन चलाया जाएगा। इसकी रूपरेखा तय की जा रही है।
पीडीपी-नेकां ने पीर पंचाल, चिनाब घाटी को डिवीजन बनाने का मुद्दा उठाया
पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती ने इस मुद्दे को पहले ही तूल दे दिया है। उमर ने कहा है कि अगर नेशनल कांफ्रेंस सत्ता में आती है तो पीर पंचाल और चिनाब घाटी को डिवीजन का दर्जा देंगे। क्योंकि यहां के लोगों की यह काफी पुरानी मांग है। महबूबा मुफ्ती ने भी राज्यपाल के फैसले पर सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि राज्यपाल भाजपा का एजेंडा आगे कर रहे हैं। पीरपंचाल और चिनाब घाटी भी पिछड़े क्षेत्र हैं, उनके साथ भी इंसाफ होना चाहिए। भारतीय जनता पार्टी ने इस फैसले की सराहना करते हुए इसे ऐतिहासिक फैसला बताया है। भाजपा के प्रदेश प्रधान रवीन्द्र रैना का कहना है कि लद्दाख के लोगों की लंबित मांग पूरी हो गई है। डिवीजन का दर्जा मिलने से उनकी समस्याओं का समाधान हो पाएगा।