लद्दाख डिवीजन में लेह के साथ कारगिल भी बना मुख्यालय
राज्य ब्यूरो, जम्मू : लद्दाख को डिवीजन बनाकर लेह मुख्यालय बनाने से उपजा विवाद समाप्त हो गया है। र
राज्य ब्यूरो, जम्मू : लद्दाख को डिवीजन बनाकर लेह मुख्यालय बनाने से उपजा विवाद समाप्त हो गया है। राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने लद्दाख डिवीजन में अब लेह के साथ कारगिल को भी मुख्यालय बनाने का एलान कर दिया है।
राज्यपाल ने कारगिल जिला की सर्वदलीय समन्वय समिति से भेंट कर कारगिल के लोगों की मांग को पूरा करते हुए कारगिल को भी लेह की तर्ज पर मुख्यालय बनाने का एलान किया। समन्वय समिति के सदस्यों की बात को सुनने और कारगिल के लोगों की भावनाओं की कद्र करते हुए राज्यपाल ने यह कदम उठाया। लद्दाख डिवीजन में प्रशासनिक और राजस्व विभाग के मुख्यालय लेह और कारगिल में होंगे। लेह और कारगिल के लिए एक-एक एडिशनल डिवीजनल कमिश्नर होगा। डिवीजनल कमिश्नर और आइजी आधा-आधा समय लेह और कारगिल में बिताएंगे। इस संबंध में संशोधित एसआरओ जारी किया जाएगा। पदों को सृजित करने के बारे में कमेटी 24 तक रिपोर्ट भेजेगी
राज्य प्रशासनिक काउंसिल की तरफ से प्ला¨नग के प्रशासनिक सचिव के नेतृत्व में गठित कमेटी मुद्दों पर जांच करेगी और रिपोर्ट देगी। कमेटी इस पर विचार करेगी कि क्या डिवीजनल कमिश्नर और आइजी साप्ताहिक या पखवाड़े के बीच मुख्यालयों में बैठेंगे। नए लद्दाख डिवीजन के लिए लेह और कारगिल में कितने पदों को सृजित करने की जरूरत होगी। कमेटी 24 फरवरी तक अपनी रिपोर्ट भेजेगी। कारगिल हवाई अड्डे को विकसित करने के लिए दो सौ करोड़ देगी सरकार
राज्य सरकार शीघ्र दो सौ करोड़ रुपये जारी करेगी ताकि कारगिल हवाई अड्डे को पूरी तरह नागरिक हवाई अड्डे के रूप में विकसित किया जा सके, जिसमें बोईग या एयरबस भी उड़ान भर सकें। लद्दाख मामलों के सचिव लद्दाख पहाड़ी स्वायत्त पहाड़ी विकास काउंसिल लेह व कारगिल और संबंधित प्रतिनिधियों से बातचीत कर कारगिल के विकास के लिए कदम उठाएगी। समन्वय समिति ने राज्यपाल के फैसले का स्वागत करते हुए अपने आंदोलन को समाप्त करने की घोषणा की। राज्यपाल ने समन्वय समिति के आंदोलन को वापस लेने का स्वागत करते हुए लोकतांत्रिक प्रक्रिया में शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर अपनी बात रखने को एक अच्छा कदम बताया। समन्वय समिति में लद्दाख पहाड़ी स्वायत्त काउंसिल कारगिल के चीफ एग्जिक्यूटिव काउंसिलर फिरोज खान, राज्य विधान परिषद के चेयरमैन हाजी अनायत अली व विभिन्न पार्टियों के प्रतिनिधि शामिल थे।