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Jammu Kashmir: रतले जलविद्युत परियोजना पर 1600 करोड़ रुपये का निवेश करेगी जेवीसी

Hydroelectric projects in Jammu Kashmir प्रशासकीय परिषद ने इस समझौते व जेवीसी को पूरी तरह सक्रिय बनाने के लिए दस्तावेजों पर हस्ताक्षर के लिए ऊर्जा विकास विभाग के सचिव और जेकेएसपीडीसीएल के प्रबंध निदेशक को अधिकृत किया है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 18 Mar 2021 09:38 AM (IST)Updated: Thu, 18 Mar 2021 09:38 AM (IST)
Jammu Kashmir: रतले जलविद्युत परियोजना पर 1600 करोड़ रुपये का निवेश करेगी जेवीसी
जेवीसी 5281.94 करोड़ की अनुमानित लागत से 850 मेगावाट की रतले जलविद्युत परियोजना का निर्माण करेगी।

जम्मू, राज्य ब्यूरो: किश्तवाड़ के द्रबशाला चिनाब दरिया पर 850 मेगावाट की रतले जलविद्युत परियोजना का निर्माण रतले जलविद्युत निगम नामक संयुक्त उद्यम कंपनी (जेवीसी) पूरा करेगी। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में बुधवार को हुई प्रदेश प्रशासनिक परिषद की बैठक में जेवीसी के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। प्रस्तावित जेवीसी 1600 करोड़ का पूंजी निवेश करेगी। इसमें शुरुआती 100 करोड़ रुपये के पूंजी निवेश में जम्मू कश्मीर प्रदेश ऊर्जा विकास निगम इक्विटी के तौर पर 49 करोड़ का भुगतान करेगा।

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प्रस्तावित परियोजना को तैयार करने के लिए समझौते पर गत तीन जनवरी को उपराज्यपाल और केंद्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री की मौजूदगी में ही जम्मू कश्मीर सरकार, जेकेएसपीडीसीएल और एनएचपीसी के बीच हस्ताक्षर हुए थे। इस समझौते के आधार पर ही प्रशासकीय परिषद ने जम्मू कश्मीर सरकार, एनएचपीसी और जेकेएसपीडीसीएल के बीच जेवीसी के लिए प्रोमोटर समझौते को मंजूरी दी है। प्रशासकीय परिषद ने इस समझौते व जेवीसी को पूरी तरह सक्रिय बनाने के लिए दस्तावेजों पर हस्ताक्षर के लिए ऊर्जा विकास विभाग के सचिव और जेकेएसपीडीसीएल के प्रबंध निदेशक को अधिकृत किया है।

चिनाब पर दो परियोजनाओं के बीच में है रतले परियोजना: जेवीसी 5281.94 करोड़ की अनुमानित लागत से 850 मेगावाट की रतले जलविद्युत परियोजना का निर्माण करेगी। यह परियोजना रन आफ द रिवर सिद्धांत के आधार पर किश्तवाड़ जिले में चिनाब दरिया पर दुलहस्ती जलविद्युत परियोजना और बगलिहार जलविद्युत परियोजना के बीच बनाई जाएगी। इस परियोजना के पूरा होने से जम्मू-कश्मीर की जलविद्युत उत्पादन क्षमता में सुधार के साथ ही सिंधु जल नदी समझौते के तहत पश्चिमी क्षेत्र की नदियों के जल का प्रभावी इस्तेमाल भी सुनिश्चित होगा। 


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