Move to Jagran APP

आतंकी हमले में कश्‍मीर के वरिष्‍ठ पत्रकार शुजात बुखारी व दो अंगरक्षकों की मौत, 3 संदिग्धों की तस्वीर जारी

कश्मीर के वरिष्ठ पत्रकार शुजात बुखारी वीरवार को दो अंगरक्षकों समेत अपने कार्यालय के बाहर आतंकी हमले में मारे गए। किसी भी आतंकी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 15 Jun 2018 10:20 AM (IST)Updated: Fri, 15 Jun 2018 01:50 PM (IST)
आतंकी हमले में कश्‍मीर के वरिष्‍ठ पत्रकार शुजात बुखारी व दो अंगरक्षकों की मौत, 3 संदिग्धों की तस्वीर जारी
आतंकी हमले में कश्‍मीर के वरिष्‍ठ पत्रकार शुजात बुखारी व दो अंगरक्षकों की मौत, 3 संदिग्धों की तस्वीर जारी

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो।  कश्मीर के वरिष्ठ पत्रकार शुजात बुखारी वीरवार को दो अंगरक्षकों समेत अपने कार्यालय के बाहर आतंकी हमले में मारे गए। किसी भी आतंकी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुजात की मौत पर दुख जताया।

prime article banner

इस बीच, पुलिस ने श्रीनगर और साथ सटे इलाकों में आतंकियों के संभावित ठिकानों पर दबिश शुरू कर दी है। शुजात बुखारी भारत-पाक के बीच संबंध सामान्य बनाने के लिए जारी ट्रैक -2 की प्रक्रिया में भी शामिल थे। उन्हें 10 जून 2006 को भी आतंकियों ने श्रीनगर के रेजीडेंसी रोड से अगवा किया था।

शुजात बुखारी कश्मीर के अंग्रेजी दैनिक राइि‍जिंग कश्मीर के अलावा कश्मीरी भाषा के अखबार संगरमाल व उर्दू दैनिक बुलंद कश्मीर के संपादक और प्रकाशक थे।

वह द हिंदू के कश्मीर ब्यूरो प्रभारी भी रहे हैं। इसके अलावा वह कश्मीर टाइम्स में भी सेवाएं दे चुके हैं। उनके बड़े भाई सईद बशारत बुखारी पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार में बागवानी मंत्री हैं। शुजात बुखारी के परिवार में पत्नी और दो बच्चे हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, शाम करीब साढ़े सात बजे शुजात बुखारी प्रेस एन्कलेव में स्थित अपने कार्यालय से इफतार करने के लिए निकले। उनके साथ उनका अंगरक्षक और चालक (अंगरक्षक) भी थे। वह जैसे ही वाहन में सवार होने लगे तो उनके कार्यालय के बाहरी छोर पर गली के मुहाने पर तीन आतंकियों ने अंधाधुंध गोलियां चलाई।

इसमें शुजात बुखारी और उनके दोनों अंगरक्षक गंभीर रूप से घायल होकर गिर पड़े। जिस समय हमला हुआ, उस समय प्रेस एन्कलेव में काफी भीड़ होती है, लेकिन गोलियों की गूंज से वहां अफरा-तफरी फैल गई। वहां मौजूद एक पत्रकार के अनुसार, सभी इतने डर गए थे कि करीब दस मिनट तक कोई गाड़ी के पास नहीं गया। मेहराज नामक एक स्थानीय पत्रकार ने कहा कि मैं अपने कार्यालय में था, गोलियों की आवाज से बाहर निकला। शुजात की गाड़ी देखी उस पर गोलियां लगी थी और तीनों खून से लथपथ गाड़ी में पड़े थे। पुलिस भी आ गई। हम उन्हें अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने शुजात बुखारी और उनके एक अंगरक्षक अब्दुल हमीद को मृत घोषित कर दिया।

उनका दूसरा अंगरक्षक मुमताज अहमद जो चालक भी है, ने बाद में अस्पताल में दम तोड़ा। पुलिस महानिदेशक डॉ. एसपी वैद ने कहा कि यह अत्यंत दुखद घटना है। शुजात बुखारी के हत्यारों को पकड़ने के लिए कार्रवाई कर रहे हैं।

इस बीच, मुख्यमंत्री महबूबा ने प्रेस एन्कलेव का भी दौरा किया और पीड़ित के घर जाकर उनके परिजनों से संवेदना जताई। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह कुछ ही दिन पहले मुझसे मिलने आए थे। 'शुजात बुखारी की हत्या एक कायराना कृत्य है। यह कश्मीर की प्रगतिशील और सकारात्मक आवाज को बंद करने का कुत्सित और घिनौना प्रयास है। वह निडर पत्रकार थे। उनकी मौत पर मुझे बहुत दुख है।

मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवार के साथ हैं।' -केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह का ट्वीट 'इस घिनौने कृत्य की जितनी निंदा की जाए कम है। शुजात बुखारी की हत्या से साबित हो गया है कि हिंसा में तर्क और विचारों का कोई स्थान नहीं है। पूरा राज्य इस अमानवीय और पाश्विक कृत्य की एकजुट होकर निंदा कर रहा है।

राज्य में पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका योगदान हमेशा याद रखा जाएगा।' -महबूबा मुफ्ती, मुख्यमंत्री 'शुजात बुखारी अपने फर्ज की राह में शहीद हुए हैं। वह पत्रकारिता को अपना सबकुछ मानते थे और उन्होंने हमेशा निष्पक्षता से पत्रकारिता की। अपने अंतिम ट्वीट में भी उन्होंने पत्रकारिता, अपने सहयोगी पत्रकारों और अपना बचाव किया था। हम जल्द ही मिलने वाले थे, लेकिन अब यह मुलाकात कभी नहीं होगी।' -पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का ट्वीट शुजात बुखारी एक निडर पत्रकार थे। वह हमेशा न्याय और जम्मू कश्मीर में शांति के लिए प्रयासरत रहे। शोक संतप्त परिवार के साथ मेरी गहरी संवेदना है। -कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का ट्वीट 

 3 संदिग्धों की तस्वीर जारी

इस बीच, सूत्रों के मुताबिक इस हत्याकांड में कश्मीर हॉस्पिटल से फरार आतंकी नावेद जट का हाथ माना जा रहा है। संदिग्धों की तस्वीर में बाइक पर बीच में बैठा आतंकी नावेद जट बताया जा रहा है। लश्कर आतंकी नावेद जट पिछले दिनों श्रीनगर के अस्पताल से फरार हो गया था। पुलिस ने अभी इसकी पुष्टि नहीं की है लेकिन सीसीटीवी से तीन संदिग्धों की तस्वीर की पहचान कराई जा रही है। पहचान के लिए स्थानीय लोगों की मदद ली जा रही है।हालांकि, लश्कर ने शुजात बुखारी की हत्या की निंदा की है लेकिन सुरक्षा एजेंसियां मानती हैं कि ये आतंकी संगठन की रणनीति का हिस्सा हो सकता है।

पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी और हमलावरों की पहचान के लिए स्थानीय लोगों की मदद ली जा रही है।जम्मू कश्मीर पुलिस की ओर से हमलवारों से जुड़ी जानकारी देने के लिए मोबाइल नंबर भी जारी किए गए हैं।साथ ही अब पुलिस इस सीसीटीवी फुटेज की जांच कर हमलावरों तक पहुंचने की कोशिश में जुटी है। पुलिस की ओर से जारी दो तस्वीरों में तीन लोग बाइक पर जाते दिख रहे हैं जिन्होंने अपने चेहरे ढके हुए हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.