कॉरपोरेटर के खिलाफ भड़के सफाई कर्मी, कूड़े के ढेर लगा घंटों यातायात रखा अवरूद्ध
कॉरपोरेटर राजेंद्र शर्मा ने कहा कि हमारी वार्ड में सफाई के लिए छह लाख रुपये सफाई कर्मियों को मिलते हैं। कागजों में 32 सफाई कर्मी वार्ड में तैनात हैं। आते 10-12 ही हैं।
जम्मू, जागरण संवाददाता। कभी हाजिरी जांचने के नाम पर तो कभी काम करवाने के नाम पर सफाई कर्मचारियों को परेशान कर रहे कारपोरेटर के खिलाफ सभी सफाई कर्मी सड़कों पर उतर आए। शहर के वार्ड नंबर 16, न्यू प्लाट में सफाई कर्मियों ने कॉरपोरेटर राजेंद्र शर्मा के खिलाफ न सिर्फ नारेबाजी की बल्कि मुख्य मार्ग पर कूड़े के ढेर लगाकर यातायात भी अवरुद्ध कर दिया। इस विवाद के कारण करीब तीन घंटे तक इलाके में तनातनी का माहौल रहा। ये सफाई कर्मी कॉरपोरेटर पर बदतमीजी करने और धौंस जमाने के आरोप लगा रह थे। बाद में हेल्थ आफिसर, पब्लिक हेल्थ एंड सेनिटेशन कमेटी के चेयरमैन बलदेव सिंह बलोरिया, जम्मू वेस्ट असेम्बली मूवमेंट के प्रधान सुनील डिम्पल, एसडीपीओ बख्शी नगर अमित शर्मा, एसएचओ बख्शी नगर अमित कुमार आदि ने मौके पर पहुंच कर कर्मियों को समझाया और मामला शांत किया।
सफाई कर्मियों का कहना था कि कॉरपोरेटर उन्हें परेशान कर रहा है। अखिल भारतीय सफाई कर्मचारी यूनियन व सिविक सफाई कर्मचारी यूनियन के सदस्य भी मौके पर पहुंच गए। वार्ड के सभी सफाई कर्मी वहां एकजुट होकर कॉरपोरेटर के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। उनका कहना था कि वे कामकाज में कोई कसर नहीं छोड़ते। कॉरपोरेटर अपनी राजनीति के चक्कर में उन्हें मुहरा बनाते हैं। यूनियन के सदस्यों लक्की चिद्दा, मंजूर मोहम्मद, राजेंद्र, ककोर्नलियस गिल ने कहा कि इस तरह सफाई कर्मियों के साथ बदतमीजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
कारपोरेटर से माफी मंगवाने पर अड़े रहे कर्मी
कॉरपोरेटरों को भी इन छोटे कर्मियों की समस्या को समझना चाहिए। कोई परेशानी हो तो सुपरवाइजर व अन्य अधिकारियों से बात कर सकते हैं। कर्मी अपना काम ठीक से कर रहे हैं। कॉरपोरेटर को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए। यही हाल रहा तो पूरे शहर में सफाई कर्मी हड़ताल पर जाने को मजबूर हो जाएंगे। प्रधान लक्की चिद्दा ने कहा कि कॉरपोरेटर के माफी मांगने के बाद ही वे सब काम पर लौटेंगे। कॉरपोरेटर गलियों, नालियों पर ध्यान नहीं दे रहे, सफाई कर्मियों को परेशान कर रहे हैं। हमारे कर्मी सुबह से दोपहर तक कचरा उठा रहे होते हैं।
32 में से 12 सफाई कर्मी ही आते हैं वार्ड में
कॉरपोरेटर राजेंद्र शर्मा ने कहा कि हमारी वार्ड में सफाई के लिए छह लाख रुपये सफाई कर्मियों को मिलते हैं। कागजों में 32 सफाई कर्मी वार्ड में तैनात हैं। आते 10-12 ही हैं। ऐसे में काम नहीं हो पाता। यहां 1500 घर हैं। दो आटो भी लगाए गए हैं। तीन रेहड़ियां, बेलचे व अन्य सामान भी दिया गया है। बावजूद इसके काम नहीं दिखता। लिहाजा हम इनकी हाजिरी जांचनी शुरू की है। इसी के चलते पोल खुलना शुरू हुई। अब इन कर्मियों को यह बर्दाश्त नहीं हो रहा। इसलिए यह उल्टे-सीधे आरोप लगाकर कामकाज में अड़चने डाल रहे हैं। अगर हम आउटसोर्स करके भी काम करवाएंगे तो तीन लाख रुपये में वार्ड साफ हो सकता है। लोगों ने मुझे कॉरपोरेटर इसलिए चुना कि मैं व्यवस्था बनाऊं। अब इसमें इनको मुश्किल होने लगी हैं। उन्होंने कहा कि किसी कर्मी से बदतमीजी नहीं की जा रही। बस व्यवस्था बनाने का प्रयास किया गया। जितने कर्मी हाजिर होंगे, उतनों की ही तनख्वाह निकलनी चाहिए। व्यवस्था बनाने में कसर नहीं छोड़ी जाएगी। किसी सफाई कर्मी को हताश करना हमारा मकसद नहीं। कर्मचारी भी पारदर्शिता में विश्वास करें।
हर वार्ड में लगेगा बायोमैट्रिक सिस्टम
मेयर चंद्र मोहन गुप्ता ने मसले पर कहा कि पहले भी सफाई कर्मियों की हाजिरी कॉरपोरेटर देखा करते थे। कामकाज में पारदर्शिता लाई जा रही है। हम बहुत जल्द हर वार्ड में बायोमैट्रिक हाजिरी शुरू करने जा रहे हैं। इतना ही नहीं यूजर चार्ज भी स्वाइप मशीनों से लेने की तैयारी चल रही है।