Jammu Kashmir: चार महीनों से वेतन नहीं मिलने पर जेकेआरटीसी प्रबंधन के खिलाफ विरोध, प्रदर्शन
यूनियन चार महीनों का बकाया वेतन जारी करने सहित नियमित रूप से भविष्य में वेतन की अदायगी करने कंसालिडेटिड कर्मचारियों को स्थायी करने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों एसआरओ-43 और डीपीसी काे लागू करने सहित अन्य मांगों पर अड़ी है।
जम्मू, जागरण संवाददाता: यूटी ऑफ जम्मू-कश्मीर और लद्दाख रोड ट्रांसपोर्ट काॅरपोरेशन वर्कर्स यूनियन के बैनर तले प्रदेश के कर्मचारियों ने चार महीनों से वेतन की अदायगी न किए जाने से नाराज होकर विरोध प्रदर्शन किया। शहर के प्रदर्शनी मैदान में सभी कर्मचारियों ने एकत्र होकर शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए शांतिपूर्वक तरीके से विरोध जताया।
कर्मचारियों ने अपने हाथों में बैनर लेकर सरकार और प्रबंधन के खिलाफ नाराजगी जताई। यूनियन के जम्मू संभाग के मुख्य प्रवक्ता मोहम्मद रियाज ने कहा कि गत दो सितंबर और 29 सितंबर को कर्मचारियों ने शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर उम्मीद जताई थी कि उनके बकाया वेतन की जल्द अदायगी कर दी जाएगी। इसके उपरांत काॅरपोरेशन प्रबंधन ने सात सितंबर से चार महीनों के बकाया वेतन की अदायगी किए जाने का आश्वासन दिया था। तयशुदा समय बीत जाने के बाद भी प्रबंधन के सिर से जूं तक नहीं रेंगी। मजबूरन अब कर्मचारियाें को आंदोलन का रास्ता अपना पड़ रहा है।
वर्कर्स यूनियन के बैनर तले 10 अक्टूबर को आरटीसी के मिनिस्ट्रियल स्टॉफ के कर्मचारी केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में एक दिवसीय काम छोड़ो हड़ताल पर रहेंगे। 12 अक्टूबर को तकनीकी स्टॉफ एक दिवसीय काम छोड़ो हड़ताल पर रहेगा जबकि 15 अक्टूबर को आरटीसी के कर्मचारी अपनी मांगों के समर्थन में रेलवे हैडक्वार्टर जम्मू और श्रीनगर हैड क्वार्टर में प्रबंधन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे।
यूनियन ने साफ किया कि अगर फिर भी प्रबंधन ने उनकी मांगों को पूरा नहीं किया तो फिर प्रदेश में धरनों, प्रदर्शनों, भूख हड़ताल और अनिश्चितकालीन काम छोड़ो हड़ताल का सिलसिला शुरू हो जाएगा और प्रबंधन इसके लिए पूरी तरह से जिम्मेदार रहेगी।
यूनियन के परमजीत ने बताया कि काेरोना महामारी के दौरान भी काॅरपोरेशन का प्रत्येक कर्मचारी अपने दायित्व का निर्वाह करते आ रहे हैं। ऐसे में सरकार और प्रबंधन की ओर से उन्हें प्रशंसा मिलनी चाहिए जबकि प्रशंसा तो दूर कर्मचारियों को पिछले चार महीनों से वेतन की अदायगी तक नहीं की गई है। गत 21 सितंबर को यूनियन के प्रतिनिधिमंडल ने परमजीत सिंह के नेतृत्व में उपराज्यपाल के सलाहकार से भेंट कर पेश आ रही समस्याओं से अवगत करवाया था। उन्होंने यूनियन से 15 दिन का समय मांगा था लेकिन बावजूद इसके आज तक कर्मचारियों को इंसाफ नहीं मिल पाया है।
यूनियन चार महीनों का बकाया वेतन जारी करने सहित नियमित रूप से भविष्य में वेतन की अदायगी करने, कंसालिडेटिड कर्मचारियों को स्थायी करने, सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों, एसआरओ-43 और डीपीसी काे लागू करने सहित अन्य मांगों पर अड़ी है।