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Jammu Kashmir: अपनी पार्टी के नेता मीर ने कहा- लद्दाख में कार्यरत जम्मू-कश्मीर कर्मचारियों को वापस लाए सरकार

विभिन्न विभागों में काम करने वाले सैकड़ों कर्मचारी जम्मू-कश्मीर की दोनों डिवीजनों से संबंधित हैं आैर उन्हें लद्दाख के वातावरण में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 24 Jun 2020 06:00 PM (IST)Updated: Wed, 24 Jun 2020 06:25 PM (IST)
Jammu Kashmir: अपनी पार्टी के नेता मीर ने कहा- लद्दाख में कार्यरत जम्मू-कश्मीर कर्मचारियों को वापस लाए सरकार
Jammu Kashmir: अपनी पार्टी के नेता मीर ने कहा- लद्दाख में कार्यरत जम्मू-कश्मीर कर्मचारियों को वापस लाए सरकार

श्रीनगर, जेएनएन। जम्मू और कश्मीर अपनी पार्टी (JKAP) के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री मोहम्मद दिलावर मीर ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर के उन कर्मचारियों को तत्काल वापस लाने की मांग की है, जो केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में अभी तक अपनी सेवाएं दे रहे हैं। मीर ने कहा कि वे कर्मचारियों लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद जम्मू-कश्मीर में नौकरी करने का अपना मत दे चुके हैं। अभी तक इन्हें वापस न लाए जाने की वजह से इन कर्मचारियों को लद्दाख के वातावरण के कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

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मीर ने यहां जारी एक बयान में कहा कि उच्च शिक्षा, स्कूली शिक्षा, हीथ, पीडीडी, वित्त, योजना, घर, पीडब्ल्यूडी, पीएचई और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन जैसे विभिन्न विभागों में काम करने वाले सैकड़ों कर्मचारी जम्मू-कश्मीर की दोनों डिवीजनों से संबंधित हैं आैर उन्हें लद्दाख के वातावरण में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में राज्य के बंटने के बाद प्रशासन खुद ने इन कर्मचारियों से उनकी पोस्टिंग स्थानों पर राय मांगी थी। जम्मू-कश्मीर के दोनों डिवीजनों में काम करने वाले कर्मचारियों ने वापसी की मांग की। परंतु प्रशासन ने व्यवस्था होने तक उन्हें यहीं रहकर काम करने के लिए परंतु एक साल पूरा होने को आया है और इन कर्मचारियों की वापसी पर अभी तक कोई कार्रवाई शुरू नहीं हुई है। भारत-चीन के बीच उत्पन्न तनाव ने भी इन कर्मचारियों की चिंताएं बढ़ा दी हैं।

मीर ने केंद्रीय गृह मंत्री से भी इस मामले में हस्तक्षेप करने और इन असहाय कर्मचारियों को उनके संबंधित डिवीजनों में तत्काल स्थानांतरित करने का आदेश देने की अपील की। उन्होंने कहा कि जीएडी ने इन कर्मचारियों से पसंदीदा पोस्टिंग जानने के लिए परिपत्र जारी किया था। उसे भरते समय अधिकांश कर्मचारियों ने जम्मू-कश्मीर को चुना था। लेकिन आज तक इन कर्मचारियों को जेएंडके में स्थानांतरित नहीं किया जा रहा है, जिससे उनके परिवारों के लिए बहुत सारी समस्याएं पैदा हो गई हैं।

जेकेए नेता ने यह भी बताया कि नियमानुसार अधिकांश कर्मचारी लेह और यूटी में कारगिल में अपना अनिवार्य समय पूरा कर चुके हैं। इन कर्मचारियों को वर्तमान स्थानों चार साल होने जा रहे हैं। लद्दाख को कठोर सर्दियों और अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों के लिए जाना जाता है, इससे जम्मू-कश्मीर के कर्मचारियों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो रही हैं। अपनी पार्टी ने उपराज्यपाल जीसी मुर्मू से अपील की कि वह इस मामले को प्राथमिकता के आधार पर गृह मंत्रालय के साथ उठाए और सुनिश्चित करें कि इस संबंध में आवश्यक निर्देश जारी किए जाएं।


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