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भारी बर्फबारी से देश से कटा कश्मीर, दो जवानों समेत सात की मौत

जागरण न्यूज नेटवर्क जम्मू श्रीनगर समेत वादी के सभी निचले इलाकों में वीरवार को मौसम का पहल

By JagranEdited By: Published: Fri, 08 Nov 2019 09:28 AM (IST)Updated: Sat, 09 Nov 2019 06:53 AM (IST)
भारी बर्फबारी से देश से कटा कश्मीर, दो जवानों समेत सात की मौत
भारी बर्फबारी से देश से कटा कश्मीर, दो जवानों समेत सात की मौत

जागरण न्यूज नेटवर्क, जम्मू : श्रीनगर समेत वादी के सभी निचले इलाकों में वीरवार को मौसम का पहला भारी हिमपात हुआ। इससे जम्मू-श्रीनगर हाईवे यातायात के लिए बंद हो गया है। श्रीनगर एयरपोर्ट पर रनवे पर भी बर्फ की मोटी परत बिछ जाने से सभी उड़ानों को रद कर दिया गया। इससे कश्मीर का सड़क व हवाई संपर्क देश-दुनिया से पूरी तरह कट गया है। हाईवे पर करीब दो हजार ट्रक जगह-जगह फंसकर रह गए हैं। वहीं, राजौरी-पुंछ को कश्मीर से जोड़ने वाला मुगल रोड और लेह-श्रीनगर हाईवे दूसरे दिन भी बंद रहा। कश्मीर व जम्मू संभाग के भी कई मार्गो पर यातायात ठप हो गया है। इस बीच, हिमस्खलन और बिगड़े मौसम से सेना के दो जवानों, दो पोर्टरों समेत सात लोगों की मौत हो गई। जम्मू में भी बारिश व तेज हवाओं के कारण कई लोग घायल हुए हैं। बर्फबारी के कारण पूरा राज्य ठंड की चपेट में है। जम्मू में ही एक दिन में तापमान 10 डिग्री सेल्सियस गिर गया। वहीं बिगड़े मौसम के कारण बिजली और अन्य सेवाएं भी बाधित रहीं।

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वहीं बर्फबारी से निपटने के लिए प्रशासन ने कमान संभाल ली है। उच्च पर्वतीय इलाकों में हिमस्खलन की आशंका को देखते हुए लोगों को अगले 24 घटे तक एहतियात बरतने की सलाह दी गई है। मौसम विभाग के अनुसार, शुक्रवार दोपहर बाद मौसम में सुधार होना शुरू हो जाएगा।

कश्मीर के उच्चपर्वतीय इलाकों में पिछले 24 घंटों से बारिश और बर्फबारी जारी है। वीरवार को जवाहर टनल के आसपास 10 इंच, पहलगाम में सात इंच, सोनमर्ग में एक फुट, श्रीनगर में पांच इंच, गुरेज में डेढ़ फुट, गुलमर्ग में सवा चार फुट बर्फ रिकार्ड की गई। सुबह पहाड़ी और मैदानी इलाकों में लोगों ने जब अपने घरों की खिड़किया खोली तो आगन में चारों तरफ बर्फ की सफेद चादर बिछी नजर आई। वहीं देश विदेश से कश्मीर घूमने आए सैलानियों ने हिमपात का जमकर लुत्फ उठाया।

हाईवे बंद : जवाहर सुरंग के दोनों तरफ हुए हिमपात और बनिहाल-रामबन सेक्शन के बीच कई जगह पस्सियां (पत्थर) गिरने से श्रीनगर-जम्मू हाईवे यातायात के लिए बंद हो गया है। रास्ते में फंसे सभी यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। काजीगुंड, जिग और लोअर मुंड में जम्मू की तरफ जाने वाले ट्रकों व अन्य वाहनो की लंबी-लंबी कतारें लग गई हैं। वहीं जम्मू से श्रीनगर जाने वाली गाड़ियों को भारी बारिश के चलते जखैनी, ऊधमपुर से आगे नहीं जाने दिया गया। भद्रवाह, किश्तवाड़ के उच्च पहाड़ी क्षेत्रों में भी बर्फबारी हुई, लेकिन भद्रवाह-जम्मू सड़क मार्ग खुला रहा। उधर, जोजिला में हिमपात के चलते लेह की तरफ जाने वाले सभी वाहनों को सोनमर्ग, कंगन और श्रीनगर में रोका गया है। इसी तरह लेह की तरफ से श्रीनगर की तरफ आने वाले वाहनों को जोजिला के पार द्रास में रोका गया है। जोजिला दर्रे में फंसे कई ट्रकों व उनके चालकों को यातायात पुलिस ने सेना की मदद से नीचे सोनमर्ग भी पहुंचाया है। उत्तरी कश्मीर में एलओसी के साथ सटे केरन, करनाह, गुरेज और मच्छल समेत विभिन्न इलाकों का कुपवाड़ा,बाडीपोर और श्रीनगर समेत विभिन्न जिला मुख्यालयों के साथ सड़क संपर्क भी कट गया है। इधर, माता वैष्णो देवी में बारिश व बिजली लाइन में फाल्ट के कारण हेलीकाप्टर सेवा, बैटरी कार व केबल कार सेवा ठप रही, लेकिन यात्रा सुचारु रही।

हंदवाड़ा में दो जवान शहीद :

उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के लंगेट में सुबह बर्फबारी के कारण फिसलन होने व दृश्यता न होने के कारण सैन्य वाहन पलटने से सेना के दो जवान राइफलमैन भीम बहादुर व गनर अखिलेश कुमार शहीद हो गए। भीम बहादुर उत्तराखंड के देहरादून जिले के गांव गोपीवाली अनारवाला के रहने वाले थे। वहीं अखिलेश कुमार मध्यप्रदेश के रेवा जिले के गोंडरी गांव के निवासी थे। श्रीनगर चिनार कोर में लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लो ने दोनों जवानों की हिमपात के बीच श्रद्धांजलि अर्पित की। दोनों जवानों के पार्थिव शरीर पूरे सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव भेज दिए गए। इस बीच, कुपवाड़ा में नियंत्रण रेखा के पास बना सेना का कैंप हिमस्खलन की चपेट में आ गया। वहां तैनात दो पोर्टर बर्फ में दब गए। ये दोनों पोर्टर स्थानीय बताए जा रहे हैं। उनकी पहचान मंजूर अहमद और इशाक खान के तौर पर हुई है। एक अन्य हादसे में बिजली विभाग के एक इंस्पेक्टर मंजूर अहमद की मौत हो गई। वह हिमस्खलन के कारण प्रभावित बिजली आपूर्ति को दुरुस्त करने का प्रयास कर रहे थे और खंभे से गिर गए। श्रीनगर प्रशासन ने उनके परिजनों को दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता मंजूर कर दी है। इसके अलावा श्रीनगर में चिनार का पेड़ टूटकर राहगीर पर गिरने से उसकी मौत हो गई। वहीं पुंछ जिले में चलती कार पर पेड़ गिर गया। गनीमत रही की सभी सदस्य सुरक्षित हैं। सियासी के पौनी में बिजली गिरने से राजौरी के तीस वर्षीय काला की मौत हो गई।

श्रीनगर में शून्य से नीचे पहुंचा न्यूनतम तापमान :

वादी में ठंड का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दिन का अधिकतम तापमान सामान्य से लगभग 16 डिग्री नीचे चला गया। श्रीनगर में अधिकतम तापमान 1.2 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे -0.6 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। जम्मू में अधिकतम तापमान 16.9 व न्यूनतम 15.3, लेह में अधिकतम 12.9 व न्यूनतम -3.4 तथा कारगिल में अधिकतम 2.3 व न्यूनतम -1.2 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। जम्मू में गत बुधवार को अधिकतम पारा 26.8 डिग्री था। 19 वर्षो में पाच बार नवंबर में हुआ हिमपात :

बीते 19 वर्षो में यह पाचवा मौका है जब श्रीनगर शहर में नवंबर माह के पहले पखवाड़े के दौरान हिमपात हुआ है। इससे पूर्व वर्ष 2004, 2008, 2009 और 2018 में नवंबर माह के पहले पखवाड़े में श्रीनगर समेत वादी के सभी निचले इलाकों में हिमपात हुआ था। पहाड़ी इलाकों में सितंबर के अंत में या फिर अक्टूबर में ही हिमपात शुरू हो जाता है। मुगल रोड पर बर्फ के बीच फंसे 13 लोगों को सुरक्षित निकाला

जागरण संवाददाता, पुंछ : सुरक्षाबलों ने वीरवार शाम मुगल रोड पर बर्फ के बीच फंसे 13 लोगों को सुरक्षित निकलकर उनकी जान बचाई।

पिछले दो दिन से हो रही बर्फबारी के बीच मंगलवार देर शाम मुगल रोड पर वाहनों की आवाजाही बंद कर दी गई थी। पीर की गली के पास दो फिट से अधिक बर्फ अभी तक गिर चुकी है और बर्फबारी जारी है। इस बीच कश्मीर घाटी में मजदूरी का काम कर रहे कुछ लोग पैदल ही राजौरी की तरफ आ रहे थे। इसके अलावा बिजली विभाग के कुछ कर्मचारी बिजली की लाइन की मरम्मत में जुटे थे। इन सभी की संख्या 13 बताई जा रही है। ये सभी लोग बर्फ के बीच फंस गए। इसकी जानकारी सुरक्षा बलों को मिली तो उन्होंने राहत कार्य शुरू करके सभी 13 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल कर उन्हें पौशाना चेक पोस्ट पर पहुंचाया। जहां पर उनके रुकने व खाने पीने का प्रबंध किया गया।


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