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पंचायतें ही तय करें विकास कार्यो की प्राथमिकताएं: सिन्हा

जम्मू कश्मीर अन्य राज्यों के लिए एक उदाहरण और बेंचमार्क बनेगा। बैक टू विलेज कार्यक्रम इसी दिशा में कदम है। इससे ग्रामीण इलाकों में पारदर्शी और जवाबदेह शासन सुनिश्चित करना है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 08 Oct 2020 08:57 AM (IST)Updated: Thu, 08 Oct 2020 08:57 AM (IST)
पंचायतें ही तय करें विकास कार्यो की प्राथमिकताएं: सिन्हा
पंचायतें ही तय करें विकास कार्यो की प्राथमिकताएं: सिन्हा

जागरण संवाददाता, ऊधमपुर : उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा है कि अब पंचायतें और आम लोग ही तय करें कि उन्हें कौन से विकास कार्य पहले कराने हैं। इन कामों को पूरा कराने के लिए सरकार अपने सभी संसाधन मुहैया कराएगी। सरकार विकास के लिए तैयार है। हम सरकार को आपके द्वार तक ले आए हैं। जम्मू कश्मीर की पंचायतों को समान विकास और वृद्धि का देश में एक नया मॉडल बनाया जाएगा। यहां संसाधनों और बुनियादी ढांचे की कोई कमी नहीं है। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों से कहा कि जनता की समस्याएं हल करने के लिए मौके पर ही फैसले होने चाहिए।

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गांव की ओर (बैक टू विलेज) कार्यक्रम के तीसरे चरण के तहत मनोज सिन्हा बुधवार को ऊधमपुर जिले के कुद में थे। कार्यक्रम कुद हायर सेकेंडरी स्कूल में था। यहां उन्होंने कहा कि वह प्रदेश में सामाजिक और आर्थिक मजबूती सुनिश्चित करेंगे। इससे जम्मू कश्मीर अन्य राज्यों के लिए एक उदाहरण और बेंचमार्क बनेगा। बैक टू विलेज कार्यक्रम इसी दिशा में कदम है। इससे ग्रामीण इलाकों में पारदर्शी और जवाबदेह शासन सुनिश्चित करना है। विकास कार्यो में सभी अधिकारियों की भूमिका केवल एक सूत्रधार की होगी। बैक टू विलेज कार्यक्रम के तहत सभी कार्य पंचायतों, पंचायत प्रतिनिधियों और लोगों द्वारा तैयार व नियोजित किए जाएंगे। पंचायतें और आम लोग ही इसके निष्पादक होंगे। प्रशासन का काम सुविधाएं पहुंचाना:

उपराज्यपाल ने कहा कि राज्य प्रशासन का काम प्रदेश के ग्रामीण इलाकों तक सुविधाएं पहुंचाना है। विकास में तेजी लाने, सभी को सामाजिक सुरक्षा व कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उपलब्ध कराने, क्षेत्रीय विषमताओं को खत्म करने और विकासात्मक कार्यो के प्रभावी निष्पादन को सुनिश्चित करने के लिए वह चार सूत्री योजना पर काम कर रहे हैं। योजनाएं शुरू, घोषणाएं कीं: उपराज्यपाल ने अपने कार्यक्रम के तहत यहां कई योजनाओं को शुरू कराया। कई घोषणाएं भी कीं। उन्होंने बागवानी विभाग द्वारा लगाए गए बागवानी उत्पादों व कृषि उपकरणों के स्टॉल का अवलोकन भी किया। उन्होंने सात लोगों को पावर टिल्लर की चाबियां और तीन लोगों को वर्मी कम्पोस्ट के लिए सब्सिडी के चेक दिए। इस अवसर पर जिला उपायुक्त डॉ. पियूष सिंगला, मुख्य बागवानी अधिकारी बृजवल्लभ गुप्ता आदि मौजूद रहे। मनरेगा के पैसे जल्द मिलेंगे

मनोज सिन्हा ने कहा कि गांव की ओर कार्यक्रम के पहले और दूसरे चरण में चिह्नित परियोजनाएं पूरी हुई हैं। हर पंचायत को कम से कम 50 लाख रुपये मिले हैं। प्रदेश प्रशासन ने 10 लाख रुपये अलग से दिए हैं। मनरेगा और एफसी के पैसे भी जल्द मिलेंगे। उन्होंने कहा कि अभियान के तहत 90 फीसद लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया है। जनभागीदारी से बड़ा परिवर्तन संभव

उपराज्यपाल ने कहा कि जन भागीदारी से बड़ा परिवर्तन हो सकता है। ग्रामीण विकास के लिए इस वर्ष 1951 करोड़ से ज्यादा धनराशि प्रदान की गई है। कृषि और बागवानी क्षेत्र को पिछले साल के मुकाबले 680 करोड़ की अतिरिक्त राशि प्रदान की गई है। अब आर्थिक पैकेज और आगामी मेगा औद्योगिक पैकेज में उद्योग, व्यवसाय और सेवाओं पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।


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