JK Bank Scam: 170 करोड़ का लोन 77 में सेटेल, 50 चुकाए, वह भी लोन लेकर
उन्होंने निर्दलीय श्रीनगर नगर निगम का चुनाव लड़ा था और कांग्रेस के सहयोग से डिप्टी मेयर बने। उन्होंने गत माह सज्जाद गनी लोन के नेतृत्व वाली पीपुल्स कांफ्रेंस का दामन थाम लिया था।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : जम्मू कश्मीर बैंक में घोटालों की जांच की आंच मंगलवार को श्रीनगर के डिप्टी मेयर शेख इमरान के घर तक पहुंच गई। आयकर विभाग की अलग-अलग टीमों ने राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर के साथ दिल्ली और बेंगलुरू में उनके 10 ठिकानों पर छापामारी की। इन छापों के दौरान आयकर टीम ने अघोषित संपत्ति की बिक्री, बेमानी संपत्ति, कर चोरी और जेके बैंक के साथ वनटाइम सेटलमेंट के नाम पर 100 करोड़ रुपये से ज्यादा के गड़बड़झाले का पता लगाया है।टीम ने इनके दस्तावेज भी जब्त कर लिए हैं।
सूत्रों के अनुसार, आयकर विभाग द्वारा जब्त दस्तावेजों से पता चला है कि बीते कुछ वर्षों के दौरान समय पूर्व कई पदोन्नतियां प्राप्त करने वाले एक वरिष्ठ अधिकारी ने बैंक के साथ वनटाइम सेटलमेंट कर 170 करोड़ के कर्ज को 77 करोड़ में रिस्ट्रक्चर कराने और उसे चुकाने के लिए बैंक से ही लगभग 50 करोड़ रुपये का कर्ज अपने सहयोगी को दिलाया। यही पैसा शेख इमरान ने सहयोगी से बतौर कर्ज लिया और बैंक को दिया। इस मामले में जेके बैंक के पूर्व चेयरमैन परवेज अहमद नेंगरू की भूमिका भी संदिग्ध है। राज्य सरकार ने गत शनिवार को ही परवेज अहमद को पद से हटा दिया था।
डिप्टी मेयर के ठिकानों की तलाशी के बाद आयकर विभाग ने कथित तौर पर जम्मू कश्मीर बैंक के कॉरपोरेट कार्यालय की भी तलाशी ली। शेख इमरान को बैंक ने नियमों को ताक पर रखकर कर्ज प्रदान किया।
सुबह शुरू हुई कार्रवाई : मंगलवार सुबह करीब सात बजे से आयकर टीमों ने श्रीनगर के ब्रेन निशान, बोहरीकदल, संगरमाल और नौगाम स्थित डिप्टी मेयर के आवासीय और व्यापारिक प्रतिष्ठानों की तलाशी शुरू की। एक टीम ने नौगाम में स्थित कहवा बिजनेस ग्रुप के कॉरपोरेट कार्यालय में भी तलाशी ली। शेख इमरान ने करीब दस साल पहले श्रीनगर में रेडियो टैक्सी कहवा शुरू की थी।
जेके बैंक में थे 23 खाते, जिन्हें एनपीए घोषित किया गया : आयकर विभाग ने शेख इमरान के जम्मू कश्मीर बैंक के साथ उनके लेन-देन के दस्तावेज भी जब्त किए हैं। बताया जा रहा है इमरान के जेके बैंक में 23 खाते थे, जिन्हें एनपीए घोषित किया गया था।
नियमित तौर पर नहीं भरते थे आयकर रिटर्न : केंद्रीय आयकर विभाग की प्रवक्ता सुरभि आहलुवालिया ने शेख इमरान का नाम लिए बगैर कहा कि ट्रांसपोर्ट कारोबार, रेशम दागा निर्माण, हास्पिटेलिटी और कश्मीरी दस्तकारी के सामान रिटेल सेल करने के कश्मीर के एक प्रमुख व्यवासयिक समूह के 10 ठिकानों पर (आठ श्रीनगर और एक-एक दिल्ली व बेंगलुरू में) छापा मारकर जांच की गई। इस व्यापारिक घराने और समूह से जुड़ा कोई भी सदस्य नियमित तौर पर आयकर रिटर्न दाखिल नहीं करता है। जेके बैंक के साथ वन टाइम सेटलमेंट के समय उक्त समूह ने 170 करोड़ रुपये के कर्ज को 77 करोड़ रुपये पर पुनर्गठित कराया, लेकिन इसमें से भी सिर्फ 50.34 करोड़ रुपये की राशि ही चुकता की गई। बकाया 27.66 करोड़ रुपये को अभी चुकाना बाकी है।
अघोषित संपत्ति का पता चला : जांच के दौरान समूह ही 22 करोड़ की अघोषित संपत्ति की बिक्री, परिवहन कारोबार को 9.10 करोड़ रुपये में बेचने संबंधी एक अनुबंधपत्र, सोनमर्ग में 2.68 करोड़ मूल्य अघोषित संपत्ति, पहलगाम में 3.55 करोड़ की अघोषित संपत्ति, बेंगलुरू में एक करोड़ रुपये मूल्य की अघोषित जमीन जायदाद व दिल्ली में साझेदारी में खरीदी गई 1.02 करोड़ की दुकान के कागजात भी मिले हैं।
सब्सिडी के लिए 17 करोड़ के प्रोजेक्ट को पहुंचाया 47 करोड़ : आयकर विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि लस्सीपोरा (पुलवामा) में एक कोल्ड स्टोर की बिक्री के दौरान कमाए गए अघोषित 15-20 करोड़ रुपये के मुनाफे का भी जांच में पता चला है। उन्होंने इस कोल्ड स्टोर की स्थापना के लिए जम्मू कश्मीर बैंक से ही कर्ज लिया था। उन्होंने इस पूरे प्रोजेक्ट की लागत जो 17 करोड़ रुपये थी, लेकिन फर्जी बिलों के आधार पर उन्होंने इसकी लागत राशि को 47 करोड़ पहुंचा दिया, ताकि सरकार से कोल्ड स्टोर के निर्माण में मिलने वाली सब्सिडी की राशि को और ज्यादा बढ़ाया जा सके। उन्होंने बताया कि जांच के दौरान जब्त किए गए दस्तावेजों और डिजिटल सुबूतों का विश्लेषण किया जा रहा है। इनकी जांच में जो तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर आगे भी कार्रवाई होगी।
कौन हैं शेख इमरान शेख : श्रीनगर के डिप्टी मेयर शेख इमरान श्रीश्री रविशंकर के भी करीबी माने जाते हैं। उन्होंने बीते साल नार्वे की पूर्व प्रधानमंत्री मैग्ने बोंडविक की कश्मीर में हुर्रियत कांफ्रेंस के नेताओं के साथ बैठक का आयोजन किया था। इस बैठक को लेकर विवाद पैदा होने पर उन्होंने कहा था कि यह बैठक श्री श्री रविशंकर के कथित आग्रह पर कराई गई है। शेख इमरान ने करीब तीन से चार साल पहले अपना एक सियासी संगठन भी बनाया और पाकिस्तान, दुबई व इंग्लैंड के दौरे भी किए। उनके साथ कश्मीर बॉर एसोसिएशन के पूर्व चेयरमैन नजीर अहमद रोंगा के पुत्र भी शामिल थे। बाद में दोनों की राह अलग हो गई थी। वह दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चयोग के भी करीबी माने जाते रहे हैं। स्थानीय हल्कों में कहा जाता है कि जेके बैंक से नियमों की अनदेखी कर उन्हें ऋण दिलाने में और पुराने कर्ज की वनटाइम सेटलमेंट में पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार के दो मंत्रियों ने मदद की थी। उन्होंने निर्दलीय श्रीनगर नगर निगम का चुनाव लड़ा था और कांग्रेस के सहयोग से डिप्टी मेयर बने। उन्होंने गत माह सज्जाद गनी लोन के नेतृत्व वाली पीपुल्स कांफ्रेंस का दामन थाम लिया था।
मैं हर जांच के लिए तैयार : इमरान शेख इमरान ने कहा कि मैं हर जांच का समर्थक हूं। मैं जांच में हरसंभव सहयोग के लिए तैयार हूं। मैंने आयकर नियमों का पालन किया है और विभाग को हरसंभव सहयोग दे रहा हूं। मैं एक कानूनपालक बिजनेसमैन हूं और हमेशा कानून की सर्वाेच्चता में यकीन रखता हूं।
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