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सज गया बाबा, बुआ का दरबार, गूंजने लगे जयकारे

जागरण संवाददाता, जम्मू : उत्तर भारत के सबसे बडे़ किसान मेलों में से एक झिड़ी मेला धीरे-धी

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Nov 2018 03:21 AM (IST)Updated: Thu, 22 Nov 2018 03:21 AM (IST)
सज गया बाबा, बुआ का दरबार, गूंजने लगे जयकारे
सज गया बाबा, बुआ का दरबार, गूंजने लगे जयकारे

जागरण संवाददाता, जम्मू : उत्तर भारत के सबसे बडे़ किसान मेलों में से एक झिड़ी मेला धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ने लगा है। बाबा जित्तो और बुआ कौड़ी का दरबार भक्तों के लिए सज चुका है। स्थानीय श्रद्धालुओं के अलावा पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश के श्रद्धालुओं का परिवार सहित बाबा के स्थान पर पहुंचने का सिलसिला जारी है। वहीं, बाबा तालाब, और झिड़ी के आसपास विभिन्न बिरादरियों की वार्षिक व अर्धवार्षिक मेलों के लिए भी तैयारियां जोरशोर से चल रही हैं। दुकानें सज चुकी हैं। बच्चों के मनोरंजन के लिए सर्कस, मौत का कुआं और मनोरंजन के कई दूसरे इंतजाम मेले की रौनक बढ़ाने लगे हैं।

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बुधवार को हजारों की संख्या में श्रद्धालु मेला स्थल पर पहुंचे। श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता था। श्रद्धालुओं के उत्साह के चलते दिनभर मंदिर परिसर और मेला स्थल पर बाबा जित्तो और बुआ कौड़ी के जयघोष गूंजते रहे।

मेला सचिव राम दित्ता के अुनसार एक लाख से ऊपर श्रद्धालु इस समय बाबा के स्थान पर पहुंच चुके हैं। करीब 30 हजार श्रद्धालुओं ने बुधवार को बाबा जित्तो और बुआ कौड़ी के मंदिर में माथा टेका। पंजाब के गांव कथुनंगल के रंधीर ¨सह एवं परिवार के सदस्यों ने बताया कि वे पिछले कई वर्षो से मेला शुरू होते ही आ जाते हैं। कोशिश होती है कि पूर्णिमा के दिन स्नान कर लौटा जाए। पंजाब के बेरका गांव के सुमित शर्मा, राज ¨सह, विजय कुमार, सूरज ¨सह, शक्ति गुप्ता, संदीप, संजय महाजन ने बताया कि वे पिछले कई वर्षो से बाबा जित्तो और बुआ कौड़ी के इस स्थान पर आते हैं। हालांकि उनपर किसी प्रकार का बंधन नहीं है, लेकिन एक बार जब आए थे तो जीवन में कई अच्छी बातें हुई, जिसके चलते अब हमारा दोस्ता का दल परिवार सहित बाबा, बुआ कौड़ी के स्थान पर आता है। अच्छा लगता है। हर वर्ष कई नए लोग हमारे साथ आते हैं।

मेला अधिकारी मढ़ ने बताया कि मेले को लेकर सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। मेले में श्रद्धालुओं का आना लगातार जारी है। बेशक मेले की औपचारिक घोषणा पूर्णिमा के दिन ही होगी, लेकिन अनौपचारिक तौर पर मेला शुरू हो चुका है। मंगलवार की तरह बुधवार को भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचे हैं।

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यातायात के साधन

जम्मू : झिड़ी मेले को देखते हुए प्रशासन की ओर से झिड़ी मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए बस स्टैंड व रेलवे स्टेशन से यातायात के विशेष प्रबंध किए गए हैं। ज्यूल क्षेत्र से झिड़ी गांव के लिए आसानी से यात्री वाहन मिल जाएंगे। निजी वाहनों से जाने वाले मंदिर तक पहुंचने के लिए जम्मू-अखनूर रोड पर संब्यालवाला से झिड़ी देव स्थान का रास्ता पकड़ें। वाहनों की वापसी मिश्रीवाला मार्ग से होगी। बडे़ वाहन सुआ नंबर एक से झिड़ी की ओर एंट्री कर पाएंगे। निजी वाहनों से आने-जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या काफी होती है। श्रद्धालुओं को ट्रैफिक पुलिस द्वारा तय रास्तों से ही गुजरना चाहिए, ताकि जाम जैसी स्थिति न बने। इससे उन्हें जाम का सामना न करना पड़े। अपने वाहन को निर्धारित जगह पर पार्क करें, ताकि दूसरों को परेशानी न हो। पार्किंग की भी उचित व्यवस्था है।

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झिड़ी मेले के दौरान रूट

- अन्य राज्यों से आने वाली गाड़ियों को एशिया चौक से भगवती नगर पुल सुआ नंबर एक से होते हुए झिड़ी मेले में जाना होगा।

- एसएसपी ट्रैफिक जो¨गद्र ¨सह के अनुसार स्थानीय बसें, मिनी बसें महेशपुरा चौक से चलेंगी।

- मिश्रीवाला से झिड़ी जाने की अनुमति किसी गाड़ी को नहीं होगी।

- सभी छोटी गाड़ियों को चक्क मियां से झिड़ी जाना होगा।

- बड़ी बसें, ट्रक, लोड कैरियर को सुआ नंबर 1 से चक्क सूडियां से चक्क क्रांति जाना होगा।

- किसी भी गाड़ी को निर्धारित पार्किंग स्थल के अलावा कहीं गाड़ी खड़ी करने की अनुमति नहीं होगी।

- झिड़ी से मिश्रीवाला एकतरफा यातायात रहेगा। जम्मू-अखनूर रोड के विस्तारीकरण के चलते ट्रैफिक पुलिस द्वारा जो जरूरी बदलाव किया गया है, उनका अनुपालन जरूरी है।

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ठहरने की व्यवस्था

जम्मू : मेला सचिव राम दित्ता शर्मा ने बताया कि मंदिर परिसर के निकट मेला कमेटी की ओर से श्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्था हायर सेकेंडरी स्कूल में की गई है। इसके अलावा कुछ श्रद्धालु स्वयं ही टेंट लगाकर अपनी व्यवस्था करने लगे हैं। अन्य राज्यों से आने वाली कुछ बिरादरियों ने सरायें भी बनाई हुई हैं। दूसरे राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं को ठहरने की परेशानी नहीं होती। मंदिर के पुजारी परिवार की ओर से भी श्रद्धालुओं के ठहरने की अपने तौर पर अच्छी व्यवस्था रहती है।

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भीड़ नियंत्रण में सहयोग

जम्मू : सुरक्षा व्यवस्था और भीड़ नियंत्रण के लिए मंदिर कमेटी सदस्यों, सिविल डिफेंस, स्थानीय युवाओं और दूसरे कई संगठनों का भी सहयोग रहता है। बाबा तालाब, मेला स्थल को जोड़ते मार्ग के अलावा सभी सड़क मार्गो और मेला स्थल पर पुलिस का पूरा सहयोग रहता है। इस वर्ष भी इस तरह की पूरी तैयारी की गई है।

------------------- सफाई व्यवस्था का विशेष ध्यान

जम्मू : मेला स्थल, बाबा तालाब पर सफाई व्यवस्था बनी रहे, इसकी विशेष व्यवस्था की गई है। मंदिर परिसर व बाबा तालाब के पास शौचालय बनाए गए हैं। पर्यटन विभाग की ओर से टूरिस्ट विलेज के तहत शौचालय व बा¨थग घाट बने हैं। सरकार की ओर से भी करीब 230 शौचालय बनाए गए हैं। इसके अलावा कई स्थानों पर अस्थायी शौचालय भी मेले को देखते हुए बनाए गए हैं, जिन्हें मेला संपन्न होते ही बंद कर दिया जाता है। स्नान के लिए अधिकतर लोग बाबा तालाब पर जाते हैं, जो मंदिर से करीब तीन किलोमीटर दूर है। महिलाओं के स्नान करने के लिए अलग से घाट बनाए गए हैं। वहीं, मंदिर कमेटी ने सभी श्रद्धालुओं से आग्रह किया है कि वे स्वयं भी सफाई व्यवस्था बनाए रखने में सहयेाग करें। खासकर लंगर आयोजकों को लंगर आयोजन स्थल की सफाई खुद बनाए रखनी होगी।

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कई स्थानों पर लंगर की तैयारियां

जम्मू : झिड़ी मेले पर कई बिरादरियों की ओर से खिचड़ी का लंगर लगाया जाता है। लंगर मंदिर प्रबंधन कमेटी की ओर से पिछले कई वर्षो से लगातार लंगर का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष भी यह लंगर शुरू हो चुका है। दूसरे कई लंगर आयोजक पूर्णिमा वाले दिन ही लंगर लगाने की तैयारी को अंतिम रूप देते दिखे। झिड़ी मेले पर वहां चढ़ाए जाने वाले नए चावलों, माश की खिचड़ी का लंगर लगता है। बहुत सी बिरादरियों ने अपने खाने की व्यवस्था स्वयं ही की होती है। बिरादरी के लोग अपने कुल देवता, सत्यावति की पूजा-अर्चना कर वहां नया अनाज चढ़ाते हैं और उसी का लंगर भी लगाते हैं। पटियाला से बिट्टू के लंगर में हजारों लोगों के खाने की व्यवस्था रहती है। बुधवार को भी लंगर में काफी उत्साह रहा।


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