झज्जर नदी में छह बच्चियां बाढ़ में बहीं, दो की मौत
जागरण संवाददाता, जम्मू : जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित झज्जर कोटली इलाके में बहने व
जागरण संवाददाता, जम्मू : जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित झज्जर कोटली इलाके में बहने वाली झज्जर नदी में सोमवार को नहाने गईं छह स्थानीय बच्चियां अचानक आई बाढ़ में बह गईं। दो बच्चियों की डूबने से मौत हो गई, जबकि तीन को ग्रामीणों ने बचा लिया, एक अभी भी लापता है। इन छह बच्चियों में तीन एक ही परिवार की हैं, जिनमें एक की मौत हो गई, एक को बचा लिया गया और एक अभी लापता है।
घटना शाम करीब छह बजे झज्जर कोटली इलाके में घटी, जब गांव शरांजली और डनसाल की यह बच्चियां नदी में नहाने के लिए गईं। तब मौसम साफ था, लेकिन ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हुई बारिश के कारण दरिया में अचानक बाढ़ आ गई, जिसका बच्चियों को पता ही नहीं चला। किसी तरह तीन बच्चियां वंदना देवी (13) पुत्री बलदेव राज निवासी शरांजली, भारती भगत (9) पुत्री बृज मोहन निवासी गांव ओटा डनसाल और राधिका (9) किनारे पहुंच गईं और ग्रामीणों ने उन्हें बचा लिया, लेकिन नमीता भगत (4) और निहारिका देवी (8) पुत्री रवि कुमार निवासी बटल नगरोटा की डूबने से मौत हो गई। उनके शवों को बाद में बरामद कर लिया गया, लेकिन बृज मोहन की तीसरी बेटी चंदन ज्योति (6) अभी भी लापता है। इसी बीच तीन घायल बच्चियों को जम्मू मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचाया गया।
स्टेट डिजास्टर रेपिडेक्शन फोर्स और स्थानीय लोग व पुलिस लापता बच्ची की तलाश में देर रात तक लगे रहे। एडीशनल एसपी दुश्यंत शर्मा का कहना है कि अभियान देर तक जारी है। एसएसपी जम्मू विवेक गुप्ता भी मौके पर पहुंचे और तलाशी अभियान में सहयोग कर रहे हैं।
इसी बीच, नगरोटा के विधायक देवेंद्र ¨सह राणा और सांसद जुगल किशोर ने इस घटना पर दुख प्रकट करते हुए शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की। दुखद पहलु यह है कि प्रशासन ने ऊधमपुर और उसके ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सोमवार को हुई बारिश के बारे में कोई अलर्ट जारी नहीं किया था। अन्यथा इन बच्चियों की जान बच सकती थी।
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