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Jammu Kashmir : सुरक्षित यातायात व्यवस्था के मूल मंत्र के तहत काम करेंगे जम्मू के नए एसएसपी ट्रैफिक

एसएसपी ट्रैफिक शिव कुमार शर्मा ने शहर की बेकाबू ट्रैफिक व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए अपनी रणनीति का खुलासा करते हुए कहा कि सड़क हादसों को रोकने के लिए यातायात नियमों का सख्ती से पालन करवाना और लोगों को सुरक्षित तरीके से वाहन चलाने के प्रति जागरूक करने

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sun, 18 Oct 2020 06:18 PM (IST)Updated: Sun, 18 Oct 2020 06:18 PM (IST)
Jammu Kashmir : सुरक्षित यातायात व्यवस्था के मूल मंत्र के तहत काम करेंगे जम्मू के नए एसएसपी ट्रैफिक
एसएसपी ट्रैफिक शिव कुमार शर्मा ने कहा कि नाकों पर तैनात ट्रैफिक कर्मियों पर काम का बहुत दबाव हैं

जम्मू, जेएनएन। सड़क पर चल रहे हरेक व्यक्ति की सुरक्षा को सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी के साथ शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारु बनाने के लिए तैनात पुलिस कर्मियों की सेहत का ध्यान रखना मेरी प्राथमिक में शामिल होगी। सुरक्षित यातायात व्यवस्था के साथ स्वस्थ ट्रैफिक कर्मी के मूल मंत्र के तहत वह अपने काम को अंजाम देंगे। यह कहना है जम्मू में ट्रैफिक व्यवस्था की कमान संभालने वाले शहर के नए एसएसपी ट्रैफिक शिव कुमार शर्मा का।

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एसएसपी ट्रैफिक शिव कुमार शर्मा ने शहर की बेकाबू ट्रैफिक व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए अपनी रणनीति का खुलासा करते हुए कहा कि सड़क हादसों को रोकने के लिए यातायात नियमों का सख्ती से पालन करवाना और लोगों को सुरक्षित तरीके से वाहन चलाने के प्रति जागरूक करने की रणनीति पर वह काम करेंगे। उन स्थानों की पहचान की जा रही है यहां पर अधिक सड़क हादसे होते हैं। इन स्थानों पर औचक नाके लगा कर नियमों का उल्लंघन करने वाले चालकों पर कार्रवाई की जाएगी। संशोधित यातायात कानून इस काम में अहम भूमिका निभाएगी। इस कानून के तहत नियमों का उल्लंघन करने वाले चालकों का पूरा डाटा पुलिस के पास होगा। लगातार नियमों का उल्लंघन करने वाले चालकों की पहचान कर उनके विरुद्ध कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी।

नवंबर माह से प्रदेश जम्मू कश्मीर की शीतकालीन राजधानी जम्मू में आने के उपरांत यातायात व्यवस्था को सुचारु बनाने संबंध सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि दरबार मूव को देखते हुए पुलिस की आमर्ड विंग से जवानों को विशेष ड्यूटी पर ट्रैफिक पुलिस के साथ अटैच किया जाएगा। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में तैनात कुछ ट्रैफिक कर्मियों को शहर में बुलाया जाएगा। सभी अतिरिक्त कर्मचारियों को यातायात को सुचारु बनाने का जिम्मा सौंपा जाएगा। इसके अलावा वरिष्ठ अधिकारियों को दिन के समय स्वयं अपने कार्यालयों से बाहर निकल कर सड़कों पर तैनात किया जाएगा।

एसएपी ने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि नाकों पर तैनात ट्रैफिक कर्मियों पर काम का बहुत दबाव हैं। जवानों को दिन भर प्रदूषण में काम करना पड़ता हैं। ऐसे में वह ब्लड प्रेशर, शूगर जैसे जान लेवा बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। जवानों की सेहत का ख्याल रहते हुए उन्होंने एसएसपी ट्रैफिक का पदभार संभालते ही जवानों के लिए स्वास्थ्य जांच शिविर लगाया था। जिसमें जवानों की जांच के साथ उन्हें दवाईयां भी दी गई थी। कोरोना काल में ट्रैफिक कर्मी ने यातायात को सुचारु बनाने के साथ जरूरतमंद लोगों की खूब मदद भी की थी।

ट्रैफिक कर्मी केवल चालान काटने पर हीं अपनी पूरी ताकत झोंकने के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ट्रैफिक पुलिस का कामकाज संभालने के साथ ही उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक में यह निर्देश दिए थे कि नियमों का उल्लंघन करने वाले चालकों पर सख्त कार्रवाई करने के साथ हीं लोगों को जागरूक किया जाए। अभिभावकों को इस बाबत जागरूक किया जाए कि बिना ड्राइविंग लाइसेंस हासिल किए बच्चों को वाहन ना चलाने दिया जाए। चालकों को लाल बत्ती को जंप ना करने बारे जागरूक किया जाएगा। इसके अलावा तेज गति से वाहन ना चलाने बारे भी चालकों को जागरूक किया जाएगा। 


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