Coronavirus: जम्मू की महिला को कटड़ा किया क्वारंटाइन, 3665 रूपये देना पड़ा होटल में एक दिन का किराया
उन्होंने कहा कि उनकी प्रशासन से यही गुजारिश है कि बाहरी राज्यों से आने वाले यात्रियों को ठहराने के लिए पहले से ही बंदोबस्त हो तो बेहतर है। व्यवस्था बनाने की जरूरत है।
जम्मू, जागरण संवाददाता: बेंगलुरु से अपने घर जम्मू के लिए निकली शारदा देवी को इन दिनों कटड़ा के एक निजी होटल में क्वारंटाइन किया है। घर से सोच कर आई थी कि जम्मू के किसी होटल में रह लूंगी। इंडियन एयरलाइंस की पहली फ्लाइट्स से जब अपनी जन्मभूमि पहुंची तो खुशी गायब हो गई, जब दो-एक घंटे तक यह तय नहीं हो पाया कि उन्हें किस होटल में क्वारंटाइन करवाया जाएगा। इसमें तीन घंटे लग गए। मेरे साथ कुछ और भी जम्मू के साथी थे, जिनमें कुछ बच्चे भी थे। हम सभी बेंगलुरु एयरपोर्ट से तड़के चार बजे के निकले हुए थे। करीब दस बजे जम्मू एयरपोर्ट से हम सभी को बस में बैठा दिया गया।
उन्होंने बताया कि बस जम्मू से बाहर निकल आई और मांडा में खड़ी कर दी। जम्मू से बाहर निकलने पर मैंने पूछा कि मेरी उम्र 65 वर्ष है और मेरा घर भी जम्मू में है, आप बस को कहां ले जा रहे हो? इस पर पता चला कि कटड़ा में किसी एक निजी होटल में यात्रियों को उनको ठहराया जाएगा। किसको किस होटल में ठहराया जाएगा इसे तय करने में तीन घंटे लग गए। आखिकरकार कटड़ा पहुंचने पर यात्रियों को अलग अलग कमरे में ठहरा दिया गया। इस तामझाम में शाम हो गई। मेरे साथ बेंगलुरु से आए कुछ बच्चे भी थे जो थक गए थे।
उन्होंने बताया कि जब होटल में पहुंचे तो पता चला कि होटल के कमरे का एक दिन का किराया 3665 रुपये है, जिसमें खाना भी शामिल है। शारदा देवी ने बताया कि होटल में उन्हें डिनर में प्लास्टिक की प्लेट्स और डूनों में भोजन परोसा गया। यहां तक कि पीने का पानी भी थर्मोंकोल के गिलास में था। रिपोर्ट कब आएगी कुछ नहीं कहा जा सकता।
शारदा देवी का कहना है कि उनके दोनों बेटे और बहुएं डॉक्टर हैं और सभी जम्मू राजकीय मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कोविड से संक्रमित मरीजों की सेवा में लगे हुए हैं। बेटी की डिलीवरी के लिए बेंगलुरु गई थीं। सोचा कि बहू और बेटी कोविड के मरीजों की सेवा में हैं, मैं जम्मू जाकर उनके बच्चों की देखभाल कर सकूंगी। लेकिन प्रशासन को चाहिए कि व्यवस्था बनाएं उन यात्रियों को उनके घरों के पास होटल में ही रखें। व्यवस्था बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि उनकी प्रशासन से यही गुजारिश है कि बाहरी राज्यों से आने वाले यात्रियों को ठहराने के लिए पहले से ही बंदोबस्त हो तो बेहतर है। न कि बस में 4 घंटे तक बैठा कर तय किया जाए कि इन्हें किस होटल में ठहराएं।
कश्मीर के 13 कंटेनमेंट जोन में कई जगहों पर पाबंदियां हटाईः ग्रीष्मकालीन राजधानी में प्रशासन ने बुधवार को लोगों को लॉकडाउन में आंशिक राहत देते हुए 13 कंटेनमेंट जोन में कई जगहों पर पाबंदियों को हटाया है। जिला उपायुक्त श्रीनगर डॉ. शाहिद इकबाल चौधरी ने बताया कि कंटेनमेंट जोन में नियमों के तहत ही पाबंदियों को हटाया गया है।
आम लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए ही कंटेनमेंट जोन के बाहरी हिस्सों में कई सड़कों पर गलियों में अवरोधकों को हटाया गया है। श्रीनगर में लॉकडाउन को 31 मई तक लागू किया गया है। उन्होंने बताया कि रेड जोन में आने वाले जिन इलाकों में यह पाबंदियां हटाई गई हैं, उनमें खय्याम, नटिपोरा, छत्ताबल, जवाहर नगर, हकाह बाजार हवल, आलमदार कॉलोनी, बोटमैन कॉलोनी बेमिना, अहमद नगर, टेंगपोरा बाईपास, वातल कदल, टकनवारी, ब्रेन निशात व गोरीपोरा शामिल हैं। उन्होंने बताया कि जिले में 13 रेड जोन हैं। जिला उपायुक्त ने बताया कि स्थिति में सुधार के आधार पर ही रेड जोन को आरेंज या ग्रीन जोन में वर्गीकृत किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिला श्रीनगर में घर-घर जाकर सर्वे करने के बाद करीब 87 फीसद आबादी को कवर करते हुए 13 हजार से ज्यादा संदिग्ध मरीजों के सैंपल जांच के लिए प्राप्त किए गए हैं।
लद्दाख में एक और संक्रमितः केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लेह जिले में बुधवार को कोरोना संक्रमण का एक और मामला सामने आया है। हाल ही में दिल्ली से लौटे नोबरा के युवक की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इस युवक को लेह के हुंडर में क्वारंटाइन किया गया था। लद्दाख के स्वास्थ्य विभाग के आयुक्त रिगजिन सैंफल ने बताया कि संक्रमित युवक को लेह के एसएनएम अस्पताल में भर्ती करवा गया है। इसके साथ लद्दाख में एक्टिव मरीजों की संख्या 11 हो गई है। यह सभी मामले पिछले सात दिन में सामने आए हैं। इनमें 2 लेह व नौ कारगिल जिले से हैं। वैसे अब तक लद्दाख में 54 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इस बीच, लेह के सीएमओ डॉ. दोरजे मोटुप ने जागरण को बताया कि इस समय लद्दाख से हर रोज 500 सैंपल जांच के लिए दिल्ली भेजे जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि जल्द लेह में स्थापित कोविड लैब में सैंपल की जांच शुरू हो जाएगी।