लखनपुर टोल टैक्स: आग से नहीं खेलना चाहता राज्यपाल प्रशासन, आचार संहिता लागू होने का कर रहे इंतजार
उद्योग जगत का दबाव है कि इसे हर हाल में जारी रखा जाए और चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री जम्मू इसे न हटाए जाने की सूरत में आंदोलन का रास्ता अपनाने की धमकी दे चुका है।
जम्मू, ललित कुमार। जम्मू-कश्मीर के प्रवेश द्वार लखनपुर पर जीएसटी लागू होने के बाद भी वस्तुओं पर जारी टोल टैक्स का मुद्दा राज्यपाल प्रशासन के लिए भी गले का फांस बन गया है। इस संवेदनशील मुद्दे पर राज्यपाल प्रशासन भी कोई फैसला करके आग से नहीं खेलना चाहता है। अप्रत्यक्ष रूप से यहीं प्रयास है कि इस मुद्दे को अगली जन-प्रतिनिधि सरकार को सरका दिया जाए। लोकसभा चुनाव सिर पर है, लिहाजा राज्यपाल प्रशासन इस पर कोई निर्णय लेने की बजाय चुनाव आचार संहिता लागू होने का इंतजार कर रहा है ताकि इसकी आड़ में कोई फैसला लेने से बचा जा सके।
लखनपुर टोल टैक्स को हटाने या जारी रखने को लेकर राज्यपाल प्रशासन पर दो-तरफा दबाव है। उद्योग जगत का दबाव है कि इसे हर हाल में जारी रखा जाए और चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री जम्मू इसे न हटाए जाने की सूरत में आंदोलन का रास्ता अपनाने की धमकी दे चुका है। दो तरफा दबाव के चलते राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने गत दिनों इस पर चर्चा करने के लिए कमेटी गठित की है। उसे बीस मार्च तक रिपोर्ट पेश करने काे कहा गया है। लेकिन अभी तक इस कमेटी की एक भी बैठक नहीं हुई है। यह तय है कि बीस मार्च तक चुनाव आचार संहिता लागू हो जाएगी। ऐसे में कमेटी की सिफारिशें लागू होना संभव नहीं है। जानकारों का मानना है कि लखनपुर टोल टैक्स को समाप्त करने के लिए राज्य संविधान में संशोधन की आवश्यकता पड़ेगी। इस समय जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लागू है, लिहाजा इसके लिए राष्ट्रपति की मंजूरी अनिवार्य होगी जो चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण संभव नहीं होगा।
अगर लखनपुर टोल टैक्स हटता है तो कश्मीर में भड़केगी आग
मौजूदा हालात में अगर लखनपुर टोल टैक्स को हटाया जाता है तो कश्मीर में आग लगना तय है। क्योंकि कश्मीर केन्द्रित पार्टियां इसे राज्य के विशेष दर्जे से जोड़ कर देखती हैं। कश्मीर घाटी में इसे सीधे-सीधे धारा 370 को कमजोर करने की नजर से देखा जाएगा। यहीं कारण है कि राज्यपाल प्रशासन भी चुनावी मौसम में किसी तरह से कश्मीर में हालात बिगाड़ने का मौका नहीं देना चाहता। ऐसे में एक बार फिर जम्मू के व्यापारियों व आम लोगों की टोल टैक्स खत्म करने की मांग कश्मीर के सामने ठुकराई जाती नजर आ रही है।
11 फरवरी को गठित हुई थी कमेटी
जम्मू-कश्मीर में जीएसटी लागू होने के बाद भी लखनपुर में वस्तुओं पर टोल टैक्स जारी रखने या हटाने के मुद्दे पर मंथन करने के लिए राज्यपाल के निर्देशानुसार प्रशासन ने 11 फरवरी को कमेटी का गठन किया था। उद्योग विभाग के निदेशक की अध्यक्षता में गठित इस कमेटी में स्टेट टेक्सेस विभाग के दो एडिशनल कमिश्नर, उद्योग विभाग कश्मीर के प्रतिनिधियों तथा चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री जम्मू के तीन प्रतिनिधियों को सदस्य बनाया गया। कमेटी के गठन के बाद फेडरेशन आफ इंडस्ट्रीज जम्मू तथा कश्मीर चैंबर ने प्रतिनिधित्व न मिलने पर अपनी नाराजगी प्रकट की जिसे देखते हुए प्रशासन ने 28 फरवरी को इसका पुनर्गठन करते हुए इसमें लखनपुर टोल पोस्ट के डिप्टी एक्साइज कमिश्नर, कश्मीर चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री तथा कश्मीर व जम्मू के औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों को शामिल किया।
कमेटी में प्रतिनिधित्व न मिलने का भी हुआ विरोध
कमेटी में प्रतिनिधित्व न मिलने पर पहले कुछ संगठनों ने आपत्ति व्यक्त की थी जिसे लेकर कमेटी का पुनर्गठन किया गया। हम प्रयास करेंगे कि जल्द ही राज्यपाल प्रशासन इस कमेटी की बैठक बुलाए ताकि लोगों की इच्छा अनुरूप लखनपुर टोल टैक्स का मुद्दा हल हो सके। राज्य के संविधान व चुनाव आचार संहिता से इसका कोई लेनादेना नहीं होना चाहिए, यह फैसला राज्यपाल को करना है। -राकेश गुप्ता, प्रधान चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री जम्मू
बैठक को लेकर कोई निमंत्रण नहीं मिला
कमेटी की बैठक को लेकर अभी तक उन्हें कोई निमंत्रण तो नहीं मिला है। यह जरूर है कि बीस मार्च तक कमेटी ने अपनी रिपोर्ट पेश करनी है। ऐसे में हो सकता है कि अगले कुछ दिनों में बैठक बुलाई जाए। हम तो शुरू से यहीं कहते आ रहे हैं कि लखनपुर टोल टैक्स खत्म होने के साथ ही राज्य का उद्योग भी खत्म हो जाएगा, लिहाजा उद्योग को बचाने के लिए जीएसटी के तहत भी इसे हर हाल में जारी रखना होगा। -ललित महाजन, चेयरमैन फेडरेशन आफ इंडस्ट्रीज जम्मू