Jammu: 700 वर्ष पुराने मंगलेश्वर भैरव मंदिर में फिर सुनाई देगी घंटियों की गूंज, 2014 में हो गया था क्षतिग्रस्त
लाखों लोगों की आस्था के प्रमुख केंद्र 700 साल पुराने मंगलेश्वर भैरव मंदिर में फिर घंटियों की गूंज और मंत्रोच्चाण सुनाई देखा। श्रीनगर के बीचों-बीच स्थित इस मंदिर का जीर्णोद्धार कार्य अगले माह पूरा होते ही इसे श्रद्धालुओं के लिए पुन खोल दिया जाएगा।
जम्मू, राज्य ब्यूरो : लाखों लोगों की आस्था के प्रमुख केंद्र 700 साल पुराने मंगलेश्वर भैरव मंदिर में फिर घंटियों की गूंज और मंत्रोच्चाण सुनाई देखा। श्रीनगर के बीचों-बीच स्थित इस मंदिर का जीर्णोद्धार कार्य अगले माह पूरा होते ही इसे श्रद्धालुओं के लिए पुन: खोल दिया जाएगा।
करीब नौ वर्ष पहले (वर्ष 2014) श्रीनगर में आई बाढ़ में यह मंदिर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था। जम्मू कश्मीर प्रशासन ने जून, 2022 में इसके जीर्णोद्धार का कार्य शुरू करवाया था, जो अब अंतिम चरण में है।
श्राजेह मंगलेश्वर के नाम से जाना जाता है, जो शिव भगवान का अवतार है
स्थानीय लोग मंदिर को श्राजेह मंगलेश्वर के नाम से भी पुकारते हैं, जो भगवान शिव का अवतार हैं। श्रीनगर के जिला उपायुक्त मोहम्मद एजाज असद ने बताया कि पिछले साल हमने इस मंदिर के संरक्षण और रखरखाव के लिए एक योजना के तहत काम शुरू किया था। इससे पहले मंदिर की संरचना के मूल स्वरूप को संरक्षित करने के लिए मंदिर प्रबंधन समिति से परामर्श किया गया। उन्होंने बताया कि मंदिर परिसर में दो पवित्र पेड़ हैं और हमने उन्हें छुआ नहीं है।
मंदिर की जमीन पर किसी का कब्जा नहीं
पुनर्निर्माण के लिए सीमेंट का इस्तेमाल नहीं किया गया है और उसी सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा है जिससे इसे बनाया गया था। उन्होंने कहा कि कश्मीर शैव और सूफीवाद के लिए जाना जाता है। मुझे लगता है कि यह मंदिर इन परंपराओं का प्रतीक है। उपायुक्त ने कहा कि मंदिर की जमीन पर भी कोई कब्जा नहीं है और परिसर की पूरी जमीन पर बाड़ लगा दी गई है। हमें यकीन है कि जीर्णोद्धार का काम पूरा हाने के बाद स्थानीय श्रद्धालुओं के साथ देश भर से बड़ी संख्या में लोग यहां आएंगे।
कश्मीर के सभी मंदिरों का हो जीर्णोद्धार :
कश्मीरी ¨हदू संजय सराफ ने कहा कि कभी बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पूजा करने आते थे। सराफ ने मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए प्रशासन का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि कुछ राजनेता सिर्फ कश्मीरियत की बात करते हैं, लेकिन करते कुछ नहीं। आज अधिकांश कश्मीरी ¨हदू यहां नहीं रह रहे हैं, फिर भी प्रशासन की ओर से इन मंदिरों का पुनर्निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कश्मीर में लगभग 700 मंदिर हैं, जिन्हें पुनस्र्थापित करने की आवश्यकता है। अगर इन मंदिरों का जीर्णोद्धार किया जाता है तो इससे कश्मीर से एक अच्छा संदेश जाएगा।