Jammu : जम्मू कश्मीर के पुनर्गठन से सबसे ज्यादा नुकसान जम्मू को हुआ : हर्षदेव
हर्षदेव सिंह ने कहा कि जम्मू कश्मीर का पुनर्गठन होने के बाद अगर किसी इलाके को नुकसान हुआ है तो वो जम्मू है। विकास व पर्यटन के मामले में जम्मू को नजरअंदाज किया जा रहा है। आज तक जम्मू तवी नदी में कृत्रिम झील का प्रोजेक्ट लटका हुआ है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो : पैंथर्स पार्टी के चेयरमैन हर्षदेव सिंह ने केंद्र सरकार पर जम्मू को नजरअंदाज करने का आरोप लगाते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद भी कश्मीर व लद्दाख पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र लगातार लद्दाख में बातचीत कर लोगों की संस्कृति व पहचान को बरकरार रखने के लिए उपयुक्त कानून बनाने की बात कर रहा है। भारत सरकार ने लद्दाख के लिए 750 करोड़ रुपये की धनराशि से बनने वाले केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने को मंजूरी दी है।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए हर्षदेव सिंह ने कहा कि जम्मू कश्मीर का पुनर्गठन होने के बाद अगर किसी इलाके को नुकसान हुआ है तो वो जम्मू है। विकास व पर्यटन के मामले में जम्मू को नजरअंदाज किया जा रहा है। आज तक जम्मू तवी नदी में कृत्रिम झील का प्रोजेक्ट लटका हुआ है। जम्मू जूं का प्रोजेक्ट भी पूरा होने का नाम नहीं ले रहा है। बार्डर पर्यटन व धार्मिक स्थलों को पर्यटन के रूप में विकसित करने के लिए कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। ग्रामीण इलाकों में विकास की गतिविधियां नहीं पहुंच रही है।
लोगों को पानी, बिजली जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। टैक्स देने में जम्मू आगे है। हमारी मांग चली आ रही है कि जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करके जम्मू कश्मीर का गौरव लौटाया जाए। नया कश्मीर बनाने की बातें होती हैं, मगर जम्मू की अनदेखी जारी है। जम्मू में पर्यटन स्थलों को विकसित करने के लिए एक व्यापक योजना बनाए जाने की जरूरत है। हर्षदेव सिंह ने आरोप लगाया कि भाजपा लोगों को गुमराह कर रही है। पैंथर्स पार्टी जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करवाने के लिए संघर्ष जारी रखेगी।