हाइवे पर आंशिक यातायात बहाल, फिलहाल खाद्य सामग्री से लदे वाहनों को घाटी भेजा जा रहा
सुबह से अभी तक एक हजार से अधिक वाहनों को जवाहर टनल पार करा दी गई है। मौसम में आए बदलाव को देखते हुए ट्रैफिक विभाग नए वाहनों को हाइवे पर उतरने की अनुमति नहीं दे रहा है।
जम्मू, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर से पश्चिमी विक्षोभ के कारण मौसम ने करवट ले ली है। जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पिछले दस दिनों से पूर्ण रूप से सुचारू नहीं हो पाया है। वीरवार को हल्की बारिश के बीच नए वाहनों को राजमार्ग पर नहीं छोड़ा जा रहा है। ट्रैफिक विभाग हाइवे पर फंसे वाहनों को निकालने में लगा हुआ है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले चौबीस घंटों में कश्मीर घाटी में बर्फबारी और जम्मू संभाग के मैदानी इलाकों में बारिश हो सकती है।
ट्रैफिक पुलिस के साथ बीकन के अधिकारी हाइवे को सुचारू बनाने के लिए युद्ध स्तर पर लगे हुए हैं। रामबन और बनिहाल में ही भूस्खलन का खतरा रहता है। ऐसे में दोनों विभाग बड़ी सावधानी के साथ फंसे वाहनों को यहां से निकालने का प्रयास कर रहे हैं। सर्वप्रथम आवश्यक वस्तुओं से लदे वाहनों को घाटी भेजा जा रहा है क्योंकि कश्मीर में आवश्यक वस्तुओं की किल्लत बढ़ गई है। सुबह से अभी तक एक हजार से अधिक वाहनों को जवाहर टनल पार करा दी गई है। मौसम में आए बदलाव को देखते हुए ट्रैफिक विभाग नए वाहनों को हाइवे पर उतरने की अनुमति नहीं दे रहा है। क्योंकि करीब 300 किलोमीटर का मार्ग जर्जर हालत में है। भूस्खलन और फिसलन के कारण यह अभी पूर्ण रूप से सुचारू नहीं बनाया जा सका है।
हाइवे पिछले दस दिनों में हाइवे मात्र डेढ़ दिन के लिए ही खुला है। अभी भी सैकड़ों वाहन ऊधमपुर, बटोत, रामबन में फंसे हुए हैं। हाइवे पर फंसे यात्री वाहनों को भी बीच-बीच में निकाला जा रहा है। ट्रैफिक अधिकारी का कहना है कि बारिश तेज होती है तो हाइवे पर फिसलन बढ़ जाती है, भूस्खलन होने का भी खतरा बना रहता है। ऐसे में लोगों के जानमाल को देखते हुए जोखिम लेना उचित नहीं है।
इसी बीच जम्मू संभाग में सुबह से हल्की बारिश के कारण शीतलहर का प्रकोप जारी है। फरवरी में न्यूनतम तापमान दस डिग्री सेल्सियस के बीच बना हुआ है। मौसम विभाग के डायरेक्टर सोनम लोट्स का कहना है कि 15 फरवरी दोपहर बाद मौसम में सुधार होगा। लेकिन 18 फरवरी के बाद फिर मौसम करवट बदलेगा।