नौ फीसद ब्याज के साथ देनी होगी वसूली गई अतिरिक्त फीस
सीबीएसई से पंजीकृत है और कमेटी के क्षेत्राधिकार में नहीं आते लेकिन बेंच ने उनकी इस दलील को खारिज कर दिया। हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए स्पष्ट किया कि हर निजी स्कूल को शैक्षिक सत्र शुरू होने से पूर्व फीस ढांचा सार्वजनिक करना होगा। दाखिला फीस केवल एक बार ही नया दाखिला होने पर वसूली जा सकती है और स्कूल शैक्षिक सत्र के मध्य में फीस में वृद्धि नहीं कर सकते।
जागरण संवाददाता, जम्मू :
हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने एक महत्वपूर्ण फैसले में निजी स्कूलों द्वारा अगस्त 2014 से अब तक वसूली गई अतिरिक्त फीस नौ फीसद ब्याज के साथ लौटाने का निर्देश दिया है। बेंच ने 20 सितंबर 2016 के हाईकोर्ट के आदेश का पालन करते हुए वसूली गई अतिरिक्त फीस लौटाने का निर्देश दिया है। बेंच ने महाराजा हरि सिंह एग्रीकल्चरल कालेजिएट स्कूल नागबनी जम्मू, जेपी वर्ल्ड स्कूल जम्मू व केसी गुरुकुल स्कूल व अन्य की ओर से दायर केस पर सुनवाई के दौरान यह निर्देश जारी किए। हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में जस्टिस संजीव कुमार गुप्ता व जस्टिस डीएस ठाकुर ने स्पष्ट किया है कि जो स्कूल इस आदेश का पालन नहीं करते, उनका पंजीकरण रद किया जाए। केस की सुनवाई के दौरान जेएंडके फी फिक्सेशन कमेटी की ओर से हाईकोर्ट के 20 सितंबर 2016 के आदेश के उल्लंघन को उजागर किया गया। इन स्कूलों की ओर से तर्क दिया गया कि वे सीबीएसई से पंजीकृत है और कमेटी के क्षेत्राधिकार में नहीं आते, लेकिन बेंच ने उनकी इस दलील को खारिज कर दिया। हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए स्पष्ट किया कि हर निजी स्कूल को शैक्षिक सत्र शुरू होने से पूर्व फीस ढांचा सार्वजनिक करना होगा। दाखिला फीस केवल एक बार ही नया दाखिला होने पर वसूली जा सकती है और स्कूल शैक्षिक सत्र के मध्य में फीस में वृद्धि नहीं कर सकते।