जोर-शोर से चल रही बकरीद की तैयारियां
जागरण संवाददाता जम्मू ईद-अल-अदाह यानी बकरीद जिसे हम बड़ी ईद भी कहते हैं की तैयारिय
जागरण संवाददाता, जम्मू : ईद-अल-अदाह यानी बकरीद, जिसे हम बड़ी ईद भी कहते हैं, की तैयारियां इन दिनों जोर-शोर से चल रही हैं। अगर चांद 30 जुलाई की शाम को दिखा तो ईद 31 जुलाई को मनाई जाएगी। अगर अगले दिन चांद दिखा तो ईद शनिवार को यानी 1 अगस्त को मनाई जाएगी। बकरीद के लिए मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कुर्बानी के लिए भेड़-बकरियों की खरीदारी शुरू कर दी है। बाजारों में खासकर उस्ताद मोहल्ला, पीर मिट्ठा, गुज्जर नगर, तालाब खटिकां, जानीपुर, बठिडी आदि क्षेत्रों में सुबह से ही गुज्जर बक्करवाल समुदाय के लोग मेहंदी लगाकर सजाए गए भेडू लेकर पहुंचने लगे हैं।
बेशक कोरोना महामारी के चलते बाजारों में बड़ी ईद की वह रौनक नहीं दिख रही है, जो पहले हुआ करती थी, लेकिन ईद का उत्साह और जोश पहले जैसा ही है। कोरोना के चलते अधिकतर लोगों ने घरों में सादगी से ही त्योहार मनाने का निर्णय लिया है। पंजतीर्थी के अकरम खान ने कहा कि मेहमाननवाजी का सिलसिला कम ही होगा, लेकिन घरों में सभी कार्यक्रम होंगे। कुर्बानी के लिए अपनी पसंद का भेडू खरीदने के लिए पिछले दो तीन दिन से निकल रहा हूं। उनके दूसरे कुछ दोस्तों ने कुर्बानी के लिए खरीदारी कर ली है। बच्चों के उत्साह में कोई कमी नहीं
ईद को लेकर बच्चों का उत्साह देखते ही बनता है। उन्होंने अपनी पसंद की पोशाकें खरीदनी शुरू कर दी हैं। बाजारों में भी ईद को ध्यान में रखते हुए कई तरह के नए स्कार्फ, टोपियां कुर्ते आदि आए हुए हैं। उस्ताद मोहल्ला के तारिक ने कहा कि ईद पर उसे पापा हमेशा दो पोशाकें लेकर देते हैं। इस बार अभी तक एक पोशाक खरीद ली है। दूसरी पोशाक ईद के एक-दो दिन पहले भाई के साथ जाकर खरीदनी है। ------------
कोरोना संक्रमण के चलते इस बार मस्जिदों में नहीं होगी सामूहिक नमाज
कोरोना संक्रमण के चलते इस बार मस्जिदों में सामूहिक नमाज नहीं होगी। प्रशासन ने पहले ही सभी को शारीरिक दूरी बनाए रखने का आदेश जारी कर रखा है। सप्ताह के अंत यानी शुक्रवार शाम 6 बजे से सोमवार सुबह 6 बजे तक लॉकडाउन रहता है। मौलानाओं का भी कहना है कि महामारी के चलते घरों में ही नमाज अदा की जाए। कोशिश होनी चाहिए कि किसी भी तरह की भीड़ कहीं भी इकट्ठी न हो। कोरोना से बचाव के लिए जारी सभी हिदायतों का पालन हो, यही सभी के हित में है।