जम्मू कश्मीरः विश्व के सबसे ऊंचे रेलवे पुल के हर काम पर ड्रोन से रखी जा रही नजर
चिनाब दरिया से काफी ऊंचाई पर पुल की फांउडेशन का काम चल रहा है। ऐसे में जो भी काम हुआ है उसे ड्रोन कैमरे को उड़ा कर रिकार्ड किया जा रहा है।
जम्मू, दिनेश महाजन। जम्मू संभाग के जिला रियासी में चिनाब दरिया पर बन रहे दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल के निर्माण में कुशल इंजीनियरों के दिमाग के साथ ही ड्रोन भी बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। ड्रोन कैमरों की मदद से पुल निर्माण से जुड़े हर काम पर बारीकी से नजर रखी जा रही है। नट, बोल्ट से लेकर जोड़ तक की तस्वीरें और वीडियो बनाए जा रहे हैं। ये ड्रोन हो रहे निर्माण कार्य की हर जानकारी पुल के एक छोर से दूसरे छोर तक पहुंचा रहे हैं। इन तस्वीरों और वीडियो के जरिये निर्माण कार्य कई संस्थानों के लिए शोध का विषय बने हुए हैं।
भारतीय रेलवे के इंजीनियरिंग की अनूठी मिसाल चिनाब दरिया पर बन रहा रेल पुल कीर्तिमान स्थापित करने के नजदीक पहुंच गया है। इस पुल का एक छोर जिला रियासी के कोड़ी गांव में है जबकि दूसरा छोर बक्कल गांव में है। दोनों छोर में निर्माण कार्य एक साथ चल रहा है। पुल के दोनों छोर समुंद्र तल से 359 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। ऐसे में दोनों छोर पर निर्माण को अंजाम दे रहे रेलवे के इंजीनियरों के लिए संवाद और अहम जानकारी सांझा करने में ड्रोन कैमरा युक्त विमान अहम भूमिका निभा रहा है। ड्रोन कैमरे से ली गई तस्वीर और वीडियो से निर्माण की जानकारियां एक छोर से दूसरे छोर में पहुंचाई जा रही है।
निर्माण पर कई संस्थान कर रहे शोध
चिनाब दरिया से काफी ऊंचाई पर पुल की फांउडेशन का काम चल रहा है। ऐसे में जो भी काम हुआ है, उसे ड्रोन कैमरे को उड़ा कर रिकार्ड किया जा रहा है। चिनाब दरिया पर बन रहे विश्व के सबसे ऊंचे रेल पुल के निर्माण पर कई संस्थान शोध भी कर रहे है, उनके लिए भी एक पुल के निर्माण से जुड़ी जानकारियां अहम साबित होगी। पुल की फाउंडेशन पर लगने वाले नट-बोल्ट से अलाइनमेंट पर नजर रखने के लिए कुशल श्रमिक के स्थान ड्रोन कैमरा निगरानी रखे हुए है।
आधुनिक तकनीक के ड्रोन का हो रहा प्रयोग
चिनाब दरिया पर बन रहे रेल पुल के निर्माण के दौरान जिस ड्रोन का प्रयोग किया जा रहा है, वह एक बार चार्ज करने पर करीब आधा घंटे तक उड़ान भर सकता है। यह ड्रोन 70 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता है। इसकी उड़ान के दौरान आवाज काफी कम होती है। इसमें एडवांस पायलट असिस्टेंट सिस्टम का इस्तेमाल किया है। इस कारण उड़ते समय आगे या पीछे आने वाले किसी भी वस्तु से खुद को बचा सकता है। यह कैमरा कम रोशनी में भी तस्वीर ले सकता है।
पुल के डिजाइन के लिए अतंरराष्ट्रीय कंपनियों से ली गई सलाह
कोकण रेलवे के चीफ इंजीनियर आरके सिंह का कहना है कि चिनाब दरिया पर बन रहे विश्व के सबसे ऊंचे रेलवे पुल के निर्माण में किसी प्रकार की कोताही ना रह जाए इसके लिए स्विटरलैंड, आस्ट्रिया, जर्मनी और इटली की कंपनियां शामिल है। इन देशों की नामी कंट्रक्शन कंपनी के इंजीनियरों को बुला कर उनसे पुल के डिजाइन के बारे में सलाह ली गई है। देश की नामी एजेंसियों जियोलाजी सर्वे आफ इंडिया, राइट्स, एनएचपीसी और एसआईवीएन शामिल है की सेवाएं ली गई। इसी सेक्शन में देश की सबसे लंबी यातायात के लिए टनल (टी-49) का निर्माण हो रहा है जोकि 12.75 किलोमीटर लंबी होगी।