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लेटलतीफी: जम्मू रेलवे स्टेशन के विस्तार को 188 करोड़ का इंतजार, नए प्रवेश द्वार के साथ बनाए जाने हैं छह नए प्लेटफार्म

रेलवे स्टेशन में बने माल गोदाम को सिक लाइन से हटाकर बड़ी ब्राह्मणा रेलवे स्टेशन के पास शिफ्ट करने की योजना है लेकिन इस पर भी काम नहीं शुरू हो पाया।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 25 Jul 2019 01:14 PM (IST)Updated: Thu, 25 Jul 2019 01:14 PM (IST)
लेटलतीफी: जम्मू रेलवे स्टेशन के विस्तार को 188 करोड़ का इंतजार, नए प्रवेश द्वार के साथ बनाए जाने हैं छह नए प्लेटफार्म
लेटलतीफी: जम्मू रेलवे स्टेशन के विस्तार को 188 करोड़ का इंतजार, नए प्रवेश द्वार के साथ बनाए जाने हैं छह नए प्लेटफार्म

जम्मू, दिनेश महाजन। माता वैष्णो देवी यात्र का आधार शिविर कहा जाने वाला जम्मू रेलवे स्टेशन वर्षो से विस्तार का इंतजार कर रहा है। एक वर्ष पहले रेलवे स्टेशन के विस्तार के लिए 188 करोड़ रुपये की मंजूरी की घोषणा की गई थी। स्टेशन के विस्तार के लिए अभी भी इस राशि का इंतजार हो रहा है। इससे स्टेशन में प्रवेश के लिए नया प्रवेशद्वार बनाने के साथ छह नए प्लेटफार्म तैयार किए जाने हैं। यह प्रवेशद्वार इंडियन ऑयल डिपो की ओर जाने वाले मार्ग पर बनाया जाना है। इसके अलावा पुराने रेलवे स्टेशन को आपस में जोड़ने के लिए भूमिगत टनल बनाने की भी बात कही गई थी।

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इस वर्ष फरवरी में रेलवे ट्रैक के विस्तार का काम शुरू हुआ था, लेकिन कुछ दिन के भीतर ही बंद हो गया। उसके बाद से अधिकारी कुछ भी नहीं बोल रहे कि रेलवे स्टेशन के विस्तार का काम कब शुरू होगा। रेलवे स्टेशन में बने माल गोदाम को सिक लाइन से हटाकर बड़ी ब्राह्मणा रेलवे स्टेशन के पास शिफ्ट करने की योजना है, लेकिन इस पर भी काम नहीं शुरू हो पाया।

1970 में बना था रेलवे स्टेशन:

जम्मू रेलवे स्टेशन का निर्माण वर्ष 1970 में हुआ था। उस समय जम्मू रेलवे स्टेशन पर तीन प्लेटफार्म बनाए गए थे। दो ही वाङ्क्षशग लाइन थी। करीब पांच दशक बीत जाने के बावजूद जम्मू रेलवे स्टेशन में ढांचे का विस्तार नहीं हुआ है। आज भी रेलवे स्टेशन पर तीन ही प्लेटफार्म और दो वाशिंग लाइन हैं। शुरुआत में जम्मू रेलवे स्टेशन पर दो ही ट्रेनें आती थीं। अब रोजाना 40 के करीब ट्रेनें आती और जाती हैं। इन ट्रेनों की सफाई से लेकर मरम्मत भी जम्मू रेलवे स्टेशन में ही होती है। ट्रेनों की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन अभी तक रेलवे स्टेशन का विस्तार नहीं हो पाया है।

पीपीपी मोड से होना था काम, योजना ठंडे बस्ते में:

तत्कालीन रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के तहत देश के 23 रेलवे स्टेशनों को निजी कंपनियों के हाथों में सौंपने की योजना बनाई थी। इनमें जम्मू रेलवे स्टेशन भी शामिल है, जिसे विकसित किया जाना है। नार्दर्न रेलवे के अधीन आने वाले जम्मू रेलवे स्टेशन को विकसित करने के लिए निजी कंपनियों को जम्मू रेलवे स्टेशन का दौरा करवाया गया था। इसके बाद 28 जून 2017 को ऑनलाइन नीलामी का आयोजन किया था। दो कंपनियों ने जम्मू रेलवे स्टेशन को विकसित करने में दिलचस्पी दिखाई थी। इस योजना के तहत निजी कंपनी को रेलवे स्टेशन में 3000 करोड़ का न्यूनतम निवेश कर उसे विकसित करना था। स्टेशन में होटल, मॉल और लजीज व्यंजनों के स्टॉल के साथ मनोरंजन के साधन भी विकसित किए जाने थे। पूर्व रेल मंत्री सुरेश प्रभु के पद से हटने के बाद पीपीपी मोड योजना ठंडे बस्ते में चली गई। अब कोई भी रेलवे अधिकारी इस बाबत जानकारी नहीं दे रहा।

  • जम्मू स्टेशन के मौजूदा ढांचे को विकसित करने के लिए रेलवे मुख्यालय से कुछ औपचारिकताओं को पूरा करना है। उम्मीद है जल्द ही जम्मू रेलवे स्टेशन के दूसरे प्रवेशद्वार का निर्माण शुरू हो जाएगा। - राजेश अग्रवाल, डीआरएम, फिरोजपुर डिवीजन 

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