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इस तरह चूहों से आजाद हुआ जम्मू रेलवे स्टेशन

आधुनिक रेलवे स्टेशन में शुमार होने जा रहा जम्मू रेलवे स्टेशन में सैकड़ों चूहों ने रेलवे ट्रैक में गहरे सुराख कर दिए थे जो ट्रैक की नीव के लिए खतरा बन गए थे।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 23 Jul 2018 01:45 PM (IST)Updated: Mon, 23 Jul 2018 05:30 PM (IST)
इस तरह चूहों से आजाद हुआ जम्मू रेलवे स्टेशन
इस तरह चूहों से आजाद हुआ जम्मू रेलवे स्टेशन

जम्मू, दिनेश महाजन। आधुनिक रेलवे स्टेशन में शुमार होने जा रहा जम्मू रेलवे स्टेशन इन दिनों चूहों के आतंक से लगभग आजाद हो गया है। सैकड़ों छोटे-बड़े चूहों ने रेलवे ट्रैक में गहरे सुराख कर दिए थे जो ट्रैक की नीव के लिए खतरा बन गए थे।

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चूहों से निजात दिलाने के लिए रेलवे को एक निजी कंपनी को ठेका देना पड़ा। इसका असर कुछ ही दिनों में स्टेशन पर दिखने लगा है जिससे यात्रियों से लेकर वेंडरों और रेलवे कर्मियों ने राहत की सांस ली है।

कुछ समय पहले जम्मू स्टेशन में चूहों की दहशत इतनी थी कि प्लेटफार्म पर सोये यात्रियों को काट कर भाग जाते। यात्रियों के सामान और पार्सल को बर्बाद कर देते। खाने-पीने की वस्तुएं तथा अन्य सामान बेचने वाले वेंडरों के स्टाल में भी तबाही मचाते।

कई बार वेंडरों ने इसकी शिकायत जम्मू रेलवे स्टेशन प्रबंधन से भी की थी, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। स्टेशन डायरेक्टर नवीन कुमार ने मामले को गंभीरता से लिया। इसके बाद फिरोजपुर डिवीजन के वरिष्ठ अधिकारियों ने जम्मू रेलवे स्टेशन को चूहाविहीन करने के लिए निजी कंपनी पेस्ट कंट्रोल को बीस लाख का ठेका दिया। चालीस कर्मियों की मदद से स्टेशन में चूहों को ढूंढ ढूंढ कर मारा जा रहा है। कंपनी नियमों के अनुरूप ही काम कर रही है। रेल पटरी को कमजोर बना चुके थे चूहे चूहों ने पटरी के नीचे बिल बना लिए थे।

इसमें वे खाने पीने की वस्तुओं व गंदगी लेकर घुस जाते थे। पटरी के नीचे वाला हिस्सा खोखला हो गया था। इससे रेल हादसे की आशंका बनी रहती। यही कारण था कि रेलवे प्रबंधन ने रेलवे प्लेटफार्म के साथ लगते ट्रैक को कंक्रीट कर दिया था ताकि चूहे पटरी के नीचे खुदाई न कर पाएं, लेकिन इसके बावजूद चूहों ने वहां भी बिल बना लिए हैं। चूहों ने कमजोर कर दी थी नींव वर्ष 1970 में जम्मू रेलवे स्टेशन में रेलगाड़ियों का आवागमन शुरू हुआ था। 

रेलवे स्टेशन के निर्माण के दौरान ही स्टेशन के ऊधमपुर एंड पर पर्सल विभाग का कार्यालय स्थापित किया गया था। पुरानी इमारत होने के चलते चूहों ने पटरी से पार्सल कार्यालय तक भूमि में कई फीट तक गहरे बिल बना लिए थे। इसका पता हाल में हुई तेज बारिश के बाद हुआ था। प्लेटफार्म पर पटरियों में पानी भर गया था। पटरियों में भरा पानी भूमिगत बने पार्सल विभाग के कार्यालय में घुस गया था जिससे काफी तबाही हुई थी।

निजी कंपनी को सौंपा है ठेका

रेलवे स्टेशन डायरेक्टर जम्मू नवीन कुमार का कहना है जम्मू स्टेशन के प्लेटफार्म तथा पटरियों से चूहों के खात्मे का काम निजी कंपनी को दिया है। फिलहाल कंपनी तीन माह तक काम करेगी, इसके बाद उसके काम कोदेखते हुए ठेके की अवधि बढ़ाई जाएगी।

दूसरी ओर ट्रेनों के भीतर चूहों, कीडे़ मकौड़े पर नियंत्रण करने के लिए किसी और कंपनी को ठेका दिया है। कंपनी के कर्मियों का यह जिम्मा होगा कि स्टेशन में जहां-जहां भी चूहे अधिक थे वहां दोबारा चूहे न आ पाएं इस पर वे तीन माह तक नजर रखेंगे।


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