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जम्मू रेलकर्मियों ने किया एडीआरएम कार्यालय का घेराव

क्वार्टरों की छत से लेंटर टूट कर गिरता है। दीवारों से सीमेंट उखड़ कर वहां रह रहे लोगों पर गिर रहा है। क्वार्टरों की छत से पानी टपकता है वहां छत पर बड़े पेड़ लगे हुए है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 28 May 2019 05:49 PM (IST)Updated: Tue, 28 May 2019 05:49 PM (IST)
जम्मू रेलकर्मियों ने किया एडीआरएम कार्यालय का घेराव
जम्मू रेलकर्मियों ने किया एडीआरएम कार्यालय का घेराव

जम्मू, जागरण संवाददाता। जम्मू रेलवे स्टेशन में वर्षो से तैनात कर्मचारियों को रहने के लिए रिहायशी क्वार्टर ना मिलने के विरोध में रेलकर्मियों ने स्टेशन परिसर में स्थित एडिशनल डिवीजनल रेलवे मैनेजर (एडीआरएम) कार्यालय का घेराव किया। प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान रेलवे प्रबंधन के विरुद्ध जम कर नारेबाजी की।

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मंगलवार दोपहर को उत्तरीय रेलवे मजूदर यूनियन (यूआरएमयू) के बैनर तले कर्मचारी एडीआरएम कार्यालय के बाहर एकत्रित हुए और उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को अपनी मांगों से अवगत करवाया। इस दौरान पत्रकारों को संबोधित करते हुए सहायक मंडल सचिव (यूआरएमयू) राम कुमार ने कहाकि गत तीस वर्षोें से कई कर्मचारी काम कर रहे है, लेकिन अभी तक विभाग की ओर से क्वार्टर अलार्ट नहीं हो पाया है। कर्मचारी झुग्गियों में जिंदगी बिताने को मजबूर है। कई बार वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में इस मामले को लाया गया है, लेकिन अभी तक इस बाबत कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। कई कर्मचारियों के पास क्वार्टर है भी उनकी भी हालत खस्ता है।

क्वार्टरों की छत से लेंटर टूट कर गिरता है। दीवारों से सीमेंट उखड़ कर वहां रह रहे लोगों पर गिर रहा है। क्वार्टरों की छत से पानी टपकता है, वहां छत पर बड़े पेड़ लगे हुए है। रिहायशी क्वार्टरों में तत्काल मरम्मत की जरूरत है, लेकिन इस बाबत कोई भी रेल अधिकारी ध्यान नहीं देता है। रेल कर्मियों ने इस दौरान वाशिंग लाइन की खस्ताहाल पर भी चिंता व्यक्त करते हुए उसकी तुरंत सफाई करवाने की मांग की। वाशिंग लाइन के नाले गंदगी से पटे हुए है, वहां इतनी बदबू है कि काम करना कर्मचारियों के लिए मुमकिन नहीं है, बावजूद इसके रेल प्रबंधन कर्मचारियों की इस मांग को नजर अंजाद कर रहा है।

वाशिंग लाइन में गंदगी के चलते बीमारियां फैलने का खतरा बना हुआ है। वहीं, ट्रैक मैन की वर्षों से पदोन्नति नहीं हुई है। कई ट्रैकमैन सेवानिवृत्त होने की कगार में भी पहुंच गए है।

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